Google Workspace की सेवा की शर्तें
पिछली बार किए गए बदलाव की तारीख: 30 जनवरी, 2025
क्या Google Cloud आपके लिए नया प्रॉडक्ट है? Google Cloud के ऑनलाइन कानूनी समझौते से जुड़ी खास जानकारी यहां देखी जा सकती है.
इस कानूनी समझौते का अनुवाद अन्य भाषाओं में देखने के लिए, कृपया यहां क्लिक करें.
अगर आपने Google Workspace की सेवाओं के इस्तेमाल के लिए, Google Workspace के इसी खाते के तहत इस कानूनी समझौते के ऑफ़लाइन वैरिएंट पर हस्ताक्षर किए हैं, तो नीचे दी गई शर्तें आप पर लागू नहीं होंगी. आप पर ऑफ़लाइन इस्तेमाल से जुड़ी शर्तें लागू होंगी. इन शर्तों के मुताबिक ही Google Workspace की सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है.
Google Workspace की सेवा की ये शर्तें (एक साथ इन्हें "कानूनी समझौता" कहा जाता है), Google और इन्हें स्वीकार करने वाली किसी इकाई या व्यक्ति ("ग्राहक") के बीच लागू होती हैं. साथ ही, इनसे तय होता है कि ग्राहक को किन सेवाओं का ऐक्सेस मिलेगा और वह उन्हें कैसे इस्तेमाल करेगा. पहले इन शर्तों को "Google Workspace (ऑनलाइन) कानूनी समझौता" या "Google Workspace कानूनी समझौता" के नाम से जाना जाता था. "Google" को यहां जिस संदर्भ में इस्तेमाल किया गया है उसका मतलब https://cloud.google.com/terms/google-entity पर बताया गया है.
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यह कानूनी समझौता उस तारीख से लागू हो जाता है जिस तारीख को ग्राहक इसे स्वीकार करने के लिए क्लिक करता है ("लागू होने की तारीख"). ग्राहक की ओर से इसे स्वीकार करने का मतलब है कि बतौर प्रतिनिधि आप यहां बताई गई शर्तों से सहमत हैं: (i) आपके पास ग्राहक से इस समझौते का पालन करवाने का पूरा कानूनी अधिकार है, (ii) आपने इस कानूनी समझौते को पढ़ और समझ लिया है, और (iii) आप ग्राहक की ओर से इस समझौते से सहमत हैं.
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1. सेवाओं का प्रावधान.
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1.1 सेवाओं का इस्तेमाल. इस्तेमाल की अवधि के दौरान, Google इस कानूनी समझौते के मुताबिक ही सेवाएं मुहैया कराएगा. कानूनी समझौते में, एसएलए (सेवा स्तर समझौता) भी शामिल है. ग्राहक, ज़रूरी ऑर्डर फ़ॉर्म या रीसेलर ऑर्डर में ऑर्डर की गई सेवाओं का इस्तेमाल इस कानूनी समझौते के मुताबिक कर सकता है.
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1.2 Admin console. ग्राहक के पास Admin console का ऐक्सेस होगा, ताकि वह सेवाओं के इस्तेमाल को मैनेज कर सके.
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1.3 खाते; सेवाएं इस्तेमाल करने के लिए पुष्टि करना.
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(a) खाते. सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहक के पास एक खाता होना चाहिए. हालांकि, खाता बनाने के लिए दी जाने वाली जानकारी, खाते के पासवर्ड की सुरक्षा, और खाते के किसी भी तरह के इस्तेमाल के लिए ग्राहक खुद ज़िम्मेदार होगा. Google, ग्राहक को कई खाते देने के लिए बाध्य नहीं है.
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(b) सेवाएं इस्तेमाल करने के लिए पुष्टि करना. सेवाएं इस्तेमाल करने के लिए, ग्राहक को डोमेन ईमेल पते या डोमेन नेम की पुष्टि करनी होगी. अगर ग्राहक के पास डोमेन ईमेल पता इस्तेमाल करने के लिए ज़रूरी अनुमति नहीं है या उसके पास डोमेन नेम का मालिकाना हक नहीं है या उस पर कंट्रोल नहीं है, तो Google, ग्राहक को सेवाएं देने के लिए बाध्य नहीं होगा. साथ ही, वह बिना किसी सूचना के खाता मिटा सकता है.
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1.4 अपडेट.
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(a) सेवाओं में. Google समय-समय पर सेवाओं में कुछ ऐसे बदलाव कर सकता है जो कारोबार के नज़रिये से सही होते हैं.
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(b) कानूनी समझौते में. Google इस कानूनी समझौते की शर्तों में समय-समय पर बदलाव कर सकता है. ऐसे किसी भी बदलाव की जानकारी https://workspace.google.com/terms/premier_terms.html पर दी जाएगी. ये अपडेट सिर्फ़ तब लागू होंगे, जब ग्राहक के ऑर्डर की शर्तें रिन्यू होंगी. यह सेक्शन 1.4(b) (कानूनी समझौते में बदलाव) यूआरएल की शर्तों में होने वाले बदलावों पर लागू नहीं होता है.
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(c) यूआरएल की शर्तों में. Google यूआरएल की इन शर्तों में समय-समय पर बदलाव कर सकता है. ऐसे किसी भी बदलाव की जानकारी इससे जुड़े यूआरएल पर दी जाएगी. यूआरएल की शर्तों में बदलाव होने की जानकारी पोस्ट करने के 30 दिनों के बाद, ये बदलाव लागू होंगे. अगर Google ने इन बदलावों के लागू होने के बारे में कोई अलग जानकारी दी है, तो 30 दिनों की यह अवधि मान्य नहीं होगी. अगर नई सुविधा या Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में बदलाव होने या लागू कानून का पालन करने के लिए ज़रूरी होने पर, ये बदलाव तुरंत लागू हो जाएंगे. ऐसे मामलों में पिछले वाक्य की किसी भी बात का कोई असर नहीं होगा.
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(d) Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में. Google सिर्फ़ इन मामलों में, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में बदलाव कर सकता है: जब लागू कानून के पालन के लिए बदलाव करना ज़रूरी हो, जब बदलाव करने की अनुमति साफ़ तौर पर Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में दी गई हो या जब बदलाव:
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(i) कारोबार के नज़रिये से सही हो,
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(ii) सेवाओं की सुरक्षा पर कोई खास असर न डालता हो,
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(iii) Google के 'ग्राहक का निजी डेटा' प्रोसेस करने पर लागू किसी भी पाबंदी को न तो हटाता हो और न ही उसका दायरा बढ़ाता हो, जैसा कि Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम के 'ग्राहक के लिए उपलब्ध निर्देशों का अनुपालन' सेक्शन में बताया गया है, और
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(iv) Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम के तहत, ग्राहक के अधिकारों पर किसी भी तरह से बुरा असर न डालता हो.
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(e) मुख्य सेवाएं बंद करना. Google, किसी मुख्य सेवा या उससे जुड़ी अहम सुविधा को बंद करने के कम से कम 12 महीने पहले ग्राहक को सूचना देगा. अगर Google उस सेवा या सुविधा की जगह पर उसी तरह की कोई और मुख्य सेवा या सुविधा उपलब्ध कराता है, तो सूचना नहीं दी जाएगी. सेक्शन 1.4(e) (मुख्य सेवाएं बंद करना) में ऐसा कुछ भी नहीं है जो लागू कानून के पालन के लिए ज़रूरी बदलाव करने, अहम सुरक्षा से जुड़े जोखिम को दूर करने या बहुत बड़ी आर्थिक या अहम तकनीकी दिक्कतों से बचने के लिए, Google की क्षमता को सीमित करता हो. सेक्शन 1.4(e) (मुख्य सेवाएं बंद करना), अन्य सेवाओं या सामान्य रूप से उपलब्ध होने से पहले दी जाने वाली सेवाओं, ऑफ़र या सुविधाओं पर लागू नहीं होता है.
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2. पेमेंट की शर्तें.
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2.1 इस्तेमाल का मेज़रमेंट और बिलिंग के विकल्प. Google के मेज़रमेंट टूल यह पता लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे कि ग्राहक, सेवाओं का कितना इस्तेमाल करता है. सेवाओं का ऑर्डर देते समय बिलिंग के लिए, ग्राहक इनमें से कोई एक विकल्प चुन सकता है. वह बिलिंग के लिए, Google के उपलब्ध कराए गए अन्य विकल्पों में से भी कोई विकल्प चुन सकता है.
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(a) महीने के हिसाब से प्लान. अगर ग्राहक यह विकल्प चुनता है, तो उसके लिए, पहले से तय अवधि के लिए सेवाएं खरीदना ज़रूरी नहीं होगा. हालांकि, उसे सेवाओं के हर दिन के इस्तेमाल के हिसाब से पैसे चुकाने होंगे. इसे हर महीने के बिल में बकाया के तौर पर जोड़ा जाएगा. अगर किसी दिन कुछ ही घंटों के लिए सेवाओं का इस्तेमाल किया गया है, तो शुल्क का हिसाब लगाने के लिए उस दिन को पूरा दिन माना जाएगा.
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(b) सालाना/तय समय वाला प्लान. अगर ग्राहक यह विकल्प चुनता है, तो उसे एक या इससे ज़्यादा सालों (जो ग्राहक ने चुने हों) के लिए सेवाएं खरीदनी होंगी. Google, ग्राहक को ऑर्डर फ़ॉर्म में चुनी गई अवधि के मुताबिक बिल भेजेगा.
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Google, ग्राहक को 30 दिन पहले सूचना देकर बिलिंग के विकल्पों में बदलाव कर सकता है. इसमें बिलिंग के किसी भी विकल्प के इस्तेमाल को सीमित करना या बंद करना भी शामिल है. ऐसा कोई भी बदलाव, ग्राहक के अगले ऑर्डर की अवधि की शुरुआत से लागू होगा. ऐसा हो सकता है कि बिलिंग के विकल्प कुछ ग्राहकों के लिए उपलब्ध न हों. ग्राहक, सेक्शन 2.2 (पेमेंट) में बताए गए पेमेंट के तरीकों का इस्तेमाल करके, सेवाओं के लिए पेमेंट कर सकता है.
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2.2 पेमेंट. सभी पेमेंट, ऑर्डर फ़ॉर्म या इनवॉइस में बताई गई मुद्रा में करने होंगे.
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(a) क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड. अगर ग्राहक क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या बिना इनवॉइस वाले किसी अन्य तरीके से पेमेंट करता है, तो उसे उस महीने के आखिर में पेमेंट करने होंगे जिसमें उसने सेवाएं ली हैं. क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के लिए, जो भी लागू हो: (i) अगर कोई शुल्क बकाया है, तो Google एक इलेक्ट्रॉनिक बिल जारी करता है और (ii) अगर ग्राहक, सेवाएं इस्तेमाल करने वाले महीने के खत्म होने के 30 दिनों के बाद तक ये शुल्क नहीं चुकाता है, तो इन्हें बकाया माना जाता है.
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(b) इनवॉइस. अगर ऑर्डर फ़ॉर्म पर कुछ और नहीं बताया गया है, तो इनवॉइस के पेमेंट, इनवॉइस की तारीख के बाद 30 दिनों के अंदर करने होते हैं. उस तारीख के बाद, इन्हें बकाया माना जाता है.
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(c) पेमेंट के अन्य तरीके. Google ने Admin console में पेमेंट का जो तरीका उपलब्ध कराया है उसे ग्राहक, पेमेंट के किसी अन्य तरीके से बदल सकता है. इसके लिए, ग्राहक को पेमेंट के उस तरीके की अतिरिक्त शर्तों को स्वीकार करना होगा.
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(d) पेमेंट के बारे में जानकारी. वायर ट्रांसफ़र से किए गए पेमेंट में, बैंक की वह जानकारी होनी चाहिए जो Google ने दी है.
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2.3 टैक्स.
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(a) ग्राहक हर टैक्स के लिए जवाबदेह है. सेवाओं के लिए, उसे ही Google को पूरे टैक्स के साथ पेमेंट करना होगा. अगर Google टैक्स इकट्ठा करने या टैक्स देने के लिए जवाबदेह है, तो टैक्स का इनवॉइस ग्राहक को भेजा जाएगा. इसके बाद, ग्राहक उन टैक्स का पेमेंट Google को करेगा. अगर ग्राहक सही समय पर, उन टैक्स में छूट का मान्य सर्टिफ़िकेट Google को देता है, तो उसे टैक्स का पेमेंट नहीं करना होगा.
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(b) ग्राहक खुद पर लगने वाले किसी भी टैक्स की पहचान से जुड़ी जानकारी, Google को देगा. Google को लागू कानून के तहत इस जानकारी की ज़रूरत पड़ सकती है, ताकि पक्का किया जा सके कि उस टैक्स से जुड़े कानून का पालन, उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाली संस्थाओं और टैक्स से जुड़े लागू नियमों के तहत हो. ग्राहक, किसी भी टैक्स, ब्याज, दंड या गलत एलान की वजह से लगने वाले जुर्माने को भरने (या Google को लौटाने) के लिए ज़िम्मेदार होगा.
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2.4 पेमेंट से जुड़े विवाद. पेमेंट से जुड़े किसी भी विवाद के बारे में अच्छी भावना रखते हुए बिलिंग की तारीख से पहले ही जानकारी देना ज़रूरी है. अगर Google अच्छी भावना रखते हुए किसी विवाद की समीक्षा करता है और उसे पता चलता है कि उसकी वजह से बिलिंग में कुछ दिक्कतें हुई हैं, तो वह सही इनवॉइस जारी नहीं करेगा, बल्कि प्रभावित इनवॉइस में गलत रकम की जानकारी देते हुए एक क्रेडिट मेमो जारी करेगा. अगर विवाद वाले इनवॉइस के लिए अभी तक पैसे नहीं चुकाए गए हैं, तो Google इसमें से क्रेडिट मेमो की रकम अडजस्ट कर देगा. बकाया पैसे को चुकाने के लिए ग्राहक ज़िम्मेदार होगा. इस कानूनी समझौते के मुताबिक, Google किसी का भी बकाया पैसा चुकाने के लिए बाध्य नहीं है.
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2.5 बकाया पेमेंट, निलंबन. तय तारीख तक पेमेंट न करने पर (इसमें उस रकम को शामिल नहीं किया जाता जिसे लेकर विवाद है और जिसकी जानकारी पेमेंट करने की तय तारीख से पहले ही दे दी गई है), हर महीने 1.5% के हिसाब से या अगर यह कम हो, तो कानून के मुताबिक सबसे ज़्यादा दर पर ब्याज़ लग सकता है. पेमेंट करने की तय तारीख से लेकर ऐसा तब तक होगा, जब तक पूरा पेमेंट नहीं किया जाता. ग्राहक, Google को ऐसे सभी ज़रूरी खर्चों (वकील की फ़ीस के साथ) की भरपाई करेगा जो बकाया रकम इकट्ठा करने में Google ने खर्च किए हैं. हालांकि, इसमें बिलिंग की समस्याओं की वजह से बकाया रकम शामिल नहीं होगी. इसके अलावा, सेवाओं के लिए देरी से पेमेंट करने पर, Google उन्हें निलंबित कर सकता है.
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2.6 परचेज़ ऑर्डर (पीओ) नंबर की ज़रूरत नहीं है. ग्राहक को लागू होने वाले सभी शुल्क का पेमेंट करना होगा. इसके लिए, Google को अपने इनवॉइस (या अन्य) का परचेज़ ऑर्डर (पीओ) नंबर देने की ज़रूरत नहीं होगी.
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2.7 शुल्क में बदलाव. Google किसी भी समय शुल्क में बदलाव कर सकता है, जब तक कि बताई गई शर्तों या ऑर्डर फ़ॉर्म में साफ़ तौर पर किसी और बात पर सहमति न हो. Google शुल्क में कोई भी बदलाव करने से कम से कम 30 दिन पहले ग्राहक को सूचना देगा. ये बदलाव इन 30 दिनों के बाद ग्राहक के अगले ऑर्डर की अवधि शुरू होने पर ही लागू होंगे.
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3. ग्राहक की जवाबदेही.
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3.1 अनुपालन. ग्राहक (a) पक्का करेगा कि वह और उसके असली उपयोगकर्ता, कानूनी समझौते का पालन करते हुए सेवाओं का इस्तेमाल करेंगे, (b) अनुमति के बिना सेवाओं को इस्तेमाल या ऐक्सेस करने से रोकने के लिए, कारोबार के नज़रिए से सही तरीकों का इस्तेमाल करेंगे, और (c) सेवाओं, खाते या ग्राहक के पासवर्ड को अनुमति के बिना ऐक्सेस या इस्तेमाल किए जाने के बारे में पता चलने पर, Google को तुरंत उसकी सूचना देंगे. ग्राहक से उचित इस्तेमाल की नीति (एयूपी) का कोई भी संभावित उल्लंघन होने पर, जांच करने का अधिकार सुरक्षित रखता है. इसमें ग्राहक के डेटा की समीक्षा करना शामिल हो सकता है.
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3.2 निजता. इन अनुमतियों से जुड़ी किसी भी ज़रूरी सहमति या सूचना के लिए, ग्राहक जवाबदेह होता है: (a) सेवाएं पाने या इनके इस्तेमाल के लिए ग्राहक को दी गई अनुमति और (b) ग्राहक से मिले डेटा (इसमें ग्राहक से जुड़ा डेटा शामिल है) को कानूनी समझौते के हिसाब से ऐक्सेस, सेव, और प्रोसेस करने के लिए Google को दी गई अनुमति.
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3.3 पाबंदियां. ग्राहक न खुद ऐसा कुछ करेगा और न ही असली उपयोगकर्ताओं को ऐसा करने की अनुमति देगा: (a) सेवाओं की कॉपी बनाना, उनमें बदलाव करना या सेवाओं की पहले से मौजूद रचना पर आधारित कोई काम करना; (b) सेवाओं की रिवर्स इंजीनियरिंग करना, उन्हें डिकंपाइल करना, किसी दूसरी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में कन्वर्ट करना, डिसअसेंबल करना या किसी दूसरे तरीके से पूरा या कोई भी सोर्स कोड निकालने की कोशिश करना (सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां लागू कानून के मुताबिक, ऐसी पाबंदी लगाने पर साफ़ तौर पर रोक हो); (c) सेवा के किसी हिस्से या पूरी सेवा की बिक्री करना, उन्हें दोबारा बेचना, उनकी सबलाइसेंसिंग करना, उन्हें ट्रांसफ़र करना या डिस्ट्रिब्यूट करना या (d) इनके लिए या इस तरह से सेवाओं को ऐक्सेस या इस्तेमाल करना: (i) बहुत ज़्यादा जोखिम वाली गतिविधियों के लिए; (ii) एयूपी की नीतियों का उल्लंघन करके; (iii) शुल्क बचाने के इरादे से (इसमें सिंगल ग्राहक खाते के रूप में सिम्युलेट करने या काम करने के लिए या खास सेवा के इस्तेमाल की सीमा या कोटा से बचने के लिए, कई ग्राहक खाते बनाना शामिल है); (iv) Google की लिखित अनुमति के बिना क्रिप्टो करंसी की माइनिंग में शामिल होने के लिए; (v) जब तक सेवा से जुड़ी शर्तों में न कहा गया हो, आपातकालीन सेवा को कॉल करने या उनसे कॉल पाने के लिए; (vi) संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से मैनेज किए जाने वाले, इंटरनैशनल ट्रैफ़िक इन आर्म्स रेगुलेशन (आईटीएआर) के दायरे में आने वाले मटीरियल या गतिविधियों के लिए; (vii) इस तरह से ऐक्सेस या इस्तेमाल करना कि उससे एक्सपोर्ट कंट्रोल के कानूनों का उल्लंघन होता हो या उल्लंघन हो सकता हो या (viii) स्वास्थ्य की उस जानकारी को ट्रांसमिट, संग्रहित या प्रोसेस करने के लिए जिस पर संयुक्त राज्य अमेरिका के हिपा कानून लागू होते हैं. पाबंदी के दायरे में स्वास्थ्य की वह जानकारी नहीं आती जिसे हिपा बीएए (बिज़नेस असोसिएट एग्रीमेंट) के तहत मंज़ूरी मिली हो.
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3.4 अतिरिक्त प्रॉडक्ट और तीसरे पक्ष की सेवाएं. इन सेवाओं के साथ इस्तेमाल करने के लिए, अतिरिक्त प्रॉडक्ट और तीसरे पक्ष की सेवाएं विकल्प के तौर पर उपलब्ध कराई जा सकती हैं और Admin Console की मदद से चालू या बंद की जा सकती हैं. अतिरिक्त प्रॉडक्ट इस्तेमाल करने पर, अतिरिक्त प्रॉडक्ट की शर्तें लागू होती हैं. ये शर्तें, समझौते में रेफ़रंस के तौर पर शामिल होती हैं और Google समय-समय पर इन्हें अपडेट कर सकता है. तीसरे पक्ष की सेवाएं इस्तेमाल करने पर, उन्हें उपलब्ध कराने वाली कंपनी के अलग-अलग नियम और नीतियां लागू होती हैं.
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3.5 सेवाओं का मैनेजमेंट. ग्राहक, Admin console में जाकर, एक या एक से ज़्यादा ऐसे एडमिन तय कर सकता है जिनके पास एडमिन खाते ऐक्सेस करने का अधिकार होगा. ग्राहक इनके लिए जवाबदेह है: (a) असली उपयोगकर्ता खातों और उनसे जुड़े पासवर्ड की गोपनीयता और सुरक्षा बनाए रखना; और (b) असली उपयोगकर्ता खातों का किसी भी तरह से इस्तेमाल. ग्राहक यह सहमति देता है कि Google इस बात के लिए जवाबदेह नहीं है कि ग्राहक या किसी अन्य असली उपयोगकर्ता को मिलने वाली सेवाओं को अंदरूनी तौर पर कैसे मैनेज किया जाता है.
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3.6 गलत इस्तेमाल की निगरानी करना. ग्राहक, कस्टमर डोमेन नेम के दूसरे ईमेल पतों, "abuse" और "Postmaster" को भेजे जाने वाले ईमेल की निगरानी करने, उन पर कार्रवाई करने, और उन्हें प्रोसेस करने के लिए खुद जवाबदेह है. हालांकि, सेवाओं के गलत इस्तेमाल की पहचान करने के लिए Google इन दूसरे ईमेल पतों पर भेजे गए ईमेल की निगरानी कर सकता है.
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3.7 ऑर्डर की अवधि के दौरान अतिरिक्त असली उपयोगकर्ता खातों का अनुरोध करना. ग्राहक, ऑर्डर की अवधि के दौरान अतिरिक्त ऑर्डर फ़ॉर्म या रीसेलर ऑर्डर या Admin console के ज़रिए ऑर्डर करके, अतिरिक्त असली उपयोगकर्ता खाते खरीद सकता है. ऐसे अतिरिक्त असली उपयोगकर्ता खातों की अवधि प्रो-राटा बेसिस पर तय होगी और ऑर्डर की अवधि के आखिरी दिन खत्म होगी.
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3.8 कॉपीराइट. कॉपीराइट के कथित उल्लंघन का नोटिस मिलने पर, Google उचित कार्रवाई करता है. साथ ही ज़रूरत पड़ने पर, बार-बार उल्लंघन करने वाले खातों को अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट ऐक्ट के तहत बंद कर देता है. ऐसा, ऑनलाइन सेवा देने वाली कंपनियों के लिए, माहौल को सुरक्षित बनाए रखने के मकसद से किया जाता है.
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4. निलंबन.
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4.1 एयूपी का उल्लंघन. अगर Google को पता चलता है कि ग्राहक या किसी असली उपयोगकर्ता ने सेवाओं के इस्तेमाल में एयूपी का उल्लंघन किया है, तो Google उस ग्राहक से उल्लंघन के मामले को ठीक करने का अनुरोध करेगा. अगर ग्राहक, Google के अनुरोध करने के 24 घंटों के अंदर उल्लंघन को ठीक नहीं करता है, तो Google ग्राहक के सभी या कुछ सेवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा सकता है. यह रोक तब तक के लिए होगी, जब तक उल्लंघन को ठीक नहीं कर लिया जाता. सेवाओं पर लगने वाली रोक में, एयूपी का उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को हटाना या उसे शेयर करने से रोकना शामिल हो सकता है
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4.2 अन्य निलंबन. सेक्शन 4.1 (एयूपी का उल्लंघन) के अपवाद के तौर पर, Google ग्राहक के लिए सेवाओं के इस्तेमाल (इसमें खाते का इस्तेमाल भी शामिल है) को पूरी तरह या कुछ सुविधाओं को तुरंत निलंबित कर सकता है. हालांकि, ऐसा तब होता है, जब (a) Google को यह लगता है कि सेवाओं को सुरक्षित रखने वाले उसके इन्फ़्रास्ट्रक्चर, सेवाओं के किसी अन्य ग्राहक (या उनके असली उपयोगकर्ताओं) या सेवाओं को सुरक्षित बनाए रखने के लिए निलंबन ज़रूरी है, (b) यह शक हो कि कोई ऐसा तीसरा पक्ष सेवाओं को ऐक्सेस कर रहा है जिसे इसकी अनुमति नहीं है, (c) Google को यह लगता है कि किसी भी लागू कानून का पालन करने के लिए, तुरंत निलंबन ज़रूरी है या (d) ग्राहक, सेक्शन 3.3 के तहत (पाबंदियों) या किसी खास सेवा की शर्तों का उल्लंघन करता है. Google किसी भी निलंबन को तब हटाएगा, जब निलंबन के मामले को ठीक कर लिया गया जाएगा. Google, ग्राहक के अनुरोध करने पर, खाते के निलंबन की वजह जल्द से जल्द बताएगा. कुछ मामलों में, कानूनी पाबंदियों की वजह से, निलंबन की वजह नहीं बताई जाएगी. असली उपयोगकर्ता खातों के निलंबन के मामले में, Google कुछ खास स्थितियों में, ग्राहक के एडमिन को असली उपयोगकर्ताओं के खातों को पहले जैसा करने की सुविधा देगा.
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5. बौद्धिक संपत्ति के अधिकार, ग्राहक से जुड़े डेटा की सुरक्षा, सेवाओं के साथ ब्रैंड की पहचान का इस्तेमाल, और सुझाव, शिकायत या राय.
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5.1 बौद्धिक संपत्ति के अधिकार. इस कानूनी समझौते में जब तक साफ़ तौर पर नहीं लिखा हो, तब तक यह कानूनी समझौता तब तक किसी भी एक पक्ष के कॉन्टेंट या बौद्धिक संपत्ति के अधिकार किसी अन्य पक्ष को नहीं देगा. ग्राहक के डेटा से जुड़े, बौद्धिक संपत्ति के सभी अधिकार ग्राहक के पास रहते हैं और सेवाओं से जुड़ी बौद्धिक संपत्ति के सभी अधिकार Google के पास रहते हैं.
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5.2 ग्राहक से जुड़े डेटा की सुरक्षा. Google सिर्फ़ Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम के हिसाब से, ग्राहक के डेटा को ऐक्सेस, इस्तेमाल या प्रोसेस करेगा. वह किसी अन्य उद्देश्य के लिए ऐसा नहीं करेगा. Google ने ग्राहक के डेटा की सुरक्षा के लिए, तकनीकी, संगठन, और फ़िज़िकल लेवल पर कुछ उपाय किए हैं जिन्हें वह बनाए रखेगा. इनके बारे में, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में बताया गया है.
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5.3 ग्राहक के सुझाव, शिकायत या राय. अगर ग्राहक चाहे, तो ("सुझाव, शिकायत या राय") में जाकर Google को सेवाओं के बारे में सुझाव/राय दे सकता है या उनके बारे में शिकायत कर सकता है. अगर ग्राहक कोई सुझाव/राय देता है या शिकायत करता है, तो Google और उससे जुड़ी इकाइयां, किसी तरह की पाबंदी या ग्राहक के प्रति किसी तरह की जवाबदेही के बिना उसका इस्तेमाल कर सकती हैं.
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5.4 सेवाओं में ब्रैंड की पहचान का इस्तेमाल करना. Google, ग्राहक के ब्रैंड की सिर्फ़ उन पहचान को दिखाएगा जिन्हें ग्राहक ने सेवाओं में अपलोड किया है और Google को उन्हें दिखाने की अनुमति दी है. Google, ग्राहक या उसके असली उपयोगकर्ताओं को ग्राहक के ब्रैंड की पहचान, वेब पेजों पर तय की गई जगहों पर ही दिखाएगा. ग्राहक, Admin console की मदद से यह तय कर सकता है कि उसके ब्रैंड की पहचान को किस तरह से दिखाया जाए. Google ऐसे वेब पेज पर Google ब्रैंड की पहचान को भी दिखा सकता है. ऐसा यह बताने के लिए किया जाता है कि ये सेवाएं Google की ओर से उपलब्ध कराई जाती हैं.
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6. तकनीकी सहायता सेवाएं. अगर ग्राहक लागू शुल्कों का पेमेंट करता है, तो Google उसे ऑर्डर की अवधि के दौरान, टीएसएस (तकनीकी सहायता सेवाएं) से जुड़े दिशा-निर्देश के मुताबिक टीएसएस उपलब्ध कराएगा. टीएसएस के कुछ लेवल में, बार-बार लगने वाला शुल्क शामिल होता है जो कम से कम होता है. इसकी जानकारी https://workspace.google.com/terms/tssg.html पर दी गई है. अगर ग्राहक किसी महीने में अपने टीएसएस लेवल को घटा देता है, तो Google उसे महीने के बाकी समय में पुराने लेवल के हिसाब से ही टीएसएस देना जारी रख सकता है. साथ ही, इसके लिए वही शुल्क लगा सकता है जो टीएसएस लेवल कम करने के पहले लगाता था.
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7. गोपनीय जानकारी.
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7.1 जवाबदेही. जानकारी पाने वाला पक्ष सिर्फ़ अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने और समझौते के तहत अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए, जानकारी देने वाले पक्ष की गोपनीय जानकारी का इस्तेमाल करेगा. साथ ही, उस पक्ष की गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल न हो, इसका भी ध्यान रखेगा. जानकारी पाने वाला पक्ष, गोपनीय जानकारी को सिर्फ़ अपने और अपने सहयोगियों के उन कर्मचारियों, एजेंट, सबकॉन्ट्रैक्टर या पेशेवर सलाहकारों ("प्रतिनिधियों") के साथ शेयर कर सकता है जिनके लिए इसे जानना ज़रूरी है और जिन्होंने लिखित रूप से (या जो पेशेवर सलाहकारों पहले से ही बाध्य हैं उनके मामले में) इसे गोपनीय रखने के लिए सहमति दी है. समझौते के मुताबिक, जानकारी पाने वाला पक्ष यह पक्का करेगा कि उसके प्रतिनिधि गोपनीय जानकारी का इस्तेमाल, सिर्फ़ अधिकारों का इस्तेमाल करने और अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए करेंगे.
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7.2 ज़रूरी जानकारी ज़ाहिर करना. इस कानूनी समझौते के उलट अन्य किसी भी प्रावधान के बावजूद, जानकारी पाने वाला पक्ष या उसका सहयोगी, लागू कानूनी प्रक्रिया के तहत तय सीमा तक गोपनीय जानकारी ज़ाहिर कर सकता है. बशर्ते, जानकारी पाने वाला पक्ष या उसका सहयोगी, कारोबार के नज़रिए से सही तरीका अपनाते हुए (a) गोपनीय जानकारी ज़ाहिर करने से पहले, उससे जुड़े अन्य पक्ष को उसके बारे में बताए और (b) जानकारी ज़ाहिर करने का विरोध करने की कोशिशों से जुड़े अन्य पक्ष के अनुरोधों को पूरा करे. इन सब-सेक्शन के बावजूद, अगर जानकारी पानेवाला पक्ष यह पक्का करता है कि (a) और (b) का पालन करने से, (i) कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन हो सकता है; (ii) किसी सरकारी जांच में रुकावट आ सकती है; या (iii) किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है या उसे गंभीर रूप से शारीरिक चोट पहुंच सकती है, तो सबसेक्शन (a) और (b) उस पर लागू नहीं होगा.
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8. कानूनी समझौते की अवधि और उसका खत्म होना.
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8.1 कानूनी समझौते की अवधि. इस कानूनी समझौते की अवधि ("अवधि"), इसके लागू होने की तारीख से शुरू होगी और तब तक जारी रहेगी, जब तक कि इस सेक्शन 8 (कानूनी समझौते की अवधि और उसका खत्म होना) के मुताबिक, समझौते को खत्म या रिन्यू नहीं किया जाता.
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8.2 रिन्यूअल.
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(a) महीने के हिसाब से प्लान के साथ. 'महीने के हिसाब से प्लान' के ऑर्डर की अवधि, महीने के हिसाब से तय होती है. हर महीने के आखिर में, ऑर्डर की अवधि अपने-आप एक और महीने के लिए रिन्यू हो जाती है. ऐसा तब तक होता रहता है, जब तक ग्राहक Admin console में जाकर इसे रद्द नहीं करता.
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(b) सालाना/तय समय वाले प्लान के साथ. सालाना/तय समय वाले प्लान के लिए ऑर्डर की हर अवधि के खत्म होने पर, सेवाओं को ऑर्डर फ़ॉर्म या Admin console में ग्राहक के चुने गए प्लान के हिसाब से रिन्यू किया जाएगा.
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(c) आम तौर पर. ग्राहक, रिन्यू किए जाने वाले असली उपयोगकर्ता खातों की संख्या को बढ़ाने या घटाने के लिए, Admin console का इस्तेमाल कर सकता है. ग्राहक, रिन्यू किए गए हर असली उपयोगकर्ता खाते के लिए, Google को उस समय लगने वाला शुल्क तब तक चुकाता रहेगा, जब तक ग्राहक और Google आपस में किसी और बात पर सहमत नहीं होते. अगर दोनों में से कोई एक पक्ष सेवाओं को रिन्यू नहीं करना चाहता, तो वह मौजूदा ऑर्डर अवधि खत्म होने के कम से कम 15 दिन पहले दूसरे पक्ष को इसके बारे में लिखित सूचना देगा. सेवाओं को रिन्यू नहीं करने का नोटिस, मौजूदा ऑर्डर की अवधि के खत्म होने पर ही लागू होगा.
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8.3 उल्लंघन की वजह से कानूनी समझौता खत्म करना. लागू कानून के मुताबिक एक तय सीमा तक, कोई भी पक्ष लिखित सूचना देकर कानूनी समझौते को तुरंत खत्म कर सकता है. ऐसा तब किया जा सकता है, जब दूसरे पक्ष ने (a) कानूनी समझौते का उल्लंघन किया हो और लिखित सूचना पाने के 30 दिनों के अंदर उस उल्लंघन को ठीक न कर पाया हो या (b) अपना कारोबार चलाना बंद कर दिया हो या दिवालियापन की प्रक्रिया का सामना कर रहा हो और 90 दिनों के अंदर दिवालियापन की प्रक्रिया रद्द न हो गई हो.
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8.4 ज़रूरत के हिसाब से कानूनी समझौता खत्म करना. ग्राहक किसी भी समय सेवाओं का इस्तेमाल करना बंद कर सकता है. ग्राहक अपने सभी वित्तीय लेन-देन को एक ऑर्डर फ़ॉर्म या ऐसे दूसरे कानूनी समझौते के तहत (इसमें ऑर्डर की अवधि के लिए सभी शुल्क का पेमेंट शामिल है) पूरा करते हुए, नोटिस देकर इस कानूनी समझौते को किसी भी समय खत्म कर सकता है.
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8.5 लागू कानून की वजह से समझौते का खत्म होना, कानूनों का उल्लंघन. Google लिखित सूचना देकर इस कानूनी समझौते को खत्म कर सकता है और/या किसी भी लागू ऑर्डर फ़ॉर्म को तुरंत रद्द कर सकता है. Google ऐसा तब करता है, जब उसे लगता है कि (a) ग्राहक जिस सेवा का इस्तेमाल कर रहा है उसकी वजह से, लागू कानूनों का उल्लंघन हो सकता है या (b) ग्राहक ने रिश्वतखोरी के ख़िलाफ़ लागू किसी कानून या एक्सपोर्ट कंट्रोल के किसी कानून का उल्लंघन किया है या ऐसा करने के लिए, Google की सेवाओं का इस्तेमाल किया है.
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8.6 कानूनी समझौता खत्म होने या उसके रिन्यू न होने का असर. अगर कानूनी समझौता खत्म हो गया है या रिन्यू नहीं किया गया है, तो (a) कानूनी समझौते के तहत सेवाओं से जुड़े सारे अधिकार और ऐक्सेस खत्म हो जाएंगे (इनमें ग्राहक से जुड़े डेटा का ऐक्सेस भी शामिल होगा), जब तक कि इस समझौते में अलग से कुछ न बताया गया हो और (b) वे सभी शुल्क जो ग्राहक को Google को देने हैं, बकाये के तौर पर फ़ाइनल इलेक्ट्रॉनिक बिल में भेजे जाएंगे या उन्हें फ़ाइनल इनवॉइस में दिखाया जाएगा.
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8.7 रिफ़ंड न मिलना. अगर इस कानूनी समझौते में साफ़ तौर पर नहीं बताया गया है या कानूनी तौर पर ज़रूरी नहीं है, तो इसके किसी भी सेक्शन (जिसमें Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम शामिल है) के तहत इस कानूनी समझौते को खत्म करने या रिन्यू न किए जाने पर, Google कोई भी शुल्क रिफ़ंड करने के लिए बाध्य नहीं होगा.
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9. प्रचार. कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष की पहले से लिखित सहमति लिए बिना उसके ब्रैंड की पहचान का इस्तेमाल नहीं कर सकता और न ही ऐसी प्रेस रिलीज़, ब्लॉग पोस्ट, भाषण, सोशल मीडिया पोस्ट या घोषणा को जारी, पब्लिश या प्रज़ेंट कर सकता है जिसमें ग्राहक की इस्तेमाल की जाने वाली सेवाओं या इस समझौते की चर्चा की गई हो. इसके अलावा, वे एक-दूसरे के निवेशकों को कॉल भी नहीं कर सकते. हालांकि, अगर इस कानूनी समझौते में साफ़ तौर पर इन कामों के लिए अनुमति दी गई है, तो ऐसा किया जा सकता है. इसके पहले वाले वाक्य में बताए गए नियम के मुताबिक, ग्राहक सार्वजनिक रूप से बता सकता है कि वह Google Cloud का ग्राहक है और ब्रैंडिंग के दिशा-निर्देशों के हिसाब से ब्रैंड की पहचान को दिखा सकता है. Google, सेवाओं के ऑनलाइन या ऑफ़लाइन प्रमोशन के कॉन्टेंट में, ग्राहक का नाम और ब्रैंड की पहचान का इस्तेमाल कर सकता है. किसी पक्ष के ब्रैंड की पहचान का कोई भी इस्तेमाल, उस पक्ष के लिए फ़ायदेमंद होगा जिसके पास उन ब्रैंड सुविधाओं की बौद्धिक संपत्ति के अधिकार हैं.
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10. प्रतिनिधि बनना और समर्थन करना. हर पक्ष इसका प्रतिनिधि है और इस बात का समर्थन करता है कि (a) उसके पास कानूनी समझौते में शामिल होने का पूरा अधिकार और अनुमति है और (b) वह सेवाओं के प्रावधान, उसे पाने या उसके इस्तेमाल (जो भी लागू हो) पर लागू होने वाले सभी कानूनों का पालन करेगा.
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11. डिसक्लेमर. कानूनी समझौते में साफ़ तौर पर जो बताया गया है उसे छोड़कर, Google (a) किसी भी तरह की कोई अन्य वारंटी नहीं देता है, फिर चाहे वह साफ़ तौर पर हो, खास जानकारी की तरह हो, कानूनी हो या किसी और तरह से हो. इसमें कारोबार के काबिल होने, किसी खास इस्तेमाल के लिए दुरुस्ती, गैर-उल्लंघन, टाइटल या बिना किसी गड़बड़ी के या बिना रुकावट के सेवाओं के इस्तेमाल की वारंटी शामिल हैं और (b) सेवाओं के ज़रिए ऐक्सेस करने लायक बनाए गए किसी भी कॉन्टेंट या जानकारी का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. Google इन्हें बनाता नहीं है और लागू कानून के तहत मिलने वाली अनुमतियों के मुताबिक पूरी तरह से, साफ़ तौर पर इनका खंडन करता है.
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12. जवाबदेही की सीमा.
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12.1 सीधे पता न चलने वाले नुकसान के लिए कानूनी जवाबदेही की सीमा. लागू कानून के मुताबिक एक तय सीमा तक और सेक्शन 12.3 (असीमित कानूनी जवाबदेही) के हिसाब से, कोई भी पक्ष इस कानूनी समझौते से होने वाले या इससे जुड़े किसी भी: (a) सीधे पता न चलने वाले नुकसान, नतीजतन होने वाले नुकसान, किसी खास नुकसान, अचानक होने वाले नुकसान या दंड के तौर पर हर्जाना या (b) रेवेन्यू, फ़ायदों, बचत या साख के नुकसान के लिए जवाबदेह नहीं होगा.
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12.2 कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा. कानूनी समझौते की वजह से होने वाले या उससे जुड़े किसी नुकसान के लिए, हर पक्ष की कुल देनदारी, कानूनी समझौते के तहत ग्राहक के चुकाए गए शुल्क के बराबर तक हो सकती है, जो देनदारी की वजह बनने वाले इवेंट से 12 महीने पहले की अवधि के दौरान चुकाया गया होता है. हालांकि, बिना किसी शुल्क के दी जाने वाली सेवाओं या उनसे जुड़े नुकसान के लिए, Google की कुल देनदारी 5,000 डॉलर से ज़्यादा नहीं होगी.
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12.3 असीमित कानूनी जवाबदेही. इनमें से किसी भी बात को कानूनी समझौते से बाहर नहीं रखा जाएगा और न ही इनकी कानूनी जवाबदेही के लिए कोई सीमा तय होगी:
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(a) किसी तरह की धोखाधड़ी करना या धोखा देने के लिए, कोई जानकारी गलत तरीके से पेश करना,
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(b) सेक्शन 13 (नुकसान की भरपाई) के तहत इसकी जवाबदेही,
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(c) अन्य पक्ष के बौद्धिक संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन,
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(d) कानूनी समझौते के तहत इसके पेमेंट से जुड़ी जवाबदेही (अगर कोई है) या
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(e) ऐसे मामले जिनके लिए, लागू कानून के तहत कानूनी जवाबदेही से न तो बचा जा सकता है और न ही उसे सीमित किया जा सकता है.
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13. नुकसान की भरपाई.
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13.1 नुकसान की भरपाई के लिए Google की जवाबदेही. Google, ग्राहक खाते के तहत सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक और उसके सहयोगियों का बचाव करेगा. अगर कोई तीसरा पक्ष किसी कानूनी कार्रवाई में इस बात का दावा करता है कि किसी सेवा या Google के किसी ब्रैंड की पहचान की वजह से उसके बौद्धिक संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है, तो Google इस कानूनी समझौते के तहत नुकसान की भरपाई करेगा.
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13.2 नुकसान की भरपाई के लिए ग्राहक की जवाबदेही. ग्राहक, Google और उसकी सहयोगी कंपनियों का बचाव करेगा. अगर कोई तीसरा पक्ष, इन वजहों से कोई कानूनी कार्रवाई करता है, तो ग्राहक नुकसान की भरपाई करेगा: (a) ग्राहक के किसी डेटा या ग्राहक के किसी ब्रैंड की पहचान (b) ग्राहक या उसके किसी असली उपयोगकर्ता की ओर से सेवाओं का इस तरह से इस्तेमाल जिससे AUP या सेक्शन 3.3 (पाबंदियां) का उल्लंघन हुआ हो.
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13.3 अपवाद. सेक्शन 13.1 (नुकसान की भरपाई के लिए Google की जवाबदेही) और 13.2 (नुकसान की भरपाई के लिए ग्राहक की जवाबदेही) इन स्थितियों में लागू नहीं होते हैं: (a) कानूनी समझौते का उल्लंघन, नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष की ओर से किया गया हो, (b) नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष की टेक्नोलॉजी या ब्रैंड की पहचान के साथ-साथ किसी ऐसे मटीरियल का भी इस्तेमाल हुआ हो जो नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष ने उपलब्ध न कराई हो, जब तक कि कानूनी समझौते के तहत ऐसा करना ज़रूरी न हो या (c) अगर नुकसान की भरपाई करने वाला पक्ष, Google या उसके तहत काम करने वाली कोई कंपनी है, तो ग्राहक को बिना किसी शुल्क के दी गई हर सेवा.
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13.4 शर्तें. सेक्शन 13.1 (नुकसान की भरपाई के लिए Google की जवाबदेही) और 13.2 (नुकसान की भरपाई के लिए ग्राहक की जवाबदेही) पर ये शर्तें लागू होती हैं:
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(a) नुकसान की भरपाई पाने वाला पक्ष, किसी भी आरोप पर तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई करने से पहले, नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष को तुरंत लिखित सूचना देगा. साथ ही, किसी आरोप और तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई के समाधान के लिए नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष के साथ सही तरीके से सहयोग करेगा. अगर इस सेक्शन 13.4(a) के उल्लंघन की वजह से, तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई से बचाव पर नकारात्मक असर पड़ता है, तो सेक्शन 13.1 (नुकसान की भरपाई के लिए Google की जवाबदेही) या 13.2 (नुकसान की भरपाई के लिए ग्राहक की जवाबदेही) (जो भी लागू हो) के तहत, नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष की जवाबदेही, नुकसान के हिसाब से कम कर दी जाएगी.
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(b) नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष को तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई के नुकसान वाले हिस्से का पूरा कंट्रोल, नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष को देना होगा. हालांकि, इन शर्तों के मुताबिक ऐसा किया जाएगा: (i) नुकसान की भरपाई पाने वाला पक्ष खुद के खर्चे पर, बिना कंट्रोल वाला सलाहकार नियुक्त कर सकेगा और (ii) किसी समझौते के लिए नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष को कानूनी जवाबदेही स्वीकार करने, रकम का भुगतान करने या कोई कार्रवाई करने (या न करने) की ज़रूरत होने पर, नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष से इन बातों के लिए पहले से लिखित सहमति लेनी होगी: (a) इन कार्रवाइयों को बिना किसी वजह से रोका नहीं जाएगा (b) शर्तें नहीं लगाई जाएंगी और न ही देरी की जाएगी.
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13.5 राहत.
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(a) अगर Google को लगता है कि सेवाओं की वजह से किसी तीसरे पक्ष के बौद्धिक संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है, तो वह बिना किसी की सहमति लिए, अपने खर्च पर ये काम कर सकता है: (i) ग्राहक के लिए, सेवाओं का इस्तेमाल जारी रखने का अधिकार हासिल कर सकता है, (ii) सुविधाओं को कम किए बिना सेवाओं में ऐसे बदलाव कर सकता है जिनसे किसी तरह का उल्लंघन न हो या (iii) सेवाओं की जगह कोई ऐसा विकल्प उपलब्ध करा सकता है जिसमें पहले वाली सभी सुविधाएं मौजूद हों और जिससे उल्लंघन न होता हो.
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(b) अगर Google को लगता है कि सेक्शन 13.5(a) में बताई गई राहतें, कारोबार के नज़रिये से सही नहीं हैं, तो ग्राहक के लिए Google उन सेवाओं को निलंबित कर सकता है या पूरी तरह बंद कर सकता है जिन पर असर पड़ा है. अगर Google उन सेवाओं को बंद कर देता है जिन पर असर पड़ा है, तो वह सेवाओं के लिए पहले से जमा शुल्क का कुछ हिस्सा ग्राहक को रिफ़ंड करेगा. रिफ़ंड की रकम, सेवाएं बंद किए जाने के बाद बची हुई अवधि के हिसाब से तय की जाएगी.
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13.6 एकल अधिकार और जवाबदेही. किसी भी पक्ष के समझौता खत्म करने के अधिकारों पर असर डाले बिना और लागू कानून के मुताबिक एक तय सीमा तक, सेक्शन 13 (नुकसान की भरपाई), इस कानूनी समझौते के तहत, पक्षों को मिलने वाली उस एकमात्र और खास राहत के बारे में बताता है जो सेक्शन 13 में शामिल किए गए, तीसरे पक्ष के बौद्धिक संपत्ति के अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों से जुड़ी है.
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14. रीसेलर से खरीदने वाले ग्राहक. सेक्शन 14 (रीसेलर से खरीदने वाले ग्राहक) सिर्फ़ तब लागू होता है, जब ग्राहक, रीसेलर कानूनी समझौते (ऐसी सेवाएं, "रीसेलर से खरीदी गई सेवा") के तहत रीसेलर की सेवाओं के लिए ऑर्डर करता है.
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14.1 लागू होने वाली शर्तें. रीसेलर से खरीदी गई सेवाओं के लिए:
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(a) इस कानूनी समझौते का सेक्शन 2 (पेमेंट की शर्तें) लागू नहीं होगा,
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(b) रीसेलर का शुल्क लागू होगा और सीधे तौर पर रीसेलर को ही चुकाया जाएगा. रीसेलर से खरीदी गई सेवाओं का शुल्क, रीसेलर और ग्राहक के बीच तय होगा,
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(c) ग्राहक, रीसेलर से खरीदी गई सेवाओं के लिए Google के पास कोई भी ऑर्डर फ़ॉर्म सबमिट नहीं करेगा. Google, ग्राहक को रीसेलर से खरीदी गई वही सेवाएं देगा जिनकी जानकारी रीसेलर के ऑर्डर में दी गई होगी और जिनके बारे में रीसेलर ने Google को बताया होगा,
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(d) ग्राहक को कानूनी समझौते में बताया गया कोई भी लागू एसएलए (सेवा स्तर समझौता) क्रेडिट या मौद्रिक रिफ़ंड सिर्फ़ रीसेलर से मिलेगा,
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(e) इस कानूनी समझौते के खत्म होने पर Google, रीसेलर से खरीदी गई सेवाओं के पेमेंट से जुड़ा फ़ाइनल इनवॉइस (लागू होने पर) ग्राहक को नहीं बल्कि रीसेलर को भेजेगा. ग्राहक, (i) इस कानूनी समझौते के किसी भी हिस्से के खत्म होने पर रीसेलर और (ii) रीसेलर के कानूनी समझौते के किसी भी हिस्से के खत्म होने पर Google को सूचना देगा,
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(f) किसी भी सेवा और/या रीसेलर ऑर्डर का रिन्यूअल, ग्राहक और रीसेलर के बीच हुई सहमति के आधार पर होगा.
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(g) अगर रीसेलर, अपने ग्राहक से पेमेंट न मिलने की वजह से, Google को बिना विवाद वाले इनवॉइस का पेमेंट नहीं करता है, तो Google उसके ग्राहक के लिए सेवाओं के ऐक्सेस को निलंबित कर सकता है,
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(h) "ऑर्डर की अवधि" का मतलब, कानूनी समझौते में बताई गई उस अवधि से है जो सेवाएं शुरू होने या रिन्यूअल की तारीख (जैसा कि लागू हो) से शुरू होती है और किसी खास समय या मौजूदा समय के रीसेलर ऑर्डर में बताई गई अवधि तक जारी रहती है. हालांकि, कानूनी समझौते के मुताबिक इसे पहले भी खत्म किया जा सकता है, और
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(i) कानूनी समझौते के मुताबिक, "सेवाएं शुरू होने की तारीख" रीसेलर ऑर्डर में, सेवाएं शुरू होने की तारीख से है. अगर रीसेलर ऑर्डर में कोई तारीख नहीं बताई गई है, तो Google ने जिस तारीख से ग्राहकों के लिए सेवाएं शुरू की हैं वही सेवाएं शुरू होने की तारीख होगी.
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14.2 कानूनी जवाबदेही की सीमा. सेक्शन 12.2 (कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा) के संदर्भ में, अगर कानूनी जवाबदेही या दोबारा बेची जाने वाली सेवाओं की वजह से समझौते का उल्लघंन होता है, तो उस सेक्शन में इस्तेमाल होने वाले "शुल्क" को "रीसेलर शुल्क" कहा जाता है. अगर ग्राहक या Google इस समझौते के तहत कोई दावा करता है, तो सेक्शन 12.2 के तहत कानूनी जवाबदेही की सीमा तय करने के लिए Google के अनुरोध पर ग्राहक (a) Google को उस रकम के बारे में तुरंत बताएगा जो उसने रीसेलर शुल्क के तौर पर दी है या जो रकम रीसेलर के समझौते के तहत उसे देनी है, (b) रीसेलर के समझौते के तहत जानकारी गोपनीय रखने की रीसेलर की ज़िम्मेदारी के बावजूद, Google को रकम की जानकारी देने के लिए रीसेलर को सहमति देगा, और (c) इस सेक्शन 14.2 (कानूनी जवाबदेही की सीमा) के तहत, ग्राहक या रीसेलर को जानकारी ज़ाहिर करने के लिए ज़रूरी सहमति देगा.
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14.3 गोपनीय जानकारी शेयर करना. Google रीसेलर के साथ, सेक्शन 7.1 (जवाबदेही) के तहत प्रतिनिधि के रूप में ग्राहक की गोपनीय जानकारी शेयर कर सकता है.
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14.4 रीसेलर और ग्राहक के बीच संबंध. ग्राहक के विवेक के मुताबिक, रीसेलर के पास ग्राहक के खाते और असली उपयोगकर्ता खातों का ऐक्सेस हो सकता है. जैसा Google और ग्राहक के बीच होता है, ग्राहक इन चीज़ों के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार है: (a) ग्राहक के खाते या असली उपयोगकर्ता खातों पर रीसेलर का ऐक्सेस और (b) रीसेलर कानूनी समझौता में सेवाओं के संबंध में रीसेलर और ग्राहक के बीच सभी अधिकार या जवाबदेही तय करना. अगर रीसेलर (x) इनमें से किसी भी तरह की कार्रवाई करता है, तो इसके लिए Google की कोई कानूनी जवाबदेही नहीं होगी: (x) सेवाओं में ग्राहक के ऐक्सेस को निलंबित या खत्म करना, (y) ग्राहक के खाते और उसके खाते की बिलिंग से जुड़े मेटाडेटा को देखना और उसे ऐक्सेस करना या (z) रीसेलर या तीसरे पक्ष के प्रॉडक्ट या सेवाओं का ऑफ़र या ऐक्सेस देना.
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14.5 रीसेलर के लिए तकनीकी सहायता. ग्राहक यह स्वीकार करता है और सहमति देता है कि रीसेलर, सही वजह होने पर Google को असली उपयोगकर्ता का निजी डेटा दे सकता है. इसका मकसद, किसी ऐसी समस्या को हल करने में रीसेलर की मदद करना है जिसकी सूचना ग्राहक खुद या रीसेलर के ज़रिए देता है.
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15. अन्य.
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15.1 कानूनी नोटिस. इस कानूनी समझौते के तहत, किसी ग्राहक को सूचना देने के लिए इस्तेमाल होने वाले ईमेल पते पर कानूनी नोटिस भेजे जाएंगे. वहीं, Google को legal-notices@google.com पर ईमेल से नोटिस भेजे जाएंगे. ईमेल भेजे जाने के बाद यह माना जाएगा कि नोटिस मिल गया है. पूरी अवधि के दौरान, सूचना के लिए इस्तेमाल होने वाले ईमेल पते को चालू रखना ग्राहक की ज़िम्मेदारी है.
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15.2 ईमेल. सभी पक्ष इस कानूनी समझौते के तहत, लिखित मंज़ूरी और सहमति लेने से जुड़ी ज़रूरी शर्तें पूरी करने के लिए ईमेल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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15.3 असाइनमेंट. इस समझौते से जुड़ा कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष की लिखित सहमति के बिना, समझौते का कोई भी हिस्सा किसी और को असाइन नहीं कर सकता. हालांकि, असाइन करने वाले पक्ष के तहत काम करने वाली किसी इकाई को इसे तब असाइन किया जा सकता है, जब: (a) वह इकाई लिखित में इस कानूनी समझौते की शर्तों से बाध्य होने की सहमति देती हो और (b) असाइन करने वाले पक्ष ने इस असाइनमेंट के बारे में दूसरे पक्ष को सूचना दे दी हो. असाइन करने की कोई भी अन्य कोशिश अमान्य मानी जाएगी. अगर ग्राहक इस कानूनी समझौते को किसी दूसरे अधिकार क्षेत्र में आने वाली इकाई को असाइन करता है और इसकी वजह से कानूनी समझौता करने वाली Google की इकाई बदल जाती है, जैसा कि https://cloud.google.com/terms/google-entity पर बताया गया है, तो यह कानूनी समझौता Google की नई इकाई को अपने-आप असाइन हो जाता है.
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15.4 कंट्रोल में बदलाव. अगर किसी पक्ष के अंदरूनी ढांचे या संगठन में बदलाव को छोड़कर, कंट्रोल में किसी और तरह का बदलाव होता है (जैसे, किसी स्टॉक को खरीदने या बेचने, किसी दूसरे पक्ष में मर्ज होने या किसी अन्य रूप में कॉर्पोरेट लेन-देन होने पर), तो वह पक्ष कंट्रोल में बदलाव के बाद 30 दिनों के अंदर दूसरे पक्ष को लिखित सूचना देगा.
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15.5 अचानक घटी घटना. कोई भी पक्ष कंट्रोल से बाहर की स्थितियों, जैसे कि अचानक होने वाली दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा, आतंकवाद, दंगों या युद्ध की वजह से समझौते का पालन न कर पाने या देरी के लिए कानूनी तौर पर जवाबदेह नहीं होगा.
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15.6 सबकॉन्ट्रैक्ट (मुख्य समझौते से जुड़ा समझौता) करना. Google, कानूनी समझौते के तहत जवाबदेही के लिए सबकॉन्ट्रैक्ट कर सकता है. हालांकि, वह सबकॉन्ट्रैक्ट में शामिल सभी जवाबदेही के लिए, ग्राहक के प्रति कानूनी तौर पर जवाबदेह बना रहेगा.
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15.7 कोई एजेंसी नहीं. यह कानूनी समझौता, पक्षों के बीच कोई एजेंसी, साझेदारी या साझा कारोबार नहीं बनाता है.
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15.8 कोई छूट नहीं. अगर कोई भी पक्ष, इस कानूनी समझौते में दिए गए किसी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करता है या उसे इस्तेमाल करने में देरी हो जाती है, तो इसे किसी भी अधिकार पर दावा छोड़ना नहीं माना जाएगा.
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15.9 समझौता अलग-अलग हिस्सों में लागू होना. अगर इस कानूनी समझौते का कोई भी हिस्सा अमान्य, गैर-कानूनी या कानूनी तौर पर लागू करने लायक नहीं है, तो कानूनी समझौते का बाकी हिस्सा लागू रहेगा.
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15.10 लाभ पाने वाला कोई तीसरा पक्ष नहीं. जब तक इस कानूनी समझौते में साफ़ तौर से न कहा गया हो, तब तक यह कानूनी समझौता किसी भी तीसरे पक्ष को कोई लाभ नहीं देता है.
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15.11 कोई विशेष काम करने या उसे करने से रोकने का आदेश. इस कानूनी समझौते का कोई भी हिस्सा, किसी भी पक्ष को कोई विशेष काम करने या उसे किए जाने से रोकने का आदेश नहीं देता है.
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15.12 नियंत्रण करने वाला अमेरिकन कानून.
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(a) अमेरिका के शहर, काउंटी, और राज्य सरकार की इकाइयों के लिए. अगर कोई ग्राहक, अमेरिका का शहर, काउंटी या राज्य की सरकारी इकाई है, तो यह कानूनी समझौता, नियंत्रण करने वाले कानून और जगह से जुड़े मामलों पर लागू नहीं होगा.
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(b) अमेरिका की संघीय सरकार की इकाइयों के लिए. अगर ग्राहक, अमेरिका की संघीय सरकारी इकाई है, तो ये शर्तें लागू होंगी: इस कानूनी समझौते या सेवाओं के तहत आने वाले या इनसे जुड़े सभी दावे, अमेरिका के कानूनों से नियंत्रित होते हैं. इनमें कानूनों के आपसी टकराव के नियम शामिल नहीं हैं. सिर्फ़ संघीय कानून की तय सीमा तक, (I) संघीय कानून न होने पर, कैलिफ़ोर्निया के कानूनों के आपसी टकराव के नियमों को छोड़कर इस राज्य के सभी कानून लागू होंगे और (II) इस कानूनी समझौते या सेवाओं के तहत आने वाले या इनसे जुड़े सभी दावों के लिए सभी पक्ष, कैलिफ़ोर्निया के सैंटा क्लारा काउंटी के न्यायालयों में अपने व्यक्तिगत क्षेत्राधिकार और न्यायालयों की खास जगह के लिए सहमत हैं.
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(c) अन्य सभी इकाइयों के लिए. अगर ग्राहक कोई ऐसी इकाई है जिसकी पहचान सेक्शन 15.12(a) (अमेरिका के शहर, काउंटी, और राज्य सरकार की इकाइयों के लिए, नियंत्रण करने वाला अमेरिकन कानून) या (b) (संघीय सरकार की इकाइयों के लिए, नियंत्रण करने वाला अमेरिकन कानून) के तहत किसी भी इकाई के तौर पर नहीं होती, तो ये शर्तें लागू होंगी: इस कानूनी समझौते या सेवाओं के तहत आने वाले या इनसे जुड़े सभी दावों पर कैलिफ़ोर्निया के कानून लागू होंगे. हालांकि, इनमें कैलिफ़ोर्निया के कानूनों के आपसी टकराव के नियम शामिल नहीं हैं. दावों के मुकदमे खास तौर पर, कैलिफ़ोर्निया के सैंटा क्लारा काउंटी के संघीय या राजकीय न्यायालयों में चलाए जाएंगे और पक्ष उन अदालतों में अपने व्यक्तिगत क्षेत्राधिकार पर सहमति देंगे.
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15.13 संशोधन. सेक्शन 1.4(b) (बदलाव: इस कानूनी समझौते में), (c) (बदलाव: यूआरएल की शर्तों में) या (d) (बदलाव: Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में) को छोड़कर, इस कानूनी समझौते के लागू होने की तारीख के बाद इसमें कोई भी संशोधन लिखित में होना चाहिए, दोनों पक्षों के हस्ताक्षर होने चाहिए, और उसमें साफ़ तौर पर यह बताया जाना चाहिए कि इस कानूनी समझौते में संशोधन किया जा रहा है. साफ़ शब्दों में, Google के प्रावधान के मुताबिक, इस समझौते में दिए गए किसी भी यूआरएल की जगह अपडेट किए गए यूआरएल उपलब्ध कराने पर, ऐसा नहीं माना जाएगा कि यह समझौते की शर्तों में कोई संशोधन है या फिर उनमें किसी भी तरह का बदलाव किया गया है.
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15.14 बरकरार रहना. यह कानूनी समझौता या इसकी अवधि खत्म हो जाने पर भी ये सेक्शन बने रहेंगे: सेक्शन 2 (पेमेंट की शर्तें), सेक्शन 5 (बौद्धिक संपत्ति के अधिकार, ग्राहक से जुड़े डेटा की सुरक्षा, सुझाव, शिकायत या राय, सेवाओं में ब्रैंड की पहचान का इस्तेमाल करना), सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी), सेक्शन 8.6 (कानूनी समझौता खत्म होने या रिन्यू न करने का असर), सेक्शन 11 (डिसक्लेमर), सेक्शन 12 (जवाबदेही की सीमा), सेक्शन 13 (नुकसान की भरपाई), सेक्शन 14.1(e) (रीसेलर का कानूनी समझौता खत्म करना), 14.2 (कानूनी जवाबदेही की सीमा), 14.3 (गोपनीय जानकारी शेयर करना), सेक्शन 14.4 (रीसेलर और ग्राहक के बीच रिश्ता), और सेक्शन 15 (अन्य).
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15.15 पूरा कानूनी समझौता. यह कानूनी समझौता, उन सभी शर्तों के बारे में बताता है जिन पर पक्षों ने सहमति दी है. साथ ही, यह पक्षों के बीच इस कानूनी समझौते की विषय-वस्तु से जुड़े पहले के किसी भी समझौते या मौजूदा सभी समझौतों को खत्म करता है या उनकी जगह लागू होता है. इस कानूनी समझौते में शामिल होने वाले सभी पक्षों को इसमें साफ़ तौर पर बताए गए नियमों को छोड़कर, किसी और जानकारी पर भरोसा नहीं करना चाहिए. किसी स्टेटमेंट, प्रतिनिधित्व या वारंटी (चाहे अनजाने में दी गई हो या गलती से) जैसी जानकारी के आधार पर, उन पक्षों के पास दावा करने का न तो कोई अधिकार होगा और न ही वे कानूनी समाधान के लिए हकदार होंगे. यूआरएल पर दी गई शर्तों को इस कानूनी समझौते में रेफ़रंस के तौर पर शामिल किया गया है. लागू होने की तारीख के बाद, Google इस कानूनी समझौते में मौजूद किसी यूआरएल की जगह पर अपडेट किया गया यूआरएल दे सकता है.
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15.16 मेल न खाने वाली शर्तें. इस कानूनी समझौते के दस्तावेज़ों की शर्तों के आपस में मेल न खाने पर, दस्तावेज़ इस क्रम (घटती हुई प्राथमिकता के आधार पर) में नियंत्रित किए जाएंगे: ऑर्डर फ़ॉर्म, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम, कानूनी समझौते का कुछ हिस्सा (यूआरएल पर दी गई शर्तों को छोड़कर), और किसी यूआरएल पर दी गई शर्तें (Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम को छोड़कर).
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15.17 हेडर. इस कानूनी समझौते में इस्तेमाल किए गए हेडर और कैप्शन सिर्फ़ रेफ़रंस के मकसद से दिए गए हैं. इनकी वजह से कानूनी समझौते की व्याख्या पर कोई असर नहीं होगा.
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15.18 अलग-अलग भाषाओं में दी गई जानकारी का आपस में मेल न खाना. अगर इस कानूनी समझौते का अंग्रेज़ी के अलावा किसी भी दूसरी भाषा में अनुवाद किया जाता है और अंग्रेज़ी लेख और दूसरी भाषा के लेख में कोई अंतर होता है, तो अंग्रेज़ी लेख ही मान्य होगा. अगर दूसरा लेख लागू होगा, तो उसके बारे में साफ़ तौर पर सूचना दी जाएगी. जब तक कि कानूनी समझौते में अलग से न बताया गया हो, तब तक "$" का मतलब अमेरिकन डॉलर है
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15.19 परिभाषाएं.
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"खाता" का मतलब ग्राहक के Google खाते के क्रेडेंशियल और इस कानूनी समझौते के तहत खाते से जुड़ी सेवाओं के ऐक्सेस से है.
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"अतिरिक्त प्रॉडक्ट" का मतलब Google या उसके सहयोगियों (अफ़िलिएट) के ऐसे प्रॉडक्ट, सेवाओं, और ऐप्लिकेशन से है जो खाते से जुड़ी सेवाओं का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन जिन्हें उन सेवाओं के साथ इस्तेमाल करने के लिए ऐक्सेस किया जा सकता है.
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"प्रॉडक्ट से जुड़ी अन्य शर्तें" का मतलब किसी खास समय पर तब की ताज़ा शर्तों से है, जिनके बारे में https://workspace.google.com/terms/additional_services.html पर बताया गया है.
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"एडमिन खाता" का मतलब ऐसे असली उपयोगकर्ता खाते से है जिसे ग्राहक (या अगर लागू हो, तो रीसेलर), सेवाएं मैनेज करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है.
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"Admin console" का मतलब उन ऑनलाइन कंसोल और डैशबोर्ड से है जिन्हें Google ने ग्राहक को सेवाएं मैनेज करने के लिए उपलब्ध कराया है.
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"एडमिन" का मतलब उस व्यक्ति से है जो ग्राहक की ओर से असली उपयोगकर्ताओं के लिए सेवाओं को मैनेज करता है. साथ ही, वह व्यक्ति ग्राहक के डेटा और असली उपयोगकर्ताओं के खातों को ऐक्सेस कर सकता है. इस तरह के ऐक्सेस में असली उपयोगकर्ता खातों से जुड़े असली उपयोगकर्ता के किसी भी डेटा को ऐक्सेस करने, उसकी निगरानी करने, उसे इस्तेमाल करने, उसमें बदलाव करने, डेटा ऐक्सेस करने से रोकने या उसके डेटा दूसरों से शेयर करने की सुविधा शामिल है.
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"सहयोगी (अफ़िलिएट)" का मतलब ऐसी किसी भी इकाई से है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी इकाई को नियंत्रित करती है, जो किसी अन्य इकाई से नियंत्रित होती है या अन्य इकाई के साथ किसी तीसरी इकाई के नियंत्रण में होती हैं.
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"रिश्वतखोरी विरोधी कानून" का मतलब कारोबारी या सार्वजनिक रिश्वतखोरी के ख़िलाफ़ लागू कानूनों से है. इन कानूनों में यूएस फ़ॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस ऐक्ट 1977 और यूके ब्राइबरी ऐक्ट 2010 शामिल हैं. इन कानूनों में, मौजूदा ग्राहकों को बनाए रखने, नए ग्राहक बनाने या गलत तरीके से अन्य कारोबारी फ़ायदे पाने के लिए, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर किसी व्यक्ति को (इसमें सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं) ऐसे ऑफ़र देना शामिल है जिनसे उसे गलत तरीके से आर्थिक फ़ायदा हो. सरकारी अधिकारियों में ये लोग शामिल हैं: कोई भी सरकारी कर्मचारी, सरकार में किसी पद का उम्मीदवार, राज परिवार का कोई सदस्य, और सरकार के मालिकाना हक या सरकार के नियंत्रण वाली कंपनियों, अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक संगठनों का कोई कर्मचारी, और राजनैतिक पार्टी का कोई सदस्य.
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"एयूपी" का मतलब सेवाओं के लिए किसी खास समय पर तब की उचित इस्तेमाल की उस ताज़ा नीति से है जिसके बारे में यहां https://workspace.google.com/terms/use_policy.html बताया गया है.
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"बीएए" या "कारोबार सहभागियों के बीच का समझौता", स्वास्थ्य की सुरक्षित जानकारी (पीएचआई) से जुड़े कानूनी समझौते में हुआ संशोधन है. इसकी जानकारी, हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी ऐंड अकाउंटेबिलिटी ऐक्ट (हिपा) में दी गई है.
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"ब्रैंड की पहचान" का मतलब कारोबार का नाम, ट्रेडमार्क, सर्विस मार्क, लोगो, डोमेन नेम, और किसी पक्ष की ऐसी खास ब्रैंड की पहचान से है जिन्हें वह पक्ष समय-समय पर अपने लिए सुरक्षित करता है.
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"ब्रैंडिंग के दिशा-निर्देश" का मतलब Google के उस समय के Google ब्रैंड से जुड़े उन दिशा-निर्देशों से है जिनके बारे में https://services.google.com/fh/files/misc/external_customer_co_branding_eligibility.pdf पर बताया गया है. Google समय-समय पर इनमें बदलाव कर सकता है.
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"Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम" का मतलब, किसी खास समय पर तब की उन ताज़ा शर्तों से है जो ग्राहक के डेटा के मामले में डेटा प्रोसेसिंग और सुरक्षा की जवाबदेही के बारे में बताती हैं. इनके बारे में https://cloud.google.com/terms/data-processing-addendum पर बताया गया है.
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"गोपनीय जानकारी" का मतलब वह जानकारी है जिसे इस कानूनी समझौते के तहत या इसके मामले में किसी एक पक्ष (या सहयोगी कंपनी) ने दूसरे पक्ष के सामने ज़ाहिर किया हो, जिसे गोपनीय के तौर पर मार्क किया गया हो या सामान्य स्थिति में गोपनीय माना गया हो. गोपनीय जानकारी में ऐसी जानकारी शामिल नहीं होती है जिसे जानकारी पाने वाला स्वतंत्र रूप से तैयार करता है. इसमें वह जानकारी भी शामिल नहीं होती है जिसे तीसरे पक्ष ने गोपनीयता से जुड़ी कोई जवाबदेही तय किए बिना, जानकारी पाने वाले के साथ शेयर किया है या जो ऐसे सार्वजनिक हो जाती है कि उसमें जानकारी पाने वाले व्यक्ति की कोई गलती नहीं होती. इससे पहले के वाक्य में जिस नियम का ज़िक्र किया गया है उसके मुताबिक, ग्राहक से जुड़े डेटा को उसकी गोपनीय जानकारी माना जाता है.
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"नियंत्रण" का मतलब किसी पक्ष के मतदान के अधिकारों या 50 प्रतिशत से ज़्यादा इक्विटी स्टेक पर नियंत्रण से है.
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"मुख्य सेवाएं" का मतलब किसी खास समय पर तब की "मुख्य सेवाओं" से है, जैसा कि सेवाओं से जुड़ी खास जानकारी में बताया गया है. इसमें तीसरे पक्ष की कोई सेवा शामिल नहीं है.
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"ग्राहक से जुड़ा डेटा" का मतलब उस डेटा से है जिसे ग्राहक या असली उपयोगकर्ताओं ने सेवाओं के ज़रिए सबमिट किया, इकट्ठा किया, भेजा या उन्हें मिला.
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"डोमेन ईमेल पता" का मतलब डोमेन नेम में मौजूद उस ईमेल पते से है जिसका इस्तेमाल सेवाओं के लिए किया जाता है.
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"डोमेन नेम" का मतलब सेवाओं का इस्तेमाल करने के मकसद से ऑर्डर फ़ॉर्म या रीसेलर ऑर्डर में बताए गए डोमेन नेम से है.
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"असली उपयोगकर्ता" का मतलब उन लोगों से है जिन्हें एडमिन मैनेज करता है और जिन्हें ग्राहक, सेवाओं के इस्तेमाल की अनुमति देता है. साफ़ तौर पर, असली उपयोगकर्ताओं में ग्राहक के साथ काम करने वाली कारोबारी इकाई और अन्य तीसरे पक्षों के कर्मचारी शामिल हो सकते हैं.
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"असली उपयोगकर्ता खाता" का मतलब Google के होस्ट किए गए ऐसे खाते से है जिसे ग्राहक, सेवाओं की मदद से असली उपयोगकर्ता के लिए बनाता है, ताकि उपयोगकर्ता सेवाओं का इस्तेमाल कर सके.
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"एक्सपोर्ट कंट्रोल से जुड़े कानून" का मतलब एक्सपोर्ट और री-एक्सपोर्ट को कंट्रोल करने वाले सभी लागू कानूनों और नियमों से है. इनमें ये भी शामिल हैं: (a) एक्सपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन रेगुलेशन ("ईएआर"), जिसे अमेरिका का वाणिज्य मंत्रालय मैनेज करता है, (b) व्यापारिक और आर्थिक प्रतिबंध, जिन्हें अमेरिका के वित्त मंत्रालय की ऑफ़िस ऑफ़ फ़ॉरेन ऐसेट्स कंट्रोल एजेंसी लागू करती है, और (c) इंटरनैशनल ट्रैफ़िक इन आर्म्स रेगुलेशन ("आईटीएआर"), जिसे अमेरिका का विदेश मंत्रालय मैनेज करता है.
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"शुल्क" का मतलब ग्राहक ने जिन सेवाओं, टीएसएस, और तीसरे पक्ष के ऑफ़र को इस्तेमाल या ऑर्डर किया है उनकी संख्या को उनके लिए लागू शुल्क से गुणा करने पर मिलने वाली रकम और रकम पर लागू टैक्स से है.
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"ज़्यादा जोखिम वाली गतिविधियां" का मतलब ऐसी गतिविधियों से है जिनमें सेवाओं के इस्तेमाल से या उनके काम करना बंद कर देने से मृत्यु हो सकती है, शारीरिक चोट लग सकती है या पर्यावरण या प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंच सकता है. इनमें एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल, लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम, हथियार या परमाणु संयंत्र बनाना या उनका संचालन करना जैसी गतिविधियां शामिल हैं.
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"हिपा" का मतलब, 1996 के हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी ऐंड अकाउंटेबिलिटी ऐक्ट से है. इसमें और इसके तहत जारी किसी भी कानून में, समय-समय पर संशोधन किया जा सकता है.
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"इसमें शामिल हैं" का मतलब इसमें इनके अलावा, और भी चीज़ें शामिल हो सकती हैं.
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"नुकसान की भरपाई करने की कानूनी जवाबदेही" का मतलब (i) सेटलमेंट की उस रकम से है जिसे नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष ने स्वीकार किया हो और (ii) उस नुकसान और लागत से है जिसके लिए नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष के मामले में, उसके अधिकार क्षेत्र की अदालत ने आखिरी फ़ैसले में देनदारी तय की हो.
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"बौद्धिक संपत्ति के अधिकार" का मतलब दुनिया भर में सभी पेटेंट अधिकार, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क अधिकार, ट्रेड सीक्रेट के अधिकार (अगर कोई हो), डिज़ाइन के अधिकार, डेटाबेस के अधिकार, डोमेन नेम के अधिकार, नैतिक अधिकार, और बौद्धिक संपत्ति के अन्य अधिकार (रजिस्टर किए गए या रजिस्टर नहीं किए गए) से है.
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"कानूनी प्रक्रिया" का मतलब कानून, सरकारी नियम, अदालत के आदेश, पेश होने के आदेश, वारंट या दूसरे वैध कानूनी प्राधिकरण, कानूनी प्रक्रिया या इसी तरह की प्रक्रिया के तहत जानकारी ज़ाहिर करने से है.
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"कानूनी जवाबदेही" का मतलब किसी भी कानूनी जवाबदेही से है, चाहे वह कानूनी समझौते के उल्लंघन से जुड़ी हो या किसी नुकसान (लापरवाही भी शामिल है) या किसी अन्य वजह से हुई हो और चाहे समझौते से जुड़े पक्षों को उसके बारे में पहले से आशंका या उम्मीद हो या न हो.
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"सूचना देने के लिए ईमेल पता" का मतलब उन ईमेल पतों से है जिन्हें ग्राहक, Admin console में असाइन करता है.
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"ऑर्डर फ़ॉर्म" का मतलब ऐसे ऑर्डर फ़ॉर्म से है जिसमें ग्राहक ने उसको औपचारिक रूप से सहमति दी हो या उसने Google की किसी वेबसाइट पर जाकर कोई ऑर्डर किया हो. इन दोनों ही स्थितियों में, कानूनी समझौते के तहत, ऑर्डर फ़ॉर्म में उन सेवाओं का ज़िक्र करना होगा जिन्हें Google उपलब्ध करवाएगा.
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"ऑर्डर की अवधि" का मतलब सेवाओं के शुरू होने की तारीख या रिन्यूअल (जो भी लागू हो) की तारीख से लेकर ऑर्डर फ़ॉर्म में बताई गई पूरी अवधि तक का समय होता है. यह अवधि तब तक जारी रहती है, जब तक कि कानूनी समझौते के मुताबिक समयसीमा खत्म नहीं कर दी जाती.
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"अन्य सेवाएं" का मतलब किसी खास समय पर तब की अन्य सेवाओं से है, जैसा कि सेवाओं से जुड़ी खास जानकारी में बताया गया है. हालांकि, इसमें तीसरे पक्ष के ऑफ़र शामिल नहीं होते हैं.
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"शुल्क" का मतलब किसी खास समय पर तब के उन शुल्क से है जो सेवाओं पर लागू होते हैं. इनके बारे में https://workspace.google.com/pricing.html पर बताया गया है. इन्हें इस रेफ़रंस के साथ कानूनी समझौते में शामिल किया गया है. हालांकि, किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ या ऑर्डर फ़ॉर्म के ज़रिए, दूसरे शुल्क पर सहमति बनाई जा सकती है. शुल्क में टैक्स शामिल नहीं हैं.
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"रीसेलर (दोबारा बेचने वाला)" का मतलब, अगर लागू हो, तो तीसरे पक्ष के ऐसे गैर-सहयोगी रीसेलर से है जिसके पास ग्राहक को सेवाएं बेचने या उपलब्ध कराने की अनुमति होती है.
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"रीसेलर का कानूनी समझौता" का मतलब, अगर लागू हो, तो सेवाओं के संबंध में ग्राहक और रीसेलर के बीच हुए एक अलग कानूनी समझौते से है. रीसेलर (दोबारा बेचने वाला) कानूनी समझौता, इस कानूनी समझौते से अलग और इसके दायरे से बाहर है.
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"रीसेलर शुल्क" का मतलब उन सेवाओं के लिए शुल्क (अगर लागू हो) से है जिन्हें ग्राहक ने इस्तेमाल किया हो या ऑर्डर किया हो. यह शुल्क रीसेलर के कानूनी समझौते में दी गई सहमति के मुताबिक तय होता है और इसमें लागू होने वाले सभी टैक्स शामिल होते हैं.
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"रीसेलर ऑर्डर" का मतलब, अगर लागू हो, तो ऐसे ऑर्डर फ़ॉर्म (इसमें सेवाएं रिन्यू करने का ऑर्डर फ़ॉर्म भी शामिल) से है जिसे रीसेलर जारी करता है और ग्राहक उस पर सहमति देता है. इसमें उन सेवाओं की जानकारी होती है जिनके लिए ग्राहक रीसेलर को ऑर्डर देता है.
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"सेवा की खास शर्तें" का मतलब एक या इससे ज़्यादा सेवाओं से जुड़ी और किसी खास समय पर तब की उन ताज़ा खास शर्तों से है जिनके बारे में https://workspace.google.com/terms/service-terms/ पर बताया गया है.
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"सेवाएं" का मतलब किसी खास समय पर तब की मुख्य सेवाओं और अन्य सेवाओं से है.
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"सेवाएं शुरू होने की तारीख" का मतलब ऑर्डर फ़ॉर्म में बताई गई सेवा शुरू होने की तारीख से है. अगर ऑर्डर फ़ॉर्म में कोई तारीख नहीं बताई गई है, तो Google की ओर से ग्राहक को सेवाएं उपलब्ध कराने की तारीख, ‘सेवाएं शुरू होने की तारीख’ होगी.
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"सेवाओं की खास जानकारी" का मतलब किसी खास समय पर तब की सेवाओं की जानकारी से है, जिसके बारे में https://workspace.google.com/terms/user_features.html पर बताया गया है.
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"एसएलए (सेवा स्तर समझौता)" का मतलब किसी खास समय पर तब की उन सेवा स्तर समझौतों से है जिनके बारे में https://workspace.google.com/terms/sla.html पर बताया गया है.
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"निलंबित करना" या "निलंबन" का मतलब सेवाओं या उनमें मिलने वाली सुविधाओं के ऐक्सेस या उनके इस्तेमाल पर रोक लगाने से है.
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"टैक्स" का मतलब उन सभी टैक्स से है जिन्हें सरकार ने लगाया है. इनमें Google की कुल आय, कुल संपत्ति, ऐसेट वैल्यू, प्रॉपर्टी वैल्यू या रोज़गार पर लगने वाले टैक्स शामिल नहीं हैं.
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"अवधि" का मतलब इस कानूनी समझौते के सेक्शन 8.1 (कानूनी समझौते की अवधि) में बताया गया है.
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"तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई" का मतलब किसी अदालत या सरकारी न्यायाधिकरण में, तीसरे पक्ष की गैर-सहयोगी कंपनी की दायर की गई किसी भी औपचारिक कानूनी कार्रवाई से है. इसमें अपील से जुड़ी कार्रवाइयां भी शामिल हैं.
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"तीसरे पक्ष की सेवाएं" का मतलब तीसरे पक्ष की ऐसी सेवाओं, सॉफ़्टवेयर, प्रॉडक्ट, और अन्य ऑफ़र से है जो मुख्य सेवाओं में शामिल नहीं हैं.
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"टीएसएस" का मतलब किसी खास समय पर Google की तब की तकनीकी सहायता सेवा से है.
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"टीएसएस दिशा-निर्देश" का मतलब Google की तकनीकी सहायता सेवाओं के लिए, किसी खास समय पर तब के दिशा-निर्देशों से है. इनके बारे में https://workspace.google.com/terms/tssg.html पर बताया गया है.
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"यूआरएल की शर्तें" का मतलब एयूपी, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम, सेवा की खास शर्तों, एसएलए, और टीएसएस दिशा-निर्देशों से है.
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16. इलाके के हिसाब से शर्तें. अगर ग्राहक का बिलिंग पता नीचे बताए गए किसी इलाके का है, तो इस कानूनी समझौते में हुए ये संशोधन उस पर लागू होंगे:
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एशिया पैसिफ़िक - सभी इलाके
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सेक्शन 2.3 (टैक्स) की जगह, यह सेक्शन लागू होगा:
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2.3 टैक्स. Google अपने इनवॉइस में, लागू सभी टैक्स की पूरी जानकारी देगा. अगर Google को दिए जाने वाले किसी पेमेंट के लिए, टैक्स की रकम रोकना ज़रूरी है, तो ग्राहक Google को उतनी रकम बढ़ाकर पेमेंट करेगा. ऐसा इसलिए, ताकि Google को जो रकम मिले वह इनवॉइस की कुल रकम के बराबर हो और उसमें से टैक्स की रकम काटी न जाए.
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सेक्शन 15.19 (परिभाषाएं) के तहत, "टैक्स" की परिभाषा में यह बदलाव हुआ है:
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15.19 परिभाषाएं.
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टैक्स का मतलब सरकार के लगाए गए उन सभी टैक्स से है जो सेवाएं उपलब्ध कराए जाने और सेवाओं की परफ़ॉर्मेंस से जुड़े लागू कानून के मुताबिक होते हैं. इसमें ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, डायरेक्ट या इनडायरेक्ट टैक्स, और इनसे जुड़े ब्याज या जुर्माने के अलावा, और भी आइटम हो सकते हैं. हालांकि, इसमें Google के मुनाफ़े पर लगने वाले टैक्स शामिल नहीं होते हैं.
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एशिया पैसिफ़िक (ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत, न्यूज़ीलैंड, और सिंगापुर को छोड़कर सभी इलाके) और लैटिन अमेरिका (ब्राज़ील और मेक्सिको को छोड़कर सभी इलाके)
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सेक्शन 15.12 (नियंत्रण करने वाला अमेरिका का कानून) की जगह, यह सेक्शन लागू होगा:
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15.12 नियंत्रण करने वाला कानून और मध्यस्थता.
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(a) इस कानूनी समझौते के तहत होने वाले सभी दावों या इस कानूनी समझौते से जुड़े सभी दावों या Google के किसी भी प्रॉडक्ट या सेवाओं के लिए होने वाले सभी दावों (इनमें इस कानूनी समझौते की व्याख्या या इसके पालन से जुड़े विवाद भी शामिल हैं) (“विवाद”) पर अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया स्टेट के कानूनों का नियंत्रण होगा. इन दावों पर कानूनों के आपसी टकराव के कैलिफ़ोर्निया के नियम लागू नहीं होंगे.
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(b) सभी पक्ष अच्छी भावना रखते हुए, कोई भी विवाद शुरू होने के 30 दिनों के अंदर उसे सुलझाने की कोशिश करेंगे. अगर विवाद को 30 दिनों में नहीं सुलझाया जाता है, तो उसका समाधान इस कानूनी समझौते ("नियम") के लागू होने के समय लागू रहने वाले एक्सपीडिटेड कमर्शियल रूल्स के तहत, अमेरिकन आर्बिट्रेशन असोसिएशन के इंटरनैशनल सेंटर फ़ॉर डिसप्यूट रिज़ॉल्यूशन की मध्यस्थता से होगा.
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(c) सभी पक्ष आपसी सहमति से, मध्यस्थता करने वाले को चुनेंगे. मध्यस्थता, अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया स्टेट की सैंटा क्लारा काउंटी में अंग्रेज़ी में होगी.
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(d) अगर कोई पक्ष चाहे, तो मध्यस्थता से समाधान मिलने तक अपने अधिकार सुरक्षित रखने के लिए, रोक लगाने वाले कानूनी आदेश के ज़रिए राहत पा सकता है. इसके लिए, वह ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाली किसी भी अदालत में याचिका दे सकता है. मध्यस्थता करने वाला, इस कानूनी समझौते में बताए गए तरीकों और सीमाओं के तहत, न्यायसंगत कार्रवाई करने या रोक लगाने वाले कानूनी आदेश के ज़रिए राहत दे सकता है.
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(e) सब-सेक्शन (g) में दी गई, गोपनीयता के लिए ज़रूरी शर्तों के मुताबिक, अगर किसी पक्ष को अपने अधिकारों या संपत्ति की सुरक्षा के लिए ज़रूरी आदेश चाहिए, तो वह ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाली किसी भी अदालत में याचिका दे सकता है. ऐसी याचिका देने का मतलब यह नहीं होगा कि नियंत्रण करने वाले कानून और मध्यस्थता सेक्शन का उल्लंघन किया गया है या दावा छोड़ा गया है. याचिका दिए जाने के बावजूद, विवाद का समाधान करने का पूरा अधिकार, मध्यस्थता करने वाले के पास रहेगा. उसके पास इस सब-सेक्शन के तहत, विवाद पर आने वाले किसी भी अदालत के फ़ैसले की समीक्षा करने का अधिकार भी होगा. सभी पक्ष यह स्वीकार करते हैं कि अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया स्टेट की सैंटा क्लारा काउंटी की अदालतें इस सब-सेक्शन 15.12 (e) के तहत कोई भी आदेश दे सकती हैं.
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(f) मध्यस्थता का जो भी नतीजा होगा, आखिरी होगा और सभी पक्ष उसे मानने के लिए बाध्य होंगे. फ़ैसला जिस पक्ष के हक में होगा वह उसे लागू कराने के लिए, इस तरह के मामलों की सुनवाई करने वाली किसी भी अदालत में जा सकता है. इनमें ऐसी सभी अदालतें शामिल होंगी जिनके अधिकार क्षेत्र में कोई भी पक्ष या उसकी संपत्ति आती हो.
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(g) सेक्शन 15.12 (नियंत्रण करने वाला कानून और मध्यस्थता) के मुताबिक की गई मध्यस्थता की कोई भी कार्यवाही, सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी) के तहत गोपनीय जानकारी मानी जाएगी. इस जानकारी में यह भी शामिल है: (i) इस कार्यवाही के होने से जुड़ी जानकारी, (ii) कार्यवाही के दौरान ज़ाहिर की गई कोई भी जानकारी, और (iii) मध्यस्थता की कार्यवाही से जुड़ी कोई भी मौखिक बातचीत या दस्तावेज़. सभी पक्षों के पास सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी) के तहत जानकारी ज़ाहिर करने के अधिकार हैं. इसके अलावा, वे सब-सेक्शन 15.12 (g) में बताई गई जानकारी को ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाली किसी भी अदालत में तब पेश कर सकते हैं, जब सब-सेक्शन 15.12 (e) के तहत आदेश के लिए याचिका पेश करना ज़रूरी हो या मध्यस्थता में हुए कोई फ़ैसला लागू कराने से जुड़ा मामला हो. हालांकि, सभी पक्षों को अनुरोध करना होगा कि ऐसी न्यायिक कार्यवाही बंद कमरे में (गोपनीय तौर पर) की जाए.
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(h) सभी पक्ष, मध्यस्थता करने वाले की फ़ीस, उसने जिन विशेषज्ञों को नियुक्त किया है उनकी फ़ीस और खर्च, और मध्यस्थता केंद्र के प्रशासनिक खर्चों को नियमों के मुताबिक चुकाएंगे. अपने आखिरी फ़ैसले में, मध्यस्थता करने वाला यह तय करेगा कि विवाद का फ़ैसला जिस पक्ष के हक में हुआ है उसने जो रकम मध्यस्थता से जुड़े खर्च के लिए ऐडवांस में चुकाई थी, वह उसे लौटाई जाएगी.
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(i) हर पक्ष को अपने वकीलों और विशेषज्ञों की फ़ीस और दूसरे खर्चे उठाने होंगे, चाहे विवाद में मध्यस्थता करने वाले का आखिरी फ़ैसला कुछ भी हो.
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लैटिन अमेरिका - ब्राज़ील
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अगर यह कानूनी समझौता करने वाली Google की इकाई, Google Cloud Brasil Computação e Serviços de Dados Ltda. होगी, तब सेक्शन 15.12 (नियंत्रण करने वाला अमेरिका का कानून) की जगह, यह सेक्शन लागू होगा:
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15.12 नियंत्रण करने वाला कानून और मध्यस्थता.
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यह कानूनी समझौता, ब्राज़ील के कानून से नियंत्रित होगा. इस कानूनी समझौते या इससे जुड़े Google के किसी भी प्रॉडक्ट या सेवा से जुड़े सभी विवादों का हल मध्यस्थता से होगा जिसके बारे में नीचे बताया गया है.
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(a) परिभाषाएं. “विवाद” का मतलब इस कानूनी समझौते से जुड़े किसी भी अनुबंध या गैर-अनुबंध वाले विवाद से है. इसमें समझौता होने के तरीके, उसकी वैधता, विषय-वस्तु, व्याख्या, समझौते का पालन करने या समझौता खत्म किए जाने से जुड़े विवाद शामिल हैं.
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(b) समाधान. सभी पक्ष अच्छी भावना रखते हुए, किसी भी विवाद को शुरू होने के 30 दिनों के अंदर सुलझाने की कोशिश करेंगे. यह अवधि उस समय से शुरू होगी, जब सेक्शन 15.12 (सूचनाएं) के तहत किसी एक पक्ष को विवाद के बारे में पहली बार सूचना दी जाएगी. अगर सभी पक्ष 30 दिनों के अंदर विवाद को नहीं सुलझा पाते हैं, तो कोई भी पक्ष सेक्शन 15.12(c) (मध्यस्थता) के तहत, इस विवाद को मध्यस्थता के लिए रेफ़र कर सकता है.
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(c) मध्यस्थता. सभी पक्ष सभी विवादों की आखिरी और बाध्यकारी मध्यस्थता के लिए, उन्हें सेंटर ऑफ़ आर्बिट्रेशन ऐंड मीडिएशन ऑफ़ द ब्राज़ील-कनाडा चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के उन नियमों के तहत रेफ़र करेंगे, जो इस कानूनी समझौते के लागू होने के समय लागू रहते हैं ("नियम"). मध्यस्थता की कार्यवाही, मध्यस्थता करने वाली तीन पार्टियां पॉर्चुगीज़ भाषा में करेंगी और मध्यस्थता की जगह साओ पाउलो, एसपी, ब्राज़ील में होगी.
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(d) गोपनीयता. मध्यस्थता, गोपनीय जानकारी होती है. इसमें मध्यस्थता की प्रक्रिया और उससे जुड़ी कोई भी मौखिक या लिखित जानकारी भी गोपनीय होती है. मध्यस्थता से जुड़े फ़ैसले लागू कराने के लिए, सभी पक्ष ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत में जा सकते हैं. हालांकि, वे ऐसा तभी कर सकते हैं, जब कानूनी कार्यवाही में इस जानकारी की गोपनीयता बनाए रखी जाएगी.
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(e) गैर-मौद्रिक राहत. मध्यस्थता करने वाले सिर्फ़ कानून के आधार पर अपना फ़ैसला दे सकते हैं, नैतिकता के आधार पर नहीं. ऐसा हो सकता है कि वे ऐसा फ़ैसला न दे पाएं जिसमें मौद्रिक राहत शामिल हो.
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(f) फ़ीस और खर्च. हर पक्ष अपने वकीलों और विशेषज्ञों की फ़ीस और दूसरे खर्चे खुद उठाएगा. भले ही, विवाद की मध्यस्थता करने वाले का आखिरी फ़ैसला कुछ भी हो.
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लैटिन अमेरिका - मेक्सिको.
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अगर कानूनी समझौता करने वाली Google की इकाई Google Cloud (Mexico), S. de R.L. de C.V. होगी, तब नीचे दिए गए सेक्शन बदल जाएंगे.
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सेक्शन 2.3 (टैक्स) की जगह, यह सेक्शन लागू होगा:
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2.3 टैक्स.
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(a) टैक्स इनवॉइस और पेमेंट. शुल्कों में टैक्स शामिल नहीं किए जाते और अगर लागू हो, तो Google के इनवॉइस में उनका ब्यौरा अलग से दिया जाता है. ग्राहक को उतनी रकम टैक्स के तौर पर चुकानी होगी जितने की जानकारी इनवॉइस में दी गई होगी, अगर वह टैक्स में छूट का वैध सर्टिफ़िकेट नहीं देता. अगर Google को किए जाने वाले पेमेंट पर टैक्स के लिए ग्राहक को कोई रकम रोकना कानूनी तौर पर ज़रूरी है, तो इस तरह की विदहोल्डिंग में मदद करने के लिए, ग्राहक को Google को इस टैक्स की आधिकारिक रसीद या अन्य ज़रूरी दस्तावेज़ देना होगा.
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(b) टैक्स से जुड़े दस्तावेज़. Google, ग्राहक के उचित अनुरोध पर उसे टैक्स से जुड़े ज़रूरी दस्तावेज़ समय पर मुहैया कराएगा और यही काम ग्राहक भी उसके लिए करेगा.
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सेक्शन 3.3 (पाबंदियां) की जगह, यह सेक्शन लागू होगा:
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3.3 पाबंदियां. ग्राहक न खुद ऐसा कुछ करेगा और न ही असली उपयोगकर्ताओं को ऐसा करने की अनुमति देगा: (a) सेवाओं की कॉपी बनाना, उनमें बदलाव करना या सेवाओं की पहले से मौजूद रचना पर आधारित कोई काम करना; (b) सेवाओं की रिवर्स इंजीनियरिंग करना, उन्हें डिकंपाइल करना, किसी दूसरी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में कन्वर्ट करना, डिसअसेंबल करना या किसी दूसरे तरीके से पूरा या कोई भी सोर्स कोड निकालने की कोशिश करना (सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां लागू कानून के मुताबिक, ऐसी पाबंदी लगाने पर साफ़ तौर पर रोक हो); (c) सेवा के किसी हिस्से या पूरी सेवा की बिक्री करना, उन्हें दोबारा बेचना, उनकी सबलाइसेंसिंग करना, उन्हें ट्रांसफ़र करना या डिस्ट्रिब्यूट करना या (d) इनके लिए या इस तरह से सेवाओं को ऐक्सेस या इस्तेमाल करना: (i) बहुत ज़्यादा जोखिम वाली गतिविधियों के लिए; (ii) एयूपी की नीतियों का उल्लंघन करके; (iii) शुल्क बचाने के इरादे से (इसमें सिंगल ग्राहक खाते के रूप में सिम्युलेट करने या इस खाते के रूप में काम करने के लिए या खास सेवा के इस्तेमाल की ऊपरी सीमा या कोटा से बचने के लिए, कई ग्राहक खाते बनाना शामिल है); (iv) Google की लिखित अनुमति के बिना क्रिप्टो करंसी की माइनिंग में शामिल होने के लिए; (v) जब तक सेवा से जुड़ी शर्तों में न कहा गया हो, आपातकालीन सेवा को कॉल करने या उनसे कॉल पाने के लिए; (vi) संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से मैनेज किए जाने वाले, इंटरनैशनल ट्रैफ़िक इन आर्म्स रेगुलेशन (आईटीएआर) या आर्म्स ट्रैफ़िक को मैनेज करने वाले किसी अन्य लागू स्थानीय कानून के तहत आने वाले मटीरियल या गतिविधियों के लिए; (vii) इस तरह से ऐक्सेस या इस्तेमाल करना कि उससे एक्सपोर्ट कंट्रोल के कानूनों का उल्लंघन होता हो या उल्लंघन हो सकता हो या (viii) स्वास्थ्य की उस जानकारी को ट्रांसमिट, संग्रहित या प्रोसेस करने के लिए जिस पर संयुक्त राज्य अमेरिका के हिपा कानून लागू होते हैं. पाबंदी के दायरे में स्वास्थ्य की वह जानकारी नहीं आती जिसे हिपा बीएए (बिज़नेस असोसिएट एग्रीमेंट) या किसी निजता कानून के तहत मंज़ूरी मिली हो.
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सेक्शन 12.2 (कानून के तहत देनदारी के लिए रकम की सीमा) की जगह, यह सेक्शन लागू होगा:
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12.2 कानून के तहत देनदारी के लिए रकम की सीमा. लागू कानून के मुताबिक तय सीमा तक, कानूनी समझौते की वजह से होने वाले या उससे जुड़े नुकसान के लिए हर पक्ष की कुल देनदारी, देनदारी की वजह बनी घटना से 12 महीने पहले की अवधि के दौरान चुकाए गए शुल्क तक सीमित होगी. बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराई गई सेवाओं से होने वाले या उनसे जुड़े नुकसान के लिए, Google की कुल देनदारी ज़्यादा से ज़्यादा 5,000 डॉलर या सेक्शन 15.18.1 के मुताबिक स्थानीय मुद्रा में 5,000 डॉलर के बराबर की रकम तक सीमित होगी.
सेक्शन 15.12 ( नियंत्रण करने वाला अमेरिका का कानून) की जगह, यह सेक्शन लागू होगा:
15.12 नियंत्रण करने वाला कानून और मध्यस्थता.
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(a) नियंत्रण करने वाला कानून. यह कानूनी समझौता, यूनाइटेड मेक्सिकन स्टेट्स के कानूनों से नियंत्रित किया जाता है. कानूनों का आपसी टकराव होने पर, अदालत यह तय करेगी कि विवाद के समाधान के लिए किस इलाके का कानून लागू होगा.
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(b) मध्यस्थता.
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(i) परिभाषाएं. “विवाद” का मतलब इस कानूनी समझौते से जुड़े किसी भी अनुबंध या गैर-अनुबंध वाले विवाद से है. इसमें कानूनी समझौता होने, उसकी वैधता, विषय-वस्तु, व्याख्या, समझौते का पालन करने या समझौता खत्म होने से जुड़े विवाद शामिल हैं.
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(ii) विवाद सुलझाना. सभी पक्ष अच्छी भावना रखते हुए, कोई भी विवाद शुरू होने के 30 दिनों के अंदर उसे सुलझाने की कोशिश करेंगे. यह अवधि उस समय से शुरू होगी, जब सेक्शन 15.1 (सूचनाएं) के तहत किसी एक पक्ष को विवाद के बारे में पहली बार सूचना दी जाएगी. अगर सभी पक्ष 30 दिनों के अंदर विवाद को नहीं सुलझा पाते हैं, तो कोई भी पक्ष सेक्शन 15.12 (iii) (मध्यस्थता) के तहत, इस विवाद को मध्यस्थता के लिए रेफ़र कर सकता है.
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(iii) मध्यस्थता. सभी पक्ष सभी विवादों की आखिरी और बाध्यकारी मध्यस्थता के लिए, उन्हें नैशनल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स ऑफ़ मेक्सिको सिटी के उन नियमों के तहत रेफ़र करेंगे, जो इस कानूनी समझौते के लागू होने के समय लागू रहते हैं ("नियम"). मध्यस्थता की कार्यवाही, सभी पक्षों की आपसी सहमति से चुना गया एक मध्यस्थ मेक्सिको के मेक्सिको सिटी शहर में स्पैनिश में करेगा.
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(iv) गोपनीयता. मध्यस्थता, गोपनीय जानकारी होती है. इसमें मध्यस्थता की प्रक्रिया और उससे जुड़ी कोई भी मौखिक या लिखित जानकारी गोपनीय होती है. हालांकि, सभी पक्ष ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत में यह जानकारी तब ज़ाहिर कर सकते हैं, जब (a) मध्यस्थता से जुड़ी कार्यवाही के पहले या उसके दौरान अदालत से मदद पाने के लिए ऐसा करना ज़रूरी हो या (b) मध्यस्थता के किसी भी फ़ैसले को लागू कराने के लिए इसकी ज़रूरत हो. वे ऐसा तभी कर सकते हैं, जब कानूनी कार्यवाही में इस जानकारी की गोपनीयता बनाए रखी जाएगी.
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(v) गैर-मौद्रिक राहत. मध्यस्थता करने वाले सिर्फ़ कानून के आधार पर अपना फ़ैसला दे सकते हैं, नैतिकता के आधार पर नहीं. ऐसा हो सकता है कि वे ऐसा फ़ैसला न दे पाएं जिसमें मौद्रिक राहत शामिल हो.
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(vi) फ़ीस और खर्च. हर पक्ष को अपने वकीलों और विशेषज्ञों की फ़ीस और दूसरे खर्चे उठाने होंगे. भले ही, मध्यस्थता करने वाले का आखिरी फ़ैसला कुछ भी हो.
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एक नया सेक्शन 15.18.1 (मुद्रा) जोड़ा गया है. इसकी वजह से, सेक्शन 15.18 की जगह यह सेक्शन लागू होगा:
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15.18 अलग-अलग भाषाओं में दी गई जानकारी का आपस में मेल न खाना. अगर इस कानूनी समझौते का अनुवाद, अंग्रेज़ी के अलावा किसी दूसरी भाषा में किया जाता है और अंग्रेज़ी टेक्स्ट और दूसरी भाषा के टेक्स्ट में कोई अंतर होता है, तो अंग्रेज़ी टेक्स्ट ही मान्य होगा. अगर दूसरी भाषा का टेक्स्ट लागू होगा, तो उसके बारे में साफ़ तौर पर सूचना दी जाएगी
15.18.1 मुद्रा. जब तक इस कानूनी समझौते, किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ या इससे जुड़े इनवॉइस में अलग से न बताया गया हो, हर जगह “$” का मतलब मेक्सिकन पेसो है. शुल्क की गणना करने के लिए मुद्रा के कन्वर्ज़न की ज़रूरत पड़ने पर, यह काम कन्वर्ज़न, लागू कानून के अनुसार, Google के चुने गए किसी भरोसेमंद तीसरे पक्ष की दैनिक औसत विनिमय दर का इस्तेमाल करके किया जाएगा.
सेक्शन 15.19 (परिभाषाएं) में “टैक्स” की जो परिभाषा दी गई थी उसमें बदलाव किया गया है:
“टैक्स” का मतलब सरकार के लगाए गए टैक्स से जुड़ी सभी जवाबदेही से है. इनमें टैक्स, ड्यूटी, और टैक्स के लिए रोके गए पैसे भी शामिल हैं. इनमें कुल आय, कुल संपत्ति, ऐसेट की वैल्यू, प्रॉपर्टी की वैल्यू या रोज़गार पर लागू टैक्स की देनदारी शामिल नहीं है.
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एशिया पैसिफ़िक - भारत
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Google Asia Pacific Pte. Ltd. ('GAP') ने Google India Private Limited को भारत में सेवाओं के नॉन-एक्सक्लूसिव रीसेलर (दोबारा बेचने वाला) के तौर पर नियुक्त किया है. इस बारे में ज़्यादा जानकारी नीचे दी गई है. किसी भी संदेह से बचने के लिए, इस कानूनी समझौते में, दोनों इकाइयों को 'Google' के तौर पर बताया गया है. हालांकि, यह साफ़ तौर पर बताया गया है कि प्रावधान, जहां भी बिक्री या अधिकारों और जवाबदेही के संबंध में Google का हवाला देते हैं (इसमें सेवाओं की बिक्री के लिए इनवॉइस तैयार करना, क्रेडिट लिमिट, इस कानूनी समझौते को खत्म करना वगैरह से जुड़ी शर्तें शामिल हैं) वहां 'Google' का मतलब, Google India Private Limited होगा. साथ ही, इस कानूनी समझौते में ये प्रावधान जहां भी 'Google' को सेवाएं देने वाले के तौर पर बताते हैं या इसके संबंध में अधिकारों और जवाबदेही को दिखाते हैं वहां इसका मतलब 'GAP' होगा.
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Google India Private Limited, कानूनी समझौते के बारे में बताने वाले ऑर्डर फ़ॉर्म को एक्ज़ीक्यूट कर सकता है. हालांकि, ऑर्डर फ़ॉर्म की मदद से Google India और ग्राहक के बीच एक अलग कानूनी समझौता किया जाएगा. साथ ही, इस कानूनी समझौते की सभी शर्तों को उसमें शामिल किया जाएगा. Google India Private Limited, GAP से सेवाएं खरीदकर उन्हें रीसेलर के तौर पर ग्राहकों को बेचता है. इसलिए, कानूनी समझौते के हिसाब से ऐसी सेवाएं उपलब्ध कराने की पूरी जवाबदेही GAP की होगी. सेवाओं की परफ़ॉर्मेंस की कोई जवाबदेही Google India Private Limited की नहीं होगी.
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सेक्शन 2 (पेमेंट की शर्तें) में यह बदलाव हुआ है:
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2. पेमेंट की शर्तें.
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2.1 इस्तेमाल का मेज़रमेंट और बिलिंग के विकल्प. Google के मेज़रमेंट टूल यह पता लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे कि ग्राहक, सेवाओं का कितना इस्तेमाल करता है. सेवाओं का ऑर्डर देते समय बिलिंग के लिए, ग्राहक इनमें से कोई एक विकल्प चुन सकता है. वह बिलिंग के लिए, Google के उपलब्ध कराए गए अन्य विकल्पों में से भी कोई विकल्प चुन सकता है.
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(a) महीने के हिसाब से प्लान. अगर ग्राहक यह विकल्प चुनता है, तो उसके लिए, पहले से तय अवधि के लिए सेवाएं खरीदना ज़रूरी नहीं होगा. हालांकि, उसे सेवाओं के हर दिन के इस्तेमाल के हिसाब से पैसे चुकाने होंगे. इसे हर महीने के बिल में बकाया के तौर पर जोड़ा जाएगा. अगर किसी दिन कुछ ही घंटों के लिए सेवाओं का इस्तेमाल किया गया है, तो शुल्क का हिसाब लगाने के लिए उस दिन को पूरा दिन माना जाएगा.
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(b) सालाना/तय समय वाला प्लान. अगर ग्राहक यह विकल्प चुनता है, तो उसे एक या इससे ज़्यादा सालों (ग्राहक ने जो भी चुना हो) के लिए सेवाएं खरीदनी होंगी. Google, ग्राहक को ऑर्डर फ़ॉर्म में चुनी गई अवधि के मुताबिक बिल भेजेगा.
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Google, ग्राहक को 30 दिन पहले सूचना देकर बिलिंग के विकल्पों में बदलाव कर सकता है. इसमें बिलिंग के किसी भी विकल्प के इस्तेमाल को सीमित करना या बंद करना भी शामिल है. ऐसा कोई भी बदलाव, ग्राहक के अगले ऑर्डर की अवधि की शुरुआत से लागू होगा. ऐसा हो सकता है कि बिलिंग के विकल्प कुछ ग्राहकों के लिए उपलब्ध न हों. ग्राहक, सेक्शन 2.2 (पेमेंट) में बताए गए पेमेंट के तरीकों का इस्तेमाल करके, सेवाओं के लिए पेमेंट कर सकता है.
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2.2 पेमेंट. सभी पेमेंट, ऑर्डर फ़ॉर्म या इनवॉइस में बताई गई मुद्रा में करने होंगे.
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(a) क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड. अगर ग्राहक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या बिना इनवॉइस वाले किसी अन्य तरीके से पेमेंट करता है, तो उसे उस महीने के आखिर में पेमेंट करने होंगे जिसमें उसने सेवाएं ली हैं. क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के लिए, जो भी लागू हो: (i) अगर कोई शुल्क बकाया है, तो Google एक इलेक्ट्रॉनिक बिल जारी करता है और (ii) अगर ग्राहक, सेवाएं इस्तेमाल करने वाले महीने के खत्म होने के 30 दिनों के बाद तक ये शुल्क नहीं चुकाता है, तो इन्हें बकाया माना जाता है.
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(b) इनवॉइस. अगर ऑर्डर फ़ॉर्म पर कुछ और नहीं बताया गया है, तो इनवॉइस के पेमेंट, इनवॉइस की तारीख के बाद 60 दिनों के अंदर करने होते हैं. उस तारीख के बाद, इन्हें बकाया माना जाता है.
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(c) पेमेंट के अन्य तरीके. Google ने Admin console में पेमेंट का जो तरीका उपलब्ध कराया होगा, ग्राहक उसके हिसाब से अपने मौजूदा पेमेंट के तरीके की जगह कोई दूसरा तरीका चुन सकता है. इसके लिए, ग्राहक को पेमेंट के उस तरीके की अतिरिक्त शर्तों को स्वीकार करना होगा.
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(d) पेमेंट के बारे में जानकारी. वायर ट्रांसफ़र से किए गए पेमेंट में, बैंक की वह जानकारी होनी चाहिए जो Google ने दी है.
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2.3 टैक्स.
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(a) सेवाओं के हिसाब से, ग्राहक ऊपर बताए गए शुल्क और लागू टैक्स, Google को देने के लिए सहमत होता है. अगर टैक्स इकट्ठा करने या चुकाने की ज़िम्मेदारी Google की है, तो ग्राहक को टैक्स का इनवॉइस भेजा जाएगा. अगर ग्राहक सही टैक्स अथॉरिटी से टैक्स में छूट का मान्य सर्टिफ़िकेट लेकर तय समय पर Google को देता है, तो उसे टैक्स से छूट मिल जाएगी.
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(b) लागू कानून के तहत ज़रूरी होने पर ग्राहक, Google को टैक्स की पहचान से जुड़ी ऐसी जानकारी (वस्तु और सेवा कर पहचान संख्या ("जीएसटीआईएन"), वह जगह जहां ग्राहक को सेवाएं मिलेंगी, टैक्स स्टेटस वगैरह) देगा जिसकी ज़रूरत Google को हो सकती है, ताकि भारत में लागू टैक्स नियमों का पालन करना पक्का किया जा सके. ग्राहक स्वीकार करता है कि दी गई सभी जानकारी सही है. जैसे, जीएसटीआईएन, वह जगह जहां ग्राहक को सेवाएं मिलेंगी, टैक्स स्टेटस वगैरह. दिया गया पता और जीएसटीआईएन उस जगह का है जहां ग्राहक को सेवाएं मिलेंगी. अगर ग्राहक कोई गलत एलान करता है, तो वह इसकी वजह से लगने वाला टैक्स, ब्याज, दंड या जुर्माना भरने (या Google को लौटाने) के लिए ज़िम्मेदार होगा.
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(c) अगर लागू कानूनों के मुताबिक, ग्राहक के लिए यह ज़रूरी है कि वह Google को किए जाने वाले पेमेंट में से, आय पर लगने वाले टैक्स की कोई रकम रोक ले, तो ऐसा करने के बाद उसे Google को टैक्स के लिए रोके गए पैसों का सर्टिफ़िकेट या अन्य ज़रूरी दस्तावेज़ सही समय पर देना होगा, ताकि यह पक्का किया जा सके कि ऐसा टैक्स से जुड़े लागू कानूनों के मुताबिक किया गया है.
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2.4 पेमेंट से जुड़े विवाद. पेमेंट से जुड़े किसी भी विवाद की जानकारी, बिलिंग की तारीख से पहले देना ज़रूरी है. अगर पक्ष यह तय करते हैं कि Google की वजह से बिलिंग में कुछ दिक्कतें हुई हैं, तो Google इनवॉइस को सही करने की जगह, क्रेडिट मेमो जारी करेगा. यह क्रेडिट मेमो, उतनी ही रकम के लिए जारी किया जाएगा जितने पर विवाद है. अगर विवाद वाले इनवॉइस के लिए अभी तक पैसे नहीं चुकाए गए हैं, तो Google India इसमें से क्रेडिट मेमो की रकम अडजस्ट कर देगा. इसके बाद, कुल बकाया बिल का पेमेंट ग्राहक को करना होगा. इस समझौते के तहत, Google India किसी भी पक्ष को बकाया पैसे चुकाने के लिए ज़िम्मेदार नहीं है.
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2.5 बकाया पेमेंट, निलंबन. तय तारीख तक पूरा पेमेंट न करने पर, कुल बकाया रकम पर हर महीने 1.5% या लागू कानून के मुताबिक सबसे ज़्यादा दर, दोनों में से जो भी कम हो, के हिसाब से ब्याज लग सकता है. ऐसा तब तक होगा, जब तक पूरा पेमेंट नहीं किया जाता. बकाया रकम इकट्ठा करने में, Google India का जो भी खर्च आएगा उसकी भरपाई ग्राहक को करनी होगी. इसमें वकील की फ़ीस भी शामिल है. इसके अलावा, अगर ग्राहक ने दी गई सेवाओं के लिए अभी तक पेमेंट नहीं किया है, तो Google India, Google के ज़रिए सेवाओं को निलंबित भी कर सकता है.
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2.6 परचेज़ ऑर्डर (पीओ) नंबर की ज़रूरत नहीं है. ग्राहक को लागू होने वाले सभी शुल्क का पेमेंट करना होगा. इसके लिए, Google India को अपने इनवॉइस (या अन्य) का परचेज़ ऑर्डर (पीओ) देने की ज़रूरत नहीं होगी.
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2.7 शुल्क में बदलाव. Google India किसी भी समय अपने शुल्क में बदलाव कर सकता है. हालांकि, ऐसा तभी किया जा सकता है, जब समझौते की शर्तों से जुड़े किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ या ऑर्डर फ़ॉर्म में साफ़ तौर पर किसी और बात के लिए सहमति न दी गई हो. शुल्क में कोई भी बदलाव करने से पहले, Google India कम से कम 30 दिन पहले ग्राहक को इसकी जानकारी देगा. ये बदलाव 30 दिनों के बाद, ग्राहक के अगले ऑर्डर की अवधि शुरू होने पर लागू होंगे.
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सेक्शन 15.12 (अमेरिका के कानून का नियंत्रण) में ये बदलाव हुए हैं:
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15.12 नियंत्रण करने वाला कानून. इस कानूनी समझौते या इससे जुड़े सभी दावे भारत के कानूनों से नियंत्रित होंगे. कोई विवाद होने पर, वह नई दिल्ली के न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में आएगा. ऊपर बताई गई शर्तों के बावजूद, इस समझौते के तहत ग्राहक Google से संबंधित सभी दावे, Google India Private Limited के ख़िलाफ़ कर सकता है और करेगा.
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सेक्शन 15.19 (परिभाषाएं) के तहत "टैक्स" की परिभाषा में यह बदलाव हुआ है:
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15.19 परिभाषाएं.
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"टैक्स" का मतलब, लागू कानून के मुताबिक सभी टैक्स से है. इनमें शुल्क या टैक्स (आय पर लगने वाले टैक्स छोड़कर) के अलावा और भी टैक्स शामिल हो सकते हैं. इनमें इनडायरेक्ट टैक्स, जैसे कि वस्तु और सेवा कर ("जीएसटी") या सेवाओं की खरीद से जुड़े इस तरह के अन्य टैक्स शामिल हैं.
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एशिया पैसिफ़िक - इंडोनेशिया
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एक नया सेक्शन 8.8 जोड़ा गया है:
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8.8 समझौता खत्म करने पर दावा छोड़ना. सभी पक्ष किसी भी लागू कानून के तहत उन प्रावधानों पर अपना दावा छोड़ने के लिए सहमत हैं जिनमें इस कानूनी समझौते को रद्द करने के लिए अदालत के फै़सले या आदेश की ज़रूरत हो.
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इस कानूनी समझौते का इंडोनेशियन वर्शन यहां उपलब्ध है. साथ ही, सेक्शन 15.18 (अलग-अलग भाषाओं में दी गई जानकारी का आपस में मेल न खाना) में यह बदलाव हुआ है:
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15.18 अलग-अलग भाषाओं में दी गई जानकारी का आपस में मेल न खाना. यह कानूनी समझौता इंडोनेशियन और अंग्रेज़ी भाषाओं में उपलब्ध है. दोनों वर्शन समान रूप से प्रामाणिक हैं. इंडोनेशियन और अंग्रेज़ी वर्शन के बीच किसी भी अंतर या अलग व्याख्या की स्थिति में, समझौते में शामिल दोनों पक्ष इस बात से सहमत हैं कि इंडोनेशियन वर्शन का जो हिस्सा अंग्रेज़ी वर्शन से मेल नहीं खाएगा उसे अंग्रेज़ी वर्शन के हिसाब से संशोधित किया जाएगा.
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एशिया पैसिफ़िक - ऑस्ट्रेलिया
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एक नया सेक्शन 11A जोड़ा गया है:
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11A. सेक्शन 11A तब लागू होता है, जब सेवाएं ऑस्ट्रेलियन कॉम्पटिशन ऐंड कंज़्यूमर ऐक्ट 2010 ("एसीसीए") के तहत, कानूनी गारंटी के अधीन हों. लागू कानूनों (एसीसीए भी शामिल है) के तहत, इस कानूनी समझौते में कुछ ऐसी राहत या अधिकार जोड़े जा सकते हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता. Google, लागू कानूनों की अनुमति की सीमा तक अपनी कार्रवाई सीमित करेगा. इन कानूनों के तहत, Google या इसके तहत काम करने वाली किसी भी कंपनी की जवाबदेही, फिर से सेवाएं देने या फिर से सेवाएं देने में आने वाली लागत का पेमेंट करने के इसके विकल्प तक सीमित होगी.
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सेक्शन 12.2 (कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा) में ये संशोधन किए गए हैं:
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12.2 कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा. कानूनी समझौते की वजह से होने वाले या उससे जुड़े नुकसान के लिए, हर पक्ष की कुल देनदारी, (a) देनदारी की वजह बनने वाले इवेंट से 12 महीने पहले की अवधि के दौरान चुकाए गए शुल्क या (b) 1,000 ऑस्ट्रेलियन डॉलर (दोनों में से जो भी ज़्यादा हो) तक सीमित होती है. हालांकि, बिना किसी शुल्क के दी जाने वाली सेवा या उससे जुड़े नुकसान के लिए, Google की कुल देनदारी 5,000 डॉलर से ज़्यादा नहीं होगी.
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सेक्शन 14.1(d) (कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा) में ये बदलाव किए गए हैं:
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(d) सेक्शन 12.2 (कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा) में ये बदलाव किए गए हैं: "कानूनी समझौते में बताए गए या उससे जुड़े नुकसान के लिए हर पक्ष की कुल देनदारी, (i) देनदारी की वजह बनने वाले इवेंट से 12 महीने पहले की अवधि में रीसेलर से सेवाएं खरीदने के लिए ग्राहक के चुकाए गए शुल्क और (ii) 1,000 ऑस्ट्रेलियन डॉलर (दोनों में से जो भी ज़्यादा हो) तक सीमित होती है."
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सेक्शन 15.12(c) (अमेरिका के कानून का नियंत्रण) में किए गए संशोधन के तहत, उसके आखिरी हिस्से में ये शब्द जोड़े गए हैं: "अगर लागू कानून की वजह से किसी विवाद का हल कैलिफ़ोर्निया की अदालत में न हो पाए, तो ग्राहक इस विवाद से जुड़ा मुकदमा अपने स्थानीय इलाके में मौजूद अदालतों में दाखिल कर सकता है. अगर लागू कानून की वजह से, ग्राहक के स्थानीय इलाके में मौजूद अदालत किसी विवाद को हल करने के लिए, कैलिफ़ोर्निया का कानून लागू नहीं कर पाती है, तो उस विवाद को ग्राहक के देश, राज्य या रहने की जगह पर लागू स्थानीय कानून के हिसाब से हल किया जाएगा."
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सेक्शन 15.15 (पूरा कानूनी समझौता) में किए गए संशोधन के तहत, उसके आखिरी हिस्से में ये शब्द जोड़े गए हैं: "इस कानूनी समझौते में ऐसा कुछ नहीं है जो किसी भी पक्ष को समझौता होने से पहले, लिखित या मौखिक रूप में, गलत तरीके से पेश की गई बात की जवाबदेही से बचाता है."
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यूरोप, मध्य-पूर्व, और अफ़्रीका - सभी क्षेत्र
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सेक्शन 2.2(d) (पेमेंट संबंधी जानकारी) में ये बदलाव किए गए हैं:
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2.2(d) पेमेंट संबंधी जानकारी. वायर ट्रांसफ़र से किए गए पेमेंट में, बैंक की वह जानकारी होनी चाहिए जो Google ने दी है.
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यूरोप, मध्य पूर्व, और अफ़्रीका - यूरोपियन इकनॉमिक एरिया, यूनाइटेड किंगडम, और स्विट्ज़रलैंड
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सेक्शन 15.19 (परिभाषाएं) को सेक्शन 15.20 (परिभाषाएं) में बदल दिया गया है.
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एक नया सेक्शन 15.19 जोड़ा गया है:
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15.19 ईईसीसी के तहत मिले अधिकार छोड़ना.
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(a) सेक्शन 15.19 (ईईसीसी के तहत मिले अधिकार छोड़ना) में बताए गए मकसद के लिए, "माइक्रो एंटरप्राइज़", "स्मॉल एंटरप्राइज़", और "गैर-लाभकारी संगठन" शब्दों का वही मतलब होगा जो ईईसीसी में दिया गया है. "ईईसीसी" का मतलब है यूरोपियन इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशंस कोड (जैसा कि यूरोपियन पार्लियामेंट के डायरेक्टिव (ईयू) 2018/1972 और 11 दिसंबर 2018 की काउंसिल ने बनाया है).
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(b) सभी पक्ष मानते हैं कि ईईसीसी के तहत: (i) कुछ अधिकार माइक्रो एंटरप्राइज़, स्मॉल एंटरप्राइज़, और गैर-लाभकारी संगठनों को मिलते हैं. (ii) जो ग्राहक, (i) में दी गई किसी भी कैटगरी में आते हैं वे साफ़ तौर पर कुछ अधिकार छोड़ने के लिए सहमत हो सकते हैं.
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(c) अगर ग्राहक कोई माइक्रो एंटरप्राइज़, स्मॉल एंटरप्राइज़ या गैर-लाभकारी संगठन है, तो वह इन अनुच्छेदों के तहत मिलने वाला कोई भी अधिकार छोड़ने के लिए सहमत है:
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(i) अनुच्छेद 102(1) ईईसीसी, ग्राहक को अनुबंध होने से पहले उसकी कुछ जानकारी पाने की अनुमति देता है,
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(ii) अनुच्छेद 102(3) ईईसीसी, ग्राहक को किसी अनुबंध से जुड़ी खास जानकारी पाने की अनुमति देता है,
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(iii) अनुच्छेद 105(1) ईईसीसी, कुछ सेवाओं के लिए अनुबंध की ज़्यादा से ज़्यादा अवधि को 24 महीने तक सीमित करता है, और
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(iv) अनुच्छेद 107(1) ईईसीसी, Google Workspace कानूनी समझौते के तहत दी गई सभी सेवाओं के लिए, ईईसीसी के अन्य अधिकार भी देता है. इसमें अनुच्छेद 102(3) और 105(1) के अधिकार भी शामिल हैं, जिनकी जानकारी ऊपर दी गई है.
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यूरोप, मध्य पूर्व, अफ़्रीका - अल्जीरिया, बहरीन, जॉर्डन, कुवैत, लीबिया, मॉरेटेनिया, मोरक्को, ओमान, फ़िलिस्तीन, कतर, ट्यूनीशिया, यमन, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, और लेबनान
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एक नया सेक्शन 8.8 जोड़ा गया है:
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8.8 अदालत के आदेश की ज़रूरत नहीं है. दोनों ही पक्ष इस बात को स्वीकार करते हैं और सहमत हैं कि किसी ऑर्डर फ़ॉर्म या कानूनी समझौते के किसी भी नियम को खत्म या लागू करने के लिए, अदालत के आदेश की ज़रूरत नहीं होगी.
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सेक्शन 15.12 (अमेरिका के कानून का नियंत्रण) में ये बदलाव किए गए हैं:
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15.12 नियंत्रण करने वाला कानून, मध्यस्थता.
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(a) इस समझौते या इससे जुड़े Google के किसी भी प्रॉडक्ट या सेवा के लिए होने वाले दावों (इनमें समझौते की व्याख्या या उसका पालन करने से जुड़े विवाद भी शामिल हैं) ("विवाद") की समीक्षा, अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया राज्य के कानून के तहत होगी. इसमें कैलिफ़ोर्निया के कानूनों के आपसी टकराव के नियम शामिल नहीं होंगे.
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(b) सभी पक्ष अच्छी भावना रखते हुए, कोई विवाद शुरू होने के 30 दिनों के अंदर ही उसे सुलझाने की कोशिश करेंगे. अगर विवाद का समाधान 30 दिनों में नहीं होता है, तो इसका समाधान लंदन कोर्ट ऑफ़ इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन (एलसीआईए) ("नियम") के मध्यस्थता नियमों के तहत होगा. इन नियमों को इस सेक्शन के रेफ़रंस के तौर पर शामिल किया गया अतिरिक्त दस्तावेज़ माना जाता है.
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(c) सभी पक्ष आपसी सहमति से मध्यस्थता करने वाले को चुनेंगे. मध्यस्थता की कार्यवाही अंग्रेज़ी में होगी और कानूनी तौर पर मध्यस्थता की जगह दुबई इंटरनैशनल फ़ाइनेंशियल सेंटर, डीआईएफ़सी, दुबई यूएई होगी.
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(d) अगर कोई पक्ष चाहे, तो मध्यस्थता से समाधान मिलने तक अपने अधिकार सुरक्षित रखने के लिए, रोक लगाने वाले कानूनी आदेश से राहत पा सकता है. इसके लिए, वह ऐसे मामले देखने वाली किसी भी अदालत में आवेदन कर सकता है. मध्यस्थता करने वाला, कानूनी समझौते के तरीकों और सीमाओं के तहत, न्यायसंगत कार्रवाई करने या रोक लगाने वाले कानूनी आदेश से राहत का आदेश दे सकता है.
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(e) मध्यस्थता का नतीजा आखिरी होगा और सभी पक्ष उसे मानने के लिए बाध्य होंगे. इसके पालन से जुड़ी कार्यवाही को इस तरह के मामले देखने वाली किसी भी अदालत में पेश किया जा सकता है. इसमें ऐसी हर अदालत शामिल है जिसके अधिकार क्षेत्र में कोई पक्ष या उसकी संपत्ति आती हो.
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(f) सेक्शन 15.12 (नियंत्रण करने वाला कानून, मध्यस्थता) के मुताबिक की गई मध्यस्थता की कोई भी कार्यवाही, सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी) के तहत गोपनीय जानकारी मानी जाएगी. इसमें ये भी शामिल हैं: (i) इस कार्यवाही का होना, (ii) कार्यवाही के दौरान ज़ाहिर की गई कोई भी जानकारी, और (iii) मध्यस्थता की कार्यवाहियों से जुड़ी कोई भी मौखिक बातचीत या दस्तावेज़. सभी पक्षों को सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी) के तहत जानकारी ज़ाहिर करने का अधिकार है. इसके अलावा, वे सब-सेक्शन 15.12 (f) में बताई गई जानकारी को ऐसे मामले देखने वाली अदालत में तब ज़ाहिर कर सकते हैं, जब मध्यस्थता में हुए फ़ैसले का पालन करना ज़रूरी हो. हालांकि, पक्षों को अनुरोध करना चाहिए कि ऐसी न्यायिक कार्यवाहियां बंद कमरे में (गोपनीय तौर पर) हों.
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(g) सभी पक्ष, मध्यस्थता करने वाले की फ़ीस, उसने जिन विशेषज्ञों को नियुक्त किया है उनकी फ़ीस और खर्च, और मध्यस्थता केंद्र के प्रशासनिक खर्चों को नियमों के मुताबिक चुकाएंगे. मध्यस्थता करने वाला अपने आखिरी फ़ैसले में, इन फ़ीस के लिए जीतने वाले पक्ष की ओर से ऐडवांस में चुकाई गई रकम की भरपाई के लिए, हारने वाले पक्ष की जवाबदेही तय करेगा.
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(h) हर पक्ष को अपने वकीलों और विशेषज्ञों की फ़ीस और दूसरे खर्चे उठाने होंगे, फिर चाहे विवाद में मध्यस्थता करने वाले का आखिरी फ़ैसला कुछ भी हो.
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उत्तरी अमेरिका - संयुक्त राज्य अमेरिका
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सेक्शन 15.19 (परिभाषाएं) को सेक्शन 15.20 (परिभाषाएं) में बदल दिया गया है.
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एक नया सेक्शन 15.19 जोड़ा गया है:
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15.19 अमेरिकन फ़ेडरल एजेंसी के उपयोगकर्ता. ये सेवाएं पूरी तरह से निजी खर्च पर बनाई गई थीं और लागू फ़ेडरल एक्विज़िशन रेगुलेशन और उनकी एजेंसी की चीज़ों में वाणिज्यिक कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर और संबंधित दस्तावेज़ हैं.
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