Google Workspace की सेवा की शर्तें

पिछली बार किए गए बदलावों की तारीख: 16 नवंबर, 2023

क्या Google Cloud आपके लिए नया प्रॉडक्ट है? Google Cloud के ऑनलाइन कानूनी समझौतों की खास जानकारी यहां देखी जा सकती है.

अन्य भाषाओं में इस कानूनी समझौते का अनुवाद देखने के लिए, कृपया यहां क्लिक करें.

अगर आपने Google Workspace की सेवाओं के लिए, इस कानूनी समझौते के ऑफ़लाइन वैरिएंट पर हस्ताक्षर किया है और ऐसा उसी खाते के लिए किया है जिससे सेवाएं इस्तेमाल करनी हैं, तो नीचे दी गई शर्तें आप पर लागू नहीं होंगी. आपके लिए, Google Workspace की सेवाओं के इस्तेमाल पर, ऑफ़लाइन इस्तेमाल से जुड़ी शर्तें लागू होंगी.

Se a sua conta para faturamento é no Brasil, por gentileza veja o Termos de Serviço (em português e em inglês), que seráo os Termos aplicáveis à sua utilização da Google Workspace.

Google Workspace की सेवा की ये शर्तें (एक साथ इन्हें "कानूनी समझौता" कहा जाता है), Google और इन्हें स्वीकार करने वाली किसी इकाई या व्यक्ति ("ग्राहक") के बीच लागू होती हैं. इन शर्तों से तय होता है कि ग्राहक किन सेवाओं को ऐक्सेस कर सकेगा और उन्हें कैसे इस्तेमाल करेगा. इन शर्तों को पहले "Google Workspace (ऑनलाइन) कानूनी समझौता" या "Google Workspace कानूनी समझौता" के नाम से जाना जाता था. "Google" को यहां जिस संदर्भ में इस्तेमाल किया गया है उसका मतलब यहां बताया गया है: https://cloud.google.com/terms/google-entity.

  • यह कानूनी समझौता उस तारीख से लागू हो जाता है, जब ग्राहक इसे स्वीकार करने के लिए क्लिक करता है ("लागू होने की तारीख"). ग्राहक की ओर से इसे स्वीकार करने का मतलब है कि बतौर प्रतिनिधि आप यहां बताई गई शर्तों से सहमत हैं: (i) आपके पास ग्राहक से इस समझौते का पालन करवाने का कानूनी अधिकार है, (ii) आपने इस कानूनी समझौते को पढ़ और समझ लिया है, और (iii) आप ग्राहक की ओर से इस समझौते को लेकर सहमत हैं.

    • 1. सेवाओं का प्रावधान.

      • 1.1 सेवाओं का इस्तेमाल. इस्तेमाल की अवधि के दौरान, Google कानूनी समझौते के मुताबिक ही सेवाएं मुहैया कराएगा. कानूनी समझौते में, सेवा स्तर समझौता (एसएलए) भी शामिल है. ग्राहक, 'ऑर्डर फ़ॉर्म' या 'रीसेलर ऑर्डर' में ऑर्डर की गई सेवाओं का इस्तेमाल इस कानूनी समझौते के मुताबिक कर सकते हैं.

      • 1.2 Admin console. ग्राहक के पास Admin console का ऐक्सेस होगा, ताकि वह सेवाओं के इस्तेमाल को मैनेज कर सके.

      • 1.3 खाते, सेवाएं इस्तेमाल करने के लिए पुष्टि करना.

        • (a) खाते. सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहक के पास एक खाता होना चाहिए. हालांकि, खाता बनाने के लिए दी जाने वाली जानकारी, खाते के पासवर्ड की सुरक्षा, और खाते के किसी भी तरह के इस्तेमाल के लिए ग्राहक खुद ज़िम्मेदार है. Google, ग्राहक को कई खाते देने के लिए बाध्य नहीं है.

        • (b) सेवाएं इस्तेमाल करने के लिए पुष्टि करना. सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहक को डोमेन ईमेल पते या डोमेन नेम की पुष्टि करनी होगी. अगर ग्राहक के पास डोमेन ईमेल पते का इस्तेमाल करने के लिए ज़रूरी अनुमति नहीं है या उसके पास डोमेन नेम का मालिकाना हक नहीं है या उस पर कंट्रोल नहीं है, तो Google, ग्राहक को सेवाएं देने के लिए बाध्य नहीं होगा. साथ ही, बिना किसी सूचना के खाता मिटाया जा सकता है.

      • 1.4 बदलाव.

        • (a) सेवाओं में. Google, समय-समय पर सेवाओं में कुछ ऐसे बदलाव कर सकता है जो कारोबार के नज़रिये से सही होते हैं. अगर Google, अपनी सेवाओं में कोई ऐसा अहम बदलाव करता है जिससे सेवाओं को इस्तेमाल करने के अनुभव पर कोई असर पड़ता है, तो Google इसकी जानकारी अपने ग्राहकों को देता है. हालांकि, इस तरह की जानकारी सिर्फ़ उन ग्राहकों को दी जाती है जिन्होंने Google से ऐसी सूचनाएं पाने के लिए सहमति दी हो.

        • (b) इस कानूनी समझौते में. Google इस कानूनी समझौते की शर्तों में समय-समय पर बदलाव कर सकता है. बदलावों की जानकारी यहां दी जाएगी: https://workspace.google.com/terms/premier_terms.html. ये बदलाव ग्राहक के अगले ऑर्डर की अवधि शुरू होने पर ही लागू होंगे. उस अवधि के दौरान, अगर ग्राहक इन सेवाओं को इस्तेमाल करना जारी रखता है, तो यह माना जाएगा कि उसने इन बदलावों को स्वीकार कर लिया है. यह सेक्शन 1.4(b) (कानूनी समझौते के संशोधन), यूआरएल की शर्तों में होने वाले बदलावों पर लागू नहीं होता है.

        • (c) यूआरएल की शर्तों में. Google समय-समय पर यूआरएल की शर्तों में बदलाव कर सकता है. अगर कोई अहम बदलाव किया जाता है, तो Google इसकी जानकारी ग्राहक को देगा. Google, लागू सेवा स्तर समझौते (एसएलए) वाले वेबपेज का इस्तेमाल करके, एसएलए में हुए अहम बदलावों के बारे में ग्राहक को सूचना दे सकता है. यूआरएल की शर्तों में होने वाले अहम बदलाव, सूचना देने के 30 दिन बाद लागू होंगे. हालांकि, (i) सेवा स्तर समझौते (एसएलए) पर उलटा असर डालने वाले बदलाव, सूचना देने के 90 दिन बाद लागू होंगे और (ii) नई सेवाओं, सुविधाओं, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम या लागू कानून के तहत ज़रूरी बदलाव तुरंत लागू हो जाएंगे.

        • (d) Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में. Google सिर्फ़ इन मामलों में, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में बदलाव कर सकता है: जब लागू कानून का पालन करने के लिए बदलाव करना ज़रूरी हो, जब बदलाव करने की अनुमति साफ़ तौर पर Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में दी गई हो या जब बदलाव:

          • (i) कारोबार के नज़रिये से सही हो,

          • (ii) सेवाओं की सुरक्षा पर कोई खास असर न डालता हो,

          • (iii) Google के “ग्राहक का निजी डेटा” प्रोसेस करने पर लागू किसी भी पाबंदी को न तो हटाता हो और न ही उसका दायरा बढ़ाता हो, जैसा कि Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम के “प्रोसेसिंग का दायरा” सेक्शन में बताया गया है, और

          • (iv) Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम के तहत, ग्राहक के अधिकारों पर किसी भी तरह से बुरा असर न डालता हो.

        • अगर Google इस सेक्शन 1.4(d) (Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में बदलाव) के तहत, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में कोई अहम बदलाव करेगा, तो वह Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम वाले वेबपेज पर इस बदलाव की जानकारी देगा.

        • (e) मुख्य सेवाएं बंद करना. Google, किसी मुख्य सेवा या उससे जुड़ी अहम सुविधा को बंद करने के कम से कम 12 महीने पहले ग्राहक को इसकी सूचना देगा. अगर Google उस सेवा या सुविधा की जगह पर उसी तरह की कोई और मुख्य सेवा या सुविधा उपलब्ध कराता है, तो सूचना नहीं दी जाएगी. इस सेक्शन 1.4(e) (मुख्य सेवाएं बंद करना) में ऐसा कुछ भी नहीं है जो लागू कानून के पालन के लिए ज़रूरी बदलाव करने, अहम सुरक्षा से जुड़े जोखिम को दूर करने या ज़रूरी आर्थिक या अहम तकनीकी दिक्कतों से बचने के लिए, Google की क्षमता को सीमित करता हो. यह सेक्शन 1.4(e) (मुख्य सेवाएं बंद करना), अन्य सेवाओं या सामान्य रूप से उपलब्ध होने से पहले दी जाने वाली सेवाओं, ऑफ़र या सुविधाओं पर लागू नहीं होता है.

    • 2. पैसे चुकाने की शर्तें.

      • 2.1 इस्तेमाल के मेज़रमेंट और बिलिंग के विकल्प. Google के मेज़रमेंट टूल का इस्तेमाल, यह तय करने लिए किया जाएगा कि ग्राहक, सेवाओं का कितना इस्तेमाल करता है. Google इसी के आधार पर अपनी सेवाओं के लिए शुल्क तय करेगा. सेवाओं के लिए अपना ऑर्डर देते समय, ग्राहक इनमें से कोई एक बिलिंग विकल्प चुन सकता है. इसके अलावा, वह Google के उपलब्ध कराए गए दूसरे विकल्पों में से कोई बिलिंग विकल्प चुन सकता है.

        • (a) महीने के हिसाब से प्लान. अगर ग्राहक यह विकल्प चुनता है, तो पहले से तय अवधि के लिए सेवाएं खरीदना उसके लिए ज़रूरी नहीं होगा. हालांकि, उसे सेवाओं के हर दिन के इस्तेमाल के हिसाब से पैसे चुकाने होंगे. इसे मासिक बिल में बकाया के तौर पर जोड़ा जाएगा. अगर सेवाओं का इस्तेमाल दिन के कुछ ही घंटे किया जाए, तो शुल्क का हिसाब लगाने के लिए उस दिन को पूरा दिन माना जाएगा.

        • (b) सालाना/तय समय वाला प्लान. अगर ग्राहक यह विकल्प चुनता है, तो उसे एक या उससे ज़्यादा, सालाना अवधि (जो ग्राहक ने चुनी हो) के लिए सेवाएं खरीदनी होंगी. Google, ग्राहक को ऑर्डर फ़ॉर्म पर उसकी चुनी हुई अवधि के मुताबिक बिल भेजेगा.

      • Google, ग्राहक को 30 दिन पहले सूचना देकर अपने बिलिंग विकल्प के ऑफ़र में बदलाव कर सकता है. इसमें, किसी भी बिलिंग विकल्प के ऑफ़र को सीमित करना या बंद करना शामिल है. ऐसा कोई भी बदलाव, ग्राहक के अगले ऑर्डर की अवधि की शुरुआत से लागू होगा. ऐसा हो सकता है कि बिलिंग के विकल्प सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध न हों. ग्राहक, सेक्शन 2.2 (पेमेंट) में बताए गए पैसे चुकाने के तरीकों का इस्तेमाल करके, सेवाओं के लिए पैसे चुका सकता है.

      • 2.2 पेमेंट करना. सभी पेमेंट, ऑर्डर फ़ॉर्म या इनवॉइस में बताई गई मुद्रा में करने होंगे.

        • (a) क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड. अगर ग्राहक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या बिना इनवॉइस वाले किसी अन्य तरीके से पेमेंट करता है, तो उसे उस महीने के आखिर में पेमेंट करने होंगे जिसमें उसने सेवाएं ली हैं. क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के लिए, जो भी लागू हो: (i) अगर कोई शुल्क बकाया है, तो Google इलेक्ट्रॉनिक बिल जारी करता है और (ii) अगर ग्राहक, सेवाएं मिलने वाले महीने के खत्म होने के 30 दिन बाद तक ये शुल्क नहीं चुकाता है, तो इन्हें बकाया माना जाता है.

        • (b) इनवॉइस. अगर ऑर्डर फ़ॉर्म पर कुछ और नहीं बताया गया है, तो इनवॉइस के पैसे, इनवॉइस की तारीख के बाद 30 दिनों के अंदर चुकाने होते हैं. उस तारीख के बाद, इन्हें बकाया माना जाता है.

        • (c) पेमेंट करने के अन्य तरीके. ग्राहक, पेमेंट के तरीके को, Google की ओर से Admin console में उपलब्ध कराए गए, पेमेंट के किसी अन्य तरीके से बदल सकता है. इसके लिए ग्राहक को, पेमेंट के उस तरीके की अतिरिक्त शर्तों को स्वीकार करना होगा.

        • (d) क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी. वायर ट्रांसफ़र की सुविधा से किए गए पेमेंट में, Google की ओर से दी गई बैंक की जानकारी होनी चाहिए.

      • 2.3 टैक्स.

        • (a) किसी भी टैक्स के लिए ग्राहक जवाबदेह है. सेवाओं के लिए उसे ही Google को पूरे टैक्स के साथ पेमेंट करना होगा. अगर Google, टैक्स इकट्ठा करने या टैक्स देने के लिए जवाबदेह है, तो टैक्स का इनवॉइस ग्राहक को भेजा जाएगा. इसके बाद, ग्राहक उन टैक्स का पेमेंट Google को करेगा. अगर ग्राहक उन टैक्स में छूट के लिए Google को सही समय पर मान्य सर्टिफ़िकेट देता है, तो उसे टैक्स का पेमेंट नहीं करना होगा.

        • (b) ग्राहक खुद पर लगने वाले किसी भी टैक्स की पहचान से जुड़ी जानकारी, Google को देगा. Google को लागू कानून के तहत इस जानकारी की ज़रूरत पड़ सकती है, ताकि इसके अधिकार क्षेत्र में आने वाली संस्थाओं और टैक्स से जुड़े लागू नियमों के तहत इसका पालन हो. ग्राहक, किसी भी टैक्स, ब्याज, दंड या गलत एलान की वजह से लगने वाला जुर्माना भरने (या Google को लौटाने) के लिए ज़िम्मेदार होगा.

      • 2.4 पेमेंट से जुड़े विवाद. पेमेंट से जुड़े किसी भी विवाद के बारे में बिलिंग की तारीख से पहले ही जानकारी देना ज़रूरी है. अगर Google अच्छी भावना रखते हुए किसी विवाद की समीक्षा करता है और उसे पता चलता है कि उसकी वजह से बिलिंग में कुछ दिक्कतें हुई हैं, तो वह सही इनवॉइस जारी नहीं करेगा, बल्कि प्रभावित इनवॉइस में गलत रकम की जानकारी देते हुए एक क्रेडिट मेमो जारी करेगा. अगर विवाद वाले इनवॉइस के लिए अभी तक पेमेंट नहीं दिया गया है, तो Google इसमें से क्रेडिट मेमो की रकम अडजस्ट कर देगा. बकाया पेमेंट की ज़िम्मेदारी ग्राहक की होगी. समझौते के मुताबिक, Google किसी का भी बकाया पैसा चुकाने के लिए बाध्य नहीं है.

      • 2.5 बकाया पेमेंट, निलंबन. तय तारीख तक पेमेंट न करने पर (इसमें उस रकम को शामिल नहीं किया जाता जिसे लेकर विवाद है और जिसकी जानकारी पेमेंट करने की तय तारीख से पहले ही दे दी गई है), हर महीने 1.5% के हिसाब से या अगर यह कम हो, तो कानून के मुताबिक सबसे ज़्यादा दर पर ब्याज लग सकता है. ऐसा तब तक होगा, जब तक पूरा पेमेंट नहीं किया जाता. ग्राहक, Google को ऐसे सभी ज़रूरी खर्चों (वकील की फ़ीस सहित) की भरपाई करेगा जो बकाया रकम इकट्ठा करने में Google ने खर्च किए हैं. हालांकि, इसमें बिलिंग की समस्याओं की वजह से बकाया रकम शामिल नहीं होगी. इसके अलावा, सेवाओं के लिए देरी से पेमेंट करने पर, Google उन्हें निलंबित कर सकता है.

      • 2.6 परचेज़ ऑर्डर (पीओ) नंबर की ज़रूरत नहीं है. सभी लागू शुल्क का पेमेंट ग्राहक को करना होगा. इसके लिए, Google को अपने इनवॉइस (या अन्य) का परचेज़ ऑर्डर (पीओ) देने की ज़रूरत नहीं होगी.

      • 2.7 कीमत में बदलाव. Google किसी भी समय अपनी कीमतों में बदलाव कर सकता है, जब तक कि बताई गई शर्तों या ऑर्डर फ़ॉर्म में साफ़ तौर पर किसी और बात पर सहमति न हो. कीमतों में कोई भी बदलाव करने से पहले Google, कम से कम 30 दिन पहले ग्राहक को इसकी जानकारी देगा. ये बदलाव, ग्राहक के अगले ऑर्डर की अवधि शुरू होने के 30 दिन बाद ही लागू होंगे.

    • 3. ग्राहक की जवाबदेही.

      • 3.1 अनुपालन. ग्राहक (a) यह पक्का करेगा कि वह और उसके असली उपयोगकर्ता, इस कानूनी समझौते की नीतियों का पालन करते हुए सेवाएं इस्तेमाल करेंगे, (b) बिना अनुमति के सेवाएं ऐक्सेस करने या उनके इस्तेमाल को रोकने के लिए, कारोबार के नज़रिये से सही तरीकों का इस्तेमाल करेगा, और (c) सेवाओं, खाते या ग्राहक के पासवर्ड को बिना अनुमति के ऐक्सेस या इस्तेमाल किए जाने का पता लगने पर, Google को तुरंत सूचना देगा. Google के पास ग्राहक से हुए AUP समझौते के किसी भी संभावित उल्लंघन की जांच करने का अधिकार सुरक्षित है. इसमें ग्राहक के डेटा की समीक्षा करना भी शामिल हो सकता है.

      • 3.2 निजता. इन अनुमतियों के लिए ज़रूरी किसी भी सहमति या सूचना के लिए, ग्राहक जवाबदेह होता है: (a) ग्राहक का सेवाएं पाना या इस्तेमाल करना और (b) कानूनी समझौते के हिसाब से Google का, ग्राहक से मिले डेटा (इसमें ग्राहक डेटा शामिल है) को ऐक्सेस, सेव, और प्रोसेस करना.

      • 3.3 पाबंदियां. ग्राहक खुद ऐसा कुछ नहीं करेगा और न ही असली उपयोगकर्ताओं को ऐसा करने की अनुमति देगा: (a) सेवाओं की कॉपी बनाना, बदलना या पहले से मौजूद रचना पर आधारित काम करना; (b) रिवर्स इंजीनियरिंग करना, डिकंपाइल करना, अनुवाद करना, अलग करना या किसी दूसरे तरीके से कोई भी सोर्स कोड निकालने की कोशिश करना (लागू कानून के मुताबिक जिन मामलों में ऐसी पाबंदी लगाने पर साफ़ तौर पर रोक है उन्हें छोड़कर); (c) किसी सेवा की बिक्री करना, उसे दोबारा बेचना, उसके लिए सबलाइसेंस असाइन करना, सेवा को ट्रांसफ़र करना या उसे डिस्ट्रिब्यूट करना या (d) सेवाओं को ऐक्सेस या इस्तेमाल करना: (i) बहुत ज़्यादा जोखिम वाली गतिविधियों के लिए; (ii) AUP की नीतियों का उल्लंघन करके; (iii) शुल्क बचाने के इरादे से (इसमें सिंगल ग्राहक खाते के रूप में सिम्युलेट या काम करने के लिए या खास सेवा के इस्तेमाल की सीमाओं या कोटा को रोकने के लिए कई ग्राहक खाते बनाना शामिल है); (iv) Google की लिखित अनुमति के बिना क्रिप्टो करंसी की माइनिंग में शामिल होने के लिए; (v) जब तक सेवा से जुड़ी शर्तों में न कहा गया हो, आपातकालीन सेवा को कॉल करने या पाने के लिए; (vi) संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य विभाग (DoS) की ओर से मैनेज किए जाने वाले, इंटरनैशनल ट्रैफ़िक इन आर्म्स रेगुलेशन (ITAR) के तहत आने वाले कॉन्टेंट या गतिविधियों के लिए; (vii) एक्सपोर्ट कंट्रोल के कानूनों का उल्लंघन करने वाले तरीके से या इनका उल्लंघन करने की सुविधा देने के लिए या (viii) उस स्वास्थ्य जानकारी को ट्रांसमिट, संग्रहित या प्रोसेस करने के लिए जिस पर संयुक्त राज्य अमेरिका के हिपा कानून लागू होते हैं. इसमें वह स्वास्थ्य जानकारी शामिल नहीं होती जिसे हिपा बीएए (बिज़नेस असोसिएट एग्रीमेंट) के तहत मंज़ूरी मिली हो.

      • 3.4 अतिरिक्त प्रॉडक्ट और तीसरे पक्ष के ऑफ़र. विकल्प के तौर पर अतिरिक्त प्रॉडक्ट और तीसरे पक्ष के ऑफ़र, सेवाओं के साथ इस्तेमाल करने के लिए उपलब्ध कराए जा सकते हैं और Admin console की मदद से चालू या बंद किए जा सकते हैं. अतिरिक्त प्रॉडक्ट इस्तेमाल करने पर उनकी शर्तें लागू होती हैं. ये शर्तें, समझौते में रेफ़रंस के तौर पर शामिल होती हैं. समय-समय पर, Google इन शर्तों को अपडेट कर सकता है. तीसरे पक्ष की सेवाएं इस्तेमाल करने पर, संबंधित सेवा देने वाली कंपनी के अलग-अलग नियम और नीतियां लागू होती हैं.

      • 3.5 सेवाओं का मैनेजमेंट. ग्राहक, Admin console में जाकर, एक या एक से ज़्यादा ऐसे एडमिन तय कर सकता है जिनके पास एडमिन खाते ऐक्सेस करने का अधिकार हो. ग्राहक, असली उपयोगकर्ताओं से जुड़े इन कामों को मैनेज करने के लिए जवाबदेह है: (a) खातों और उनसे जुड़े पासवर्ड की गोपनीयता और सुरक्षा बरकरार रखना; और (b) खातों का कोई भी इस्तेमाल. ग्राहक सहमति देता है कि Google इस बात के लिए जवाबदेह नहीं है कि ग्राहक या किसी भी अन्य असली उपयोगकर्ता को मिलने वाली सेवाओं को उसकी कंपनी अंदरूनी तौर पर कैसे मैनेज करती है.

      • 3.6 गलत इस्तेमाल की निगरानी. ग्राहक, कस्टमर डोमेन नेम के "गलत इस्तेमाल" और "पोस्टमास्टर" उपनामों को भेजे जाने वाले ईमेल की निगरानी करने, उनका जवाब देने, और किसी अन्य तरह से प्रोसेस करने के लिए खुद जवाबदेह है. हालांकि, Google, कस्टमर डोमेन नेम के इन उपनामों को भेजे गए ईमेल की निगरानी कर सकता है, ताकि वह सेवाओं के गलत इस्तेमाल की पहचान कर सके.

      • 3.7 ऑर्डर की अवधि के दौरान, अतिरिक्त असली उपयोगकर्ता खातों का अनुरोध करना. ग्राहक, ऑर्डर की अवधि के दौरान अतिरिक्त ऑर्डर फ़ॉर्म या रीसेलर ऑर्डर या Admin console के ज़रिए ऑर्डर करके, अतिरिक्त असली उपयोगकर्ता खाते खरीद सकता है. ऐसे अतिरिक्त असली उपयोगकर्ताओं के खातों की अवधि प्रो-रेट की गई होगी, जो कि ऑर्डर की लागू अवधि के आखिरी दिन पर खत्म होगी.

      • 3.8 कॉपीराइट. कॉपीराइट के कथित उल्लंघन का नोटिस मिलने पर, Google उचित कार्रवाई करता है. साथ ही ज़रूरत पड़ने पर, बार-बार उल्लंघन करने वाले खातों को अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट ऐक्ट के तहत बंद कर देता है. ऐसा, ऑनलाइन सेवा देने वाली कंपनियों के लिए, माहौल को सुरक्षित बनाए रखने के लिए किया जाता है.

    • 4. निलंबन.

      • 4.1 AUP के उल्लंघन. अगर Google को पता चलता है कि सेवाओं का इस्तेमाल करने में ग्राहक या किसी असली उपयोगकर्ता से AUP का उल्लंघन हुआ है, तो Google उस ग्राहक से उल्लंघन को ठीक करने का अनुरोध करेगा. अगर ग्राहक Google के अनुरोध के 24 घंटों के अंदर उल्लंघन को ठीक नहीं कर पाता है, तो Google ग्राहक के सभी या कुछ सेवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा सकता है. यह रोक तब तक के लिए होती है, जब तक उल्लंघन ठीक नहीं किया जाता. सेवाओं पर लगी रोक में AUP का उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को हटाना या उसे शेयर करने से रोकना शामिल हो सकता है.

      • 4.2 अन्य निलंबन. सेक्शन 4.1 (AUP के उल्लंघन) के बावजूद, Google ग्राहक के लिए सेवाओं के इस्तेमाल (इसमें खाते का इस्तेमाल भी शामिल है) को पूरी तरह या कुछ सुविधाओं को तुरंत निलंबित कर सकता है. ऐसा तब होता है, जब (a) Google को यह लगता है कि सेवाओं, सेवाओं को सुरक्षित रखने वाले इन्फ़्रास्ट्रक्चर या सेवाओं के किसी अन्य ग्राहक (या उनके असली उपयोगकर्ताओं) को सुरक्षित बनाए रखने के लिए निलंबन ज़रूरी है, (b) यह शक हो कि कोई ऐसा तीसरा पक्ष सेवाओं को ऐक्सेस कर रहा है जिसे इसकी अनुमति नहीं है, (c) Google को यह लगता है कि किसी भी लागू कानून का पालन करने के लिए, तुरंत निलंबन ज़रूरी है या (d) ग्राहक, सेक्शन 3.3 (पाबंदियां) या किसी खास सेवा की शर्तों का उल्लंघन करता है. Google किसी भी निलंबन को तब हटाएगा, जब निलंबन की वजह को ठीक कर लिया गया हो. Google, ग्राहक के अनुरोध पर, खाते के निलंबन की वजह जल्द से जल्द बताएगा. कुछ मामलों में, कानूनी पाबंदियों की वजह से निलंबन की वजह नहीं बताई जाएगी. असली उपयोगकर्ता खातों के निलंबन के मामले में, Google ग्राहक के एडमिन को कुछ खास परिस्थितियों में असली उपयोगकर्ताओं के खातों को पहले जैसा करने की सुविधा देगा.

    • 5. बौद्धिक संपत्ति के अधिकार, ग्राहक के डेटा की सुरक्षा, सेवाओं में ब्रैंड सुविधाओं का इस्तेमाल, और सुझाव, शिकायत या राय.

      • 5.1 बौद्धिक संपत्ति के अधिकार. इस कानूनी समझौते में साफ़ तौर पर जो बताया गया है उसे छोड़कर, यह कानूनी समझौता किसी भी एक पक्ष के कॉन्टेंट या बौद्धिक संपत्ति के अधिकार किसी अन्य पक्ष को नहीं देता है. पक्षों के बीच में, ग्राहक डेटा में बौद्धिक संपत्ति के सभी अधिकार ग्राहक के पास बरकरार रहते हैं और सेवाओं में बौद्धिक संपत्ति के सभी अधिकार Google के पास बरकरार रहते हैं.

      • 5.2 ग्राहक के डेटा की सुरक्षा. Google सिर्फ़ Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम के हिसाब से, ग्राहक के डेटा को ऐक्सेस, इस्तेमाल या प्रोसेस करेगा. किसी अन्य उद्देश्य के लिए, ग्राहक के डेटा को ऐक्सेस, इस्तेमाल या प्रोसेस नहीं करेगा. Google ने ग्राहक के डेटा की सुरक्षा के लिए, तकनीकी, संगठन, और फ़िज़िकल लेवल पर कुछ उपाय किए हैं. वह इन्हें बनाए रखेगा. इसके बारे में, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम में बताया गया है.

      • 5.3 ग्राहक के सुझाव, शिकायत या राय. ग्राहक अगर चाहे, तो Google को सेवाओं के बारे में सुझाव या राय दे सकता है या शिकायत कर सकता है ("फ़ीडबैक"). अगर ग्राहक फ़ीडबैक देता है, तो Google और उससे जुड़ी इकाइयां किसी पाबंदी या ग्राहक के लिए उनकी जवाबदेही के बिना उस फ़ीडबैक का इस्तेमाल कर सकती हैं.

      • 5.4 ‘सेवाओं’ में ब्रैंड सुविधाएं इस्तेमाल करना. Google, ग्राहक की सिर्फ़ उन ब्रैंड सुविधाओं को सेवाओं में दिखाएगा जिन्हें ग्राहक ने सेवाओं में अपलोड करके दिखाने की अनुमति दी है. Google, ग्राहक की ब्रैंड सुविधाएं उन इलाकों के वेब पेजों पर दिखाएगा जहां ग्राहक या उसके असली उपयोगकर्ताओं को सेवाएं दी जाती हैं. ग्राहक, Admin Console की मदद से यह तय कर सकता है कि इसे कैसे इस्तेमाल करना है. Google ऐसे वेब पेज पर Google ब्रैंड की सुविधाओं को भी दिखा सकता है. ऐसा यह बताने के लिए किया जाता है कि सेवाएं Google की ओर से उपलब्ध कराई जाती हैं.

    • 6. तकनीकी सहायता सेवाएं. अगर शुल्क लागू होते हैं, तो Google ग्राहक को उन शुल्कों के भुगतान के बारे में TSS दिशा-निर्देशों के मुताबिक ऑर्डर की अवधि के दौरान TSS उपलब्ध कराएगा. कुछ TSS लेवल में, बार-बार लगने वाला न्यूनतम शुल्क शामिल है. इसकी जानकारी https://workspace.google.com/terms/tssg.html पर दी गई है. अगर ग्राहक किसी महीने में अपने TSS लेवल को कम कर देता है, तो महीने के बाकी समय में Google उसी लेवल पर TSS देना जारी रख सकता है. साथ ही, यह उसी शुल्क पर लागू होगा जो TSS लेवल कम करने के पहले लागू था.

    • 7. गोपनीय जानकारी.

      • 7.1 जवाबदेही. जानकारी पाने वाला सिर्फ़ अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए और समझौते के तहत अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए, अन्य पक्ष की गोपनीय जानकारी का इस्तेमाल करेगा. साथ ही, उस पक्ष की गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल न हो इसका भी ध्यान रखेगा. जानकारी पानेवाला, गोपनीय जानकारी को सिर्फ़ अपने सहयोगियों, कर्मचारियों, एजेंट या पेशेवर सलाहकारों ("प्रतिनिधियों") से साझा कर सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्हें यह जानना ज़रूरी है और वे इससे सहमत (या पेशेवर सलाहकार के मामले में बाध्य हैं) हैं कि इसे गोपनीय रखना ज़रूरी है. समझौते के मुताबिक, जानकारी पानेवाला यह पक्का करेगा कि उसके प्रतिनिधि गोपनीय जानकारी का इस्तेमाल, सिर्फ़ अधिकारों का इस्तेमाल करने और अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए करेंगे.

      • 7.2 ज़रूरी जानकारी ज़ाहिर करना. इस कानूनी समझौते के उलट अन्य किसी भी प्रावधान के बावजूद, जानकारी पाने वाला या उसका सहयोगी, लागू कानूनी प्रक्रिया के तहत तय सीमा तक गोपनीय जानकारी ज़ाहिर कर सकता है. बशर्ते, जानकारी पाने वाला या उसका सहयोगी, कारोबार के नज़रिये से सही तरीका अपनाते हुए (a) गोपनीय जानकारी ज़ाहिर करने से पहले उससे जुड़े अन्य पक्ष को उसके बारे में बताएगा और (b) जानकारी ज़ाहिर करने का विरोध करने की कोशिशों से जुड़े अन्य पक्ष के अनुरोधों का पालन करेगा. इन सब-सेक्शन के बावजूद, अगर जानकारी पानेवाला पक्का करता है कि (a) और (b) का पालन करने से (i) कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन हो सकता है; (ii) किसी सरकारी जांच में दिक्कत हो सकती है; या (iii) किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है या वह गंभीर रूप से घायल हो सकता है, तो सबसेक्शन (a) और (b) उस पर लागू नहीं होगा.

    • 8. कानूनी समझौते की अवधि और उसका खत्म होना.

      • 8.1 कानूनी समझौते की अवधि. इस कानूनी समझौते की अवधि ("अवधि") इसके लागू होने की तारीख से शुरू होगी और तब तक जारी रहेगी, जब तक इस सेक्शन 8 (अवधि और समझौता खत्म होना) के मुताबिक, समझौते को खत्म या रिन्यू नहीं किया जाता.

      • 8.2 रिन्यूअल.

        • (a) महीने के हिसाब से प्लान के साथ. 'महीने के हिसाब से प्लान' के ऑर्डर की अवधि, महीने के हिसाब से तय होती है. हर महीने के आखिर में, ऑर्डर की अवधि अपने-आप एक और महीने के लिए रिन्यू हो जाती है. ऐसा तब तक होता रहेगा, जब तक ग्राहक Admin console में जाकर इसे रद्द नहीं करता.

        • (b) सालाना/तय समय वाले प्लान के साथ. सालाना/तय समय वाले प्लान के लिए ऑर्डर की हर अवधि के खत्म होने पर, ऑर्डर फ़ॉर्म या Admin console में ग्राहक के चुने गए प्लान के हिसाब से सेवाओं को रिन्यू किया जाएगा.

        • (c) आम तौर पर. ग्राहक, रिन्यू किए जाने वाले असली उपयोगकर्ता खातों की संख्या अडजस्ट करने के लिए, Admin console का इस्तेमाल कर सकता है. ग्राहक, रिन्यू किए गए हर असली उपयोगकर्ता खाते के लिए, Google को उस समय लगने वाला शुल्क तब तक चुकाता रहेगा, जब तक ग्राहक और Google आपस में किसी और बात पर सहमत नहीं होते. अगर दोनों में से कोई भी पक्ष सेवाओं को रिन्यू नहीं करना चाहता, तो वह मौजूदा ऑर्डर अवधि खत्म होने से कम से कम 15 दिन पहले अन्य पक्ष को इसके बारे में लिखित सूचना देगा. हालांकि, मौजूदा ऑर्डर की अवधि के खत्म होने पर ही यह नियम लागू होगा.

      • 8.3 उल्लंघन की वजह से कानूनी समझौता खत्म करना. लागू कानून के मुताबिक एक तय सीमा तक, कोई भी पक्ष लिखित सूचना देकर कानूनी समझौते को तुरंत खत्म कर सकता है. ऐसा तब किया जा सकता है, जब दूसरा पक्ष (a) कानूनी समझौते का उल्लंघन करता हो और लिखित सूचना पाने के 30 दिनों के अंदर उस उल्लंघन को ठीक नहीं कर पाए या (b) अपना कारोबार चलाना बंद कर दे या दिवालियेपन की प्रक्रिया का सामना कर रहा हो और 90 दिनों के अंदर दिवालियापन खारिज नहीं हो पाए.

      • 8.4 सुविधा के लिए खत्म करना. ग्राहक किसी भी समय सेवाओं का इस्तेमाल करना बंद कर सकता है. ग्राहक, अपने सभी वित्तीय लेन-देन को एक ऑर्डर फ़ॉर्म या ऐसे दूसरे कानूनी समझौते के तहत (इसमें ऑर्डर की अवधि के लिए सभी शुल्क का पेमेंट शामिल है) पूरा करके और पहले से नोटिस देकर, इस कानूनी समझौते को किसी भी समय खत्म कर सकता है.

      • 8.5 लागू कानून की वजह से कानूनी समझौता खत्म होना, कानूनों का उल्लंघन. Google लिखित सूचना देकर इस कानूनी समझौते को खत्म और/या किसी भी लागू ऑर्डर फ़ॉर्म को तुरंत रद्द कर सकता है. Google ऐसा तब करता है, जब उसे लगता है कि (a) ग्राहक जिस सेवा का इस्तेमाल कर रहा है उसकी वजह से, लागू कानूनों का उल्लंघन हो सकता है या (b) ग्राहक ने रिश्वतखोरी के ख़िलाफ़ लागू किसी कानून या एक्सपोर्ट कंट्रोल के किसी कानून का उल्लंघन किया है या ऐसा करने के लिए Google की सेवाओं का इस्तेमाल किया है.

      • 8.6 कानूनी समझौता खत्म होने या उसके रिन्यू न होने का असर. अगर कानूनी समझौता खत्म हो गया है या रिन्यू नहीं किया गया है, तो (a) कानूनी समझौते के तहत सेवाओं से जुड़े सारे अधिकार और ऐक्सेस खत्म हो जाएंगे (इनमें ग्राहक से जुड़े डेटा का ऐक्सेस भी शामिल होगा), जब तक कि इस समझौते में अलग से कुछ न बताया गया हो और (b) वे सभी शुल्क जो ग्राहक को Google को देने हैं, बकाया के तौर पर फ़ाइनल इलेक्ट्रॉनिक बिल में भेजे जाएंगे या उन्हें फ़ाइनल इनवॉइस में दिखाया जाएगा.

      • 8.7 रिफ़ंड न मिलना. अगर इस कानूनी समझौते (इसमें Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम भी शामिल है) में साफ़ तौर पर न बताया गया हो, तो किसी भी अन्य सेक्शन के तहत इस कानूनी समझौते को खत्म करने पर, Google कोई भी शुल्क रिफ़ंड करने के लिए बाध्य नहीं है.

    • 9. प्रचार. ग्राहक सार्वजनिक रूप से बता सकता है कि वह Google का ग्राहक है और ट्रेडमार्क दिशा-निर्देशों के हिसाब से Google की ब्रैंड सुविधाओं को दिखा सकता है. Google, सेवाओं के ऑनलाइन या ऑफ़लाइन प्रमोशन के कॉन्टेंट में, ग्राहक का नाम और ब्रैंड सुविधाएं इस्तेमाल कर सकता है. हर पक्ष, दूसरे पक्ष की ब्रैंड सुविधाओं का इस्तेमाल सिर्फ़ कानूनी समझौते के तहत दी गई अनुमति के हिसाब से ही कर सकता है. किसी पक्ष की ब्रैंड सुविधाओं का कोई भी इस्तेमाल, उस पक्ष के लिए फ़ायदेमंद होगा जिसके पास उन ब्रैंड सुविधाओं की बौद्धिक संपत्ति के अधिकार हैं.

    • 10. प्रतिनिधि बनना और समर्थन करना. हर पक्ष इसका प्रतिनिधि है और इस बात का समर्थन करता है कि (a) उसके पास कानूनी समझौते में शामिल होने का पूरा अधिकार और अनुमति है और (b) वह सेवाओं के प्रावधान, उसे पाने या उसके इस्तेमाल (जो भी लागू हो) पर लागू होने वाले सभी कानूनों का पालन करेगा.

    • 11. डिसक्लेमर. कानूनी समझौते में साफ़ तौर पर जो बताया गया है उसे छोड़कर, Google (a) किसी भी तरह की कोई अन्य वारंटी नहीं देता है, फिर चाहे वह साफ़ तौर पर हो, खास जानकारी की तरह हो, कानूनी हो या किसी और तरह से हो. इसमें कारोबार के काबिल होने, किसी खास इस्तेमाल के लिए दुरुस्ती, गैर-उल्लंघन, टाइटल या बिना किसी गड़बड़ी के या बिना रुकावट के सेवाओं के इस्तेमाल की वारंटी शामिल हैं और (b) सेवाओं के ज़रिए ऐक्सेस करने लायक बनाए गए किसी भी कॉन्टेंट या जानकारी का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. Google इन्हें बनाता नहीं है और लागू कानून के तहत मिलने वाली अनुमतियों के मुताबिक पूरी तरह से, साफ़ तौर पर इनका खंडन करता है.

    • 12. जवाबदेही की सीमा.

      • 12.1 सीधे पता न चलने वाले नुकसान के लिए कानूनी जवाबदेही की सीमा. लागू कानून के मुताबिक एक तय सीमा तक और सेक्शन 12.3 (असीमित कानूनी जवाबदेही) के हिसाब से, कोई भी पक्ष इस कानूनी समझौते से होने वाले या इससे जुड़े किसी भी: (a) सीधे पता न चलने वाले नुकसान, नतीजतन होने वाले नुकसान, किसी खास नुकसान, अचानक होने वाले नुकसान या दंड के तौर पर हर्जाना या (b) आय, फ़ायदों, बचत या साख के नुकसान के लिए जवाबदेह नहीं होगा.

      • 12.2 कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा. कानूनी समझौते की वजह से होने वाले या उससे जुड़े किसी नुकसान के लिए, हर पक्ष की कुल देनदारी, कानूनी समझौते के तहत ग्राहक की ओर से चुकाए गए शुल्क के बराबर तक हो सकती है, जो देनदारी की वजह बनने वाले इवेंट से 12 महीने पहले की अवधि के दौरान चुकाया गया होता है.

      • 12.3 असीमित कानूनी जवाबदेही. इनमें से किसी भी बात को, कानूनी समझौते से बाहर नहीं रखा जाएगा और न ही इनकी कानूनी जवाबदेही के लिए कोई सीमा तय होगी:

        • (a) किसी तरह की धोखाधड़ी करना या धोखा देने के लिए गलत तरीके से कोई जानकारी पेश करना,

        • (b) सेक्शन 13 (नुकसान की भरपाई) के तहत इसकी जवाबदेही,

        • (c) दूसरे पक्ष के बौद्धिक संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन,

        • (d) कानूनी समझौते के तहत इसके पेमेंट से जुड़ी जवाबदेही या

        • (e) ऐसे मामले जिनके लिए, लागू कानून के तहत कानूनी जवाबदेही से न तो बचा जा सकता है और न ही उसे सीमित किया जा सकता है.

    • 13. नुकसान की भरपाई.

      • 13.1 नुकसान की भरपाई से जुड़ी Google की जवाबदेही. Google, ग्राहक के खाते के तहत सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक और उसके सहयोगियों का बचाव करेगा. साथ ही, तीसरे पक्ष की किसी भी कानूनी कार्रवाई में किसी सेवा या किसी Google ब्रैंड सुविधा के ज़रिए, किसी तीसरे पक्ष के बौद्धिक संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन होने की स्थिति में, इस कानूनी समझौते के तहत नुकसान की भरपाई करेगा.

      • 13.2 नुकसान की भरपाई से जुड़ी ग्राहक की जवाबदेही. ग्राहक, Google और सेवाएं देने वाले इसके सहयोगियों का बचाव करेगा. साथ ही, इन वजहों से होने वाली तीसरे पक्ष की किसी भी कानूनी कार्रवाई में नुकसान की भरपाई करने की जवाबदेही से उन्हें सुरक्षित रखेगा: (a) ग्राहक के किसी भी डेटा या ग्राहक को मिलने वाली ब्रैंड सुविधाओं या (b) ग्राहक या असली उपयोगकर्ता की ओर से सेवाओं का इस तरह से इस्तेमाल जिससे AUP या सेक्शन 3.3 (पाबंदियां) का उल्लंघन होता हो.

      • 13.3 अपवाद. सेक्शन 13.1 (नुकसान की भरपाई से जुड़ी Google की जवाबदेही) और 13.2 (नुकसान की भरपाई से जुड़ी ग्राहक की जवाबदेही) आगे दी गई वजहों की सीमा तक लागू नहीं होते हैं: (a) कानूनी समझौते का उल्लंघन नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष की ओर से किया गया हो या (b) नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष की टेक्नोलॉजी या ब्रैंड सुविधाओं के साथ-साथ किसी ऐसी सामग्री का भी इस्तेमाल हुआ हो जो नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष ने उपलब्ध न कराई हो, जब तक कि कानूनी समझौते के तहत ऐसा करना ज़रूरी न हो.

      • 13.4 शर्तें. सेक्शन 13.1 (नुकसान की भरपाई से जुड़ी Google की जवाबदेही) और 13.2 (नुकसान की भरपाई से जुड़ी ग्राहक की जवाबदेही), इन शर्तों से जुड़े हैं:

        • (a) नुकसान की भरपाई पाने वाला पक्ष, किसी भी आरोप पर तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई करने से पहले, नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष को तुरंत लिखित सूचना देगा. साथ ही, सभी आरोपों और तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई के समाधान के लिए नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष के साथ सही तरीके से सहयोग करेगा. अगर इस सेक्शन 13.4(a) का उल्लंघन तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई के बचाव को नुकसान पहुंचाता है, तो सेक्शन 13.1 (नुकसान की भरपाई से जुड़ी Google की जवाबदेही) या 13.2 (नुकसान की भरपाई से जुड़ी ग्राहक की जवाबदेही) (जैसा भी लागू हो) के तहत, नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष की जवाबदेही, नुकसान के हिसाब से कम कर दी जाएगी.

        • (b) नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष को तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई के नुकसान वाले हिस्से का पूरा कंट्रोल, नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष को देना होगा. यह इन शर्तों के मुताबिक काम करेगा: (i) नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष को खुद के खर्चे पर, बिना कंट्रोल वाला सलाहकार नियुक्त करना होगा और (ii) किसी समझौते के लिए नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष को कानूनी जवाबदेही स्वीकार करने, रकम का भुगतान करने या कोई कार्रवाई करने (या न करने) की ज़रूरत होने पर, नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष से इन बातों के लिए पहले से लिखित सहमति लेनी होगी: (a) इन कार्रवाइयों को बिना किसी वजह से रोका नहीं जाएगा, (b) शर्तें नहीं लगाई जाएंगी, (c) और न ही देरी की जाएगी.

      • 13.5 राहत.

        • (a) अगर Google को लगता है कि सेवाओं की वजह से किसी तीसरे पक्ष के बौद्धिक संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है, तो Google अपने खर्चे पर और एकमात्र विकल्प के तौर पर: (i) ग्राहक के लिए, सेवाओं का इस्तेमाल जारी रखने का अधिकार हासिल कर सकता है, (ii) सुविधाओं को कम किए बिना सेवाओं में ऐसे बदलाव कर सकता है जिनसे किसी तरह का उल्लंघन न हो या (iii) सेवाओं की जगह कोई ऐसा विकल्प उपलब्ध करा सकता है जिसमें पहले वाली सभी सुविधाएं मौजूद हों और जिससे उल्लंघन न होता हो.

        • (b) अगर Google यह नहीं मानता कि सेक्शन 13.5(a) में बताई गई राहत कारोबार के नज़रिये से सही है, तो ग्राहक के लिए Google उन सेवाओं को निलंबित कर सकता है या पूरी तरह बंद कर सकता है जिन पर असर पड़ा है. अगर Google उन सेवाओं को बंद कर देता है जिन पर असर पड़ा है, तो Google ग्राहक को समझौता खत्म होने की तारीख तक, पहले से दिए गए उस शुल्क को उसी अनुपात में रिफ़ंड कर देगा.

      • 13.6 एकल अधिकार और जवाबदेही. किसी भी पक्ष के समझौता खत्म करने के अधिकारों पर असर डाले बिना और लागू कानून के मुताबिक एक तय सीमा तक, सेक्शन 13 (नुकसान की भरपाई), इस कानूनी समझौते के तहत, पक्षों को मिलने वाली उस एकमात्र और खास राहत के बारे में बताता है जो सेक्शन 13 में शामिल किए गए, तीसरे पक्ष के बौद्धिक संपत्ति के अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों से जुड़ी है.

    • 14. रीसेलर से खरीदने वाला ग्राहक. यह सेक्शन 14 (रीसेलर से खरीदने वाला ग्राहक) सिर्फ़ तभी लागू होता है, जब ग्राहक रीसेलर कानूनी समझौते (ऐसी सेवाएं, "रीसेलर से खरीदी गई सेवाएं") के तहत रीसेलर की सेवाओं के लिए ऑर्डर करता है.

      • 14.1 लागू होने वाली शर्तें. रीसेलर से खरीदी गई सेवाओं के लिए:

        • (a) इस कानूनी समझौते का सेक्शन 2 (पेमेंट की शर्तें) लागू नहीं होगा,

        • (b) रीसेलर की फ़ीस लागू होगी और सीधे रीसेलर को ही चुकाई जाएगी. रीसेलर से खरीदी जाने वाली सेवाओं के लिए कोई भी शुल्क, रीसेलर और ग्राहक के बीच तय होगा,

        • (c) ग्राहक को रीसेलर से, लागू होने वाले एसएलए (सेवा स्तर समझौता) क्रेडिट मिलेंगे,

        • (d) सेक्शन 12.2 (कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा) इससे बदल जाएगा: "कानूनी समझौते में बताए गए या उससे जुड़े नुकसान के लिए हर पक्ष की कुल देनदारी, उस शुल्क तक सीमित होती है जो देनदारी की वजह बनी घटना से 12 महीने पहले की अवधि में रीसेलर से सेवाएं खरीदने के लिए ग्राहक चुकाता है."

        • (e) किसी भी सेवा और/या रीसेलर ऑर्डर का रिन्यूअल, ग्राहक और रीसेलर के बीच हुई सहमति के आधार पर होगा.

        • (f) “ऑर्डर की अवधि” का मतलब, कानूनी समझौते में बताई गई उस अवधि से है जो सेवाएं शुरू होने या रिन्यूअल की तारीख (जैसा कि लागू हो) से शुरू होती है. साथ ही, उस समय के रीसेलर ऑर्डर में बताई गई अवधि तक जारी रहती है. हालांकि, कानूनी समझौते के मुताबिक इसे पहले भी खत्म किया जा सकता है और

        • (g) कानूनी समझौते के मुताबिक, "सेवाएं शुरू होने की तारीख" का मतलब, रीसेलर ऑर्डर में बताई गई शुरू होने की तारीख होती है. अगर रीसेलर ऑर्डर में कोई तारीख नहीं बताई गई है, तो Google की ओर से ग्राहकों को सेवाएं उपलब्ध कराने की तारीख, "सेवाएं शुरू होने की तारीख" होगी.

      • 14.2 गोपनीय जानकारी शेयर करना. Google रीसेलर के साथ, सेक्शन 7.1 (जवाबदेही) के तहत प्रतिनिधि के रूप में ग्राहक की गोपनीय जानकारी शेयर कर सकता है.

      • 14.3 एडमिन के तौर पर रीसेलर. ग्राहक के विवेक के मुताबिक, रीसेलर के पास ग्राहक के खाते और असली उपयोगकर्ता खातों का ऐक्सेस हो सकता है. जैसा Google और ग्राहक के बीच होता है, ग्राहक इन चीज़ों के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार है: (a) ग्राहक के खाते या असली उपयोगकर्ता खातों पर रीसेलर का ऐक्सेस और (b) रीसेलर कानूनी समझौते में सेवाओं के संबंध में रीसेलर और ग्राहक के बीच सभी अधिकार या जवाबदेही तय करना.

      • 14.4 रीसेलर के लिए तकनीकी सहायता. ग्राहक यह समझता है और सहमति देता है कि रीसेलर, Google के सामने सही तरीके से असली उपयोकर्ता का निजी डेटा दे सकता है, ताकि रीसेलर मदद से जुड़ी ऐसी किसी भी समस्या को संभाल सके जिसे ग्राहक खुद या रीसेलर के ज़रिए आगे बढ़ाना चाहता है.

    • 15. अन्य.

      • 15.1 सूचनाएं. कानूनी समझौते के तहत, किसी ग्राहक को सूचना के लिए इस्तेमाल होने वाले ईमेल पते पर सूचना दी जाएगी. वहीं, Google को legal-notices@google.com पर ईमेल भेजकर सूचना दी जाएगी. ईमेल भेजे जाने के बाद यह माना जाएगा कि सूचना मिल गई है. पूरी अवधि के दौरान, सूचना के लिए इस्तेमाल होने वाले ईमेल पते को चालू रखना ग्राहक की ज़िम्मेदारी है.

      • 15.2 ईमेल. इस कानूनी समझौते के तहत, पक्ष लिखित मंज़ूरी और सहमति से जुड़ी ज़रूरतें पूरी करने के लिए ईमेल का इस्तेमाल कर सकते हैं.

      • 15.3 असाइनमेंट. कोई भी पक्ष, दूसरे पक्ष की लिखित सहमति के बिना इस कानूनी समझौते के किसी हिस्से को असाइन नहीं कर सकता. हालांकि, असाइन करने वाले पक्ष के तहत काम करने वाली किसी इकाई को इसे तब असाइन किया जा सकता है, जब: (a) वह इकाई लिखित में इस कानूनी समझौते की शर्तों से बाध्य होने की सहमति देती हो और (b) असाइन करने वाले पक्ष ने इस असाइनमेंट के बारे में दूसरे पक्ष को सूचित कर दिया हो. असाइन करने की कोई भी अन्य कोशिश अमान्य मानी जाएगी. अगर ग्राहक इस कानूनी समझौते को किसी दूसरे अधिकार क्षेत्र में आने वाली इकाई को असाइन करता है और इसकी वजह से Google की कानूनी समझौता करने वाली इकाई बदल जाती है, जैसा कि https://cloud.google.com/terms/google-entity पर बताया गया है, तो: (i) यह कानूनी समझौता Google की नई इकाई को अपने-आप असाइन हो जाता है और (ii) अगर इकाई का बिलिंग खाता ब्राज़ील का है, तो ऊपर बताई गई सेवा की शर्तें, जो इस समझौते में शामिल नहीं हैं वे असाइन करते ही लागू हो जाएंगी.

      • 15.4 कंट्रोल में बदलाव. अगर किसी पक्ष के अंदरूनी ढांचे या संगठन में बदलाव को छोड़कर, नियंत्रण में किसी और तरह का बदलाव होता है (उदाहरण के लिए, स्टॉक की खरीद या बिक्री के ज़रिए, किसी मर्जर के ज़रिए या किसी अन्य तरह के कॉर्पोरेट लेन-देन के ज़रिए), तो वह पक्ष नियंत्रण में बदलाव के बाद 30 दिनों के अंदर दूसरे पक्ष को लिखित सूचना देगा.

      • 15.5 अचानक घटी घटना. कोई भी पक्ष कंट्रोल से बाहर की स्थितियों, जैसे कि अचानक होने वाली दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदा, आतंकवादी घटना, दंगे या युद्ध की वजह से अपनी परफ़ॉर्मेंस नहीं दे पाने या देरी के लिए कानूनी तौर पर जवाबदेह नहीं होगा.

      • 15.6 सबकॉन्ट्रैक्ट (मुख्य समझौते से जुड़ा समझौता) करना. Google कानूनी समझौते के तहत जवाबदेहियों के लिए सबकॉन्ट्रैक्ट (मुख्य समझौते से जुड़ा समझौता) कर सकता है. हालांकि, वह सबकॉन्ट्रैक्ट में शामिल सभी जवाबदेहियों के लिए, ग्राहक के प्रति कानूनी तौर पर जवाबदेह बना रहेगा.

      • 15.7 कोई एजेंसी नहीं. यह कानूनी समझौता पक्षों के बीच कोई एजेंसी, साझेदारी या साझा कारोबार नहीं बनाता है.

      • 15.8 कोई छूट नहीं. अगर कोई भी पक्ष, कानूनी समझौते में दिए गए किसी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करता है (या उसे इस्तेमाल करने में देरी हो जाती है), तो इसे किसी भी अधिकार का दावा छोड़ना नहीं माना जाएगा.

      • 15.9 समझौता अलग-अलग हिस्सों में लागू होना. अगर कानूनी समझौते का कोई भी हिस्सा अमान्य, गैर-कानूनी है या कानूनी तौर पर लागू करने लायक नहीं है, तो कानूनी समझौते का बाकी हिस्सा काम करता रहेगा.

      • 15.10 लाभ पाने वाला कोई तीसरा पक्ष नहीं. जब तक कि इस कानूनी समझौते में साफ़ तौर से कहा नहीं गया हो, तब तक यह समझौता किसी भी तीसरे पक्ष को कोई लाभ नहीं देता है.

      • 15.11 कोई विशेष काम करने का या करने से रोकने का आदेश. इस कानूनी समझौते का कोई भी हिस्सा, किसी भी पक्ष को कोई खास काम करने या करने से रोकने में हस्तक्षेप नहीं करता है.

      • 15.12 नियंत्रण करने वाला अमेरिकन कानून..

        • (a) अमेरिका के शहर, काउंटी, और राज्य सरकार की इकाइयों के लिए. अगर कोई ग्राहक, अमेरिका के शहर, काउंटी या राज्य सरकार की इकाई है, तो यह कानूनी समझौता, नियंत्रण करने वाले कानून और जगह से जुड़े मामलों में दखल नहीं देगा.

        • (b) अमेरिका की संघीय सरकार की इकाइयों के लिए. अगर ग्राहक, अमेरिका की संघीय सरकार की इकाई है, तो ये शर्तें लागू होंगी: इस कानूनी समझौते या सेवाओं के तहत आने वाले या इनसे जुड़े सभी दावे, संयुक्त राज्य अमेरिका के कानूनों से नियंत्रित होते हैं. इसमें कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ लॉ के नियम शामिल नहीं हैं. सिर्फ़ संघीय कानून की तय सीमा तक, (I) संघीय कानून न होने पर, कैलिफ़ोर्निया के कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ लॉ के नियमों को छोड़कर इस राज्य के सभी कानून लागू होंगे और (II) इस कानूनी समझौते या सेवाओं के तहत आने वाले या इनसे जुड़े सभी दावों के लिए सभी पक्ष, कैलिफ़ोर्निया के सांता क्लारा काउंटी के न्यायालयों में अपने अधिकार क्षेत्र और न्यायालयों की खास जगह के लिए सहमत हैं.

        • (c) अन्य सभी इकाइयों के लिए. अगर ग्राहक कोई ऐसी इकाई है जिसकी पहचान सेक्शन 15.12(a) (अमेरिका के शहर, काउंटी, और राज्य सरकार की इकाइयों के लिए, नियंत्रण करने वाला अमेरिका का कानून) या (b) (संघीय सरकार की इकाइयों के लिए, नियंत्रण करने वाला अमेरिका का कानून) के तहत किसी भी इकाई के तौर पर नहीं होती, तो ये शर्तें लागू होंगी: इस कानूनी समझौते या सेवाओं के तहत आने वाले या इनसे जुड़े सभी दावों पर कैलिफ़ोर्निया के कानून लागू होंगे. हालांकि, इसमें कैलिफ़ोर्निया के कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ लॉ के नियम शामिल नहीं हैं. दावों के मुकदमे खास तौर पर, कैलिफ़ोर्निया के सांता क्लारा काउंटी के संघीय या राजकीय न्यायालयों में चलाए जाएंगे और पक्ष उन अदालतों में अपने अधिकार क्षेत्र पर सहमति देंगे.

      • 15.13 संशोधन. सेक्शन 1.4(b) (संशोधन: कानूनी समझौते के अनुसार) को छोड़कर, (c) (संशोधन: यूआरएल शर्तों के लिए) या (d) (संशोधन: Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम के लिए) लागू होने की तारीख के बाद इस समझौते में कोई भी संशोधन लिखित में होना चाहिए, दोनों पक्षों के हस्ताक्षर होने चाहिए, और उसमें साफ़ तौर से यह बताना चाहिए कि यह इस कानूनी समझौते में संशोधन कर रहा है. आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दें कि Google के प्रावधान के मुताबिक, इस समझौते में दिए गए किसी भी यूआरएल की जगह अपडेट किए गए यूआरएल उपलब्ध कराने पर, ऐसा नहीं माना जाएगा कि यह समझौते की शर्तों में कोई संशोधन है या फिर उनमें किसी भी तरह का बदलाव किया गया है.

      • 15.14 बचा रहना. ये सेक्शन इस कानूनी समझौते की अवधि के खत्म हो जाने या कानूनी समझौते के खत्म हो जाने पर भी बने रहेंगे: सेक्शन 2 (पैसे चुकाने की शर्तें), सेक्शन 5 (बौद्धिक संपत्ति का अधिकार; ग्राहक से जुड़े डेटा की सुरक्षा; फ़ीडबैक; सेवाओं में ब्रैंड सुविधाओं का इस्तेमाल करना), सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी), सेक्शन 8.6 (बंद या रिन्यू न होने का असर), सेक्शन 11 (डिसक्लेमर), सेक्शन 12 (जवाबदेही की सीमा), सेक्शन 13 (नुकसान की भरपाई), सेक्शन 14.1 (लागू करने की शर्तें), सेक्शन 14.2 (गोपनीय जानकारी शेयर करना), और सेक्शन 15 (और भी कई तरह के).

      • 15.15 पूरा कानूनी समझौता. यह कानूनी समझौता, उन सभी शर्तों के बारे में बताता है जिन पर पक्षों ने सहमति दी है. साथ ही, यह पक्षों के बीच इस कानूनी समझौते की विषय-वस्तु से संबंधित किसी भी पहले के या मौजूदा समझौतों की जगह लागू होता है. इस कानूनी समझौते को स्वीकार करके सभी पक्ष इस बात की सहमति देते हैं कि इसमें बताए गए नियमों के अलावा, उन पक्षों ने किसी और जानकारी पर भरोसा नहीं किया है. साथ ही, उन पक्षों के पास किसी स्टेटमेंट, पक्ष रखने या वारंटी की जानकारी (चाहे अनजाने में दी गई हो या नासमझी में) के आधार पर, दावा करने का न तो कोई अधिकार होगा और न ही उन्हें कोई समाधान मिलेगा. यूआरएल पर दी गई शर्तों को इस कानूनी समझौते में रेफ़रंस के तौर पर शामिल किया गया है. लागू होने की तारीख के बाद, Google इस कानूनी समझौते में मौजूद किसी यूआरएल की जगह पर अपडेट किया गया यूआरएल दे सकता है.

      • 15.16 मेल न खाने वाली शर्तें. इस कानूनी समझौते के दस्तावेज़ों की शर्तों के आपस में मेल न खाने पर, दस्तावेज़ इस क्रम (घटती हुई प्राथमिकता के आधार पर) में नियंत्रित करेंगे: ऑर्डर फ़ॉर्म, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम, कानूनी समझौते का कुछ हिस्सा (यूआरएल पर दी गई शर्तों को छोड़कर), और किसी यूआरएल पर दी गई शर्तें (Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम को छोड़कर).

      • 15.17 हेडर. कानूनी समझौते में इस्तेमाल किए गए हेडर और कैप्शन सिर्फ़ पहचान के मकसद से दिए गए हैं. इनकी वजह से कानूनी समझौते की व्याख्या पर कोई असर नहीं होगा.

      • 15.18 अलग-अलग भाषाओं में दी गई जानकारी का आपस में मेल न खाना. अगर इस कानूनी समझौते का अंग्रेज़ी के अलावा किसी भी दूसरी भाषा में अनुवाद किया जाता है और अंग्रेज़ी लेख और दूसरी भाषा के लेख में कोई अंतर होता है, तो अंग्रेज़ी लेख ही मान्य होगा. अगर दूसरा लेख लागू होगा, तो उसके बारे में साफ़ तौर पर सूचना दी जाएगी.

      • 15.19 परिभाषाएं.

        • “खाता” का मतलब, ग्राहक के Google खाते के क्रेडेंशियल और इस कानूनी समझौते के तहत खाते से जुड़ी 'सेवाओं' के ऐक्सेस से है.

        • “दूसरे प्रॉडक्ट” का मतलब, Google या उसके सहयोगियों (अफ़िलिएट) के ऐसे प्रॉडक्ट, सेवाओं, और ऐप्लिकेशन से है जो 'सेवाओं' का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन जिन्हें 'सेवाओं' के साथ इस्तेमाल करने के लिए ऐक्सेस किया जा सकता है.

        • “प्रॉडक्ट से जुड़ी अन्य शर्तें” का मतलब किसी खास समय या मौजूदा समय की उन शर्तों से है जिनके बारे में https://workspace.google.com/terms/additional_services.html पर बताया गया है.

        • “एडमिन खाता” का मतलब ऐसे असली उपयोगकर्ता खाते से है जिसे ग्राहक (या अगर लागू हो, तो रीसेलर), 'सेवाएं' मैनेज करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है.

        • "Admin console" का मतलब Google की ओर से, 'सेवाएं' मैनेज करने के लिए ग्राहक को उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन कंसोल और डैशबोर्ड से है.

        • "एडमिन" का मतलब ग्राहक की ओर से तय किए गए ऐसे व्यक्ति से है जो ग्राहक की ओर से असली उपयोगकर्ताओं के लिए 'सेवाओं' को मैनेज करता है. साथ ही, जो ग्राहक का डेटा और असली उपयोगकर्ताओं के खातों को ऐक्सेस कर सकता है. इस तरह के ऐक्सेस में असली उपयोगकर्ता खातों से जुड़े असली उपयोगकर्ता के किसी भी डेटा को ऐक्सेस करने, उसकी निगरानी करने, उसे इस्तेमाल करने, उसमें बदलाव करने, रोकने या उसके बारे में बताने की सुविधा शामिल है.

        • “सहयोगी (अफ़िलिएट)” का मतलब, ऐसी किसी भी इकाई से है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी इकाई को कंट्रोल करती है, जिसे कोई पक्ष कंट्रोल करता है या जो किसी पक्ष के सामान्य कंट्रोल में होती है.

        • "रिश्वतखोरी विरोधी कानून" का मतलब, कारोबारी या सार्वजनिक रिश्वतखोरी के ख़िलाफ़ लागू कानूनों से है. इन कानूनों में यूएस फ़ॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस ऐक्ट 1977 और यूके ब्राइबरी ऐक्ट 2010 भी शामिल है. इन कानूनों में, अपना कारोबार बनाए रखने, किसी का कारोबार हड़पने या कारोबारी फ़ायदे के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर किसी को (इसमें सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं) गलत तरीके से ऐसे ऑफ़र देना शामिल है जिससे उन्हें आर्थिक फ़ायदा हो. सरकारी अधिकारियों में शामिल हैं: कोई भी सरकारी कर्मचारी, सरकारी पद का उम्मीदवार, राजशाही परिवार का कोई सदस्य, और सरकार के मालिकाना हक या सरकार के कंट्रोल वाली कंपनियों, सार्वजनिक अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कोई कर्मचारी, और राजनैतिक पार्टी का कोई सदस्य.

        • “AUP” का मतलब, ‘सेवाओं’ के लिए किसी खास समय या मौजूदा समय की उचित इस्तेमाल की उस नीति से है जिसके बारे में https://workspace.google.com/terms/use_policy.html पर बताया गया है.

        • “बीएए (BAA)” या “कारोबार सहभागियों के बीच का समझौता” कानूनी समझौते का ऐसा संशोधन है जिसमें स्वास्थ्य की सुरक्षित जानकारी (पीएचआई) को मैनेज करना शामिल होता है. इसकी जानकारी, हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी ऐंड अकाउंटेबिलिटी ऐक्ट (हिपा) में दी गई है.

        • "ब्रैंड सुविधाएं" का मतलब हर पक्ष के ट्रेड नेम, ट्रेडमार्क, सर्विस मार्क, लोगो, डोमेन नेम, और किसी पक्ष की ऐसी खास ब्रैंड सुविधाओं से है जिन्हें वह पक्ष समय-समय पर अपने लिए सुरक्षित करता है.

        • "Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम" का मतलब, किसी खास समय या मौजूदा समय की उन शर्तों से है जो ग्राहक के डेटा के संबंध में डेटा प्रोसेसिंग और सुरक्षा की जवाबदेही के बारे में बताती हैं, जैसा कि https://cloud.google.com/terms/data-processing-addendum पर दिया गया है.

        • “गोपनीय जानकारी” का मतलब इस समझौते के तहत एक पक्ष (या सहयोगी) की ओर से दूसरे पक्ष के सामने ज़ाहिर की गई ऐसी जानकारी से है जिसे गोपनीय के तौर पर मार्क किया गया हो या जिसे सामान्य स्थिति में गोपनीय माना जाए. गोपनीय जानकारी में ऐसी जानकारी शामिल नहीं होती है जो जानकारी पाने वाले ने स्वतंत्र रूप से तैयार की है, जो तीसरे पक्ष ने बिना किसी गोपनीयता जवाबदेही के जानकारी पाने वाले के साथ शेयर की है या जो जानकारी पाने वाले व्यक्ति की गलती के बिना ही सार्वजनिक हो जाती है. इसके पहले वाले वाक्य में उल्लेख किए गए नियम के मुताबिक, ग्राहक के डेटा को उसकी गोपनीय जानकारी माना जाता है.

        • “कंट्रोल” का मतलब, किसी पक्ष के मतदान के अधिकारों या इक्विटी से जुड़े हितों के 50% से ज़्यादा हिस्से पर कंट्रोल से है.

        • "मुख्य सेवाएं" का मतलब किसी खास समय या मौजूदा समय की "मुख्य सेवाएं" से है, जैसा कि 'सेवाओं' से जुड़ी जानकारी में बताया गया है. हालांकि, इसमें किसी तीसरे पक्ष की 'सेवाएं' शामिल नहीं हैं.

        • “ग्राहक का डेटा” का मतलब ग्राहक या असली उपयोगकर्ताओं की ओर से 'सेवाओं' के ज़रिए सबमिट किए गए, इकट्ठा किए गए, भेजे गए या उन्हें मिलने वाले डेटा से है.

        • "डोमेन ईमेल पता" का मतलब डोमेन नेम पर मौजूद उस ईमेल पते से है जिसका इस्तेमाल 'सेवाओं' के लिए किया जाता है.

        • "डोमेन नेम" का मतलब 'सेवाओं' का इस्तेमाल करने के मकसद से ऑर्डर फ़ॉर्म या रीसेलर ऑर्डर में बताए गए डोमेन नेम से है.

        • “असली उपयोगकर्ता” का मतलब उन लोगों से है जिन्हें एडमिन मैनेज करता है और जिन्हें ग्राहक, 'सेवाओं' के इस्तेमाल की अनुमति देता है. साफ़ तौर पर, असली उपयोगकर्ता में ग्राहक के साथ काम करने वाले और अन्य तीसरे पक्षों के कर्मचारी शामिल हो सकते हैं.

        • “असली उपयोगकर्ता खाता” का मतलब Google की ओर से होस्ट किए जाने वाले ऐसे खाते से है जिसे ग्राहक अपनी 'सेवाओं' की मदद से असली उपयोगकर्ता के लिए बनाता है, ताकि वह 'सेवाओं' का इस्तेमाल कर सके.

        • “एक्सपोर्ट कंट्रोल कानून” का मतलब, एक्सपोर्ट और दोबारा एक्सपोर्ट को कंट्रोल करने वाले सभी लागू कानूनों और नियमों से है. इनमें (a) अमेरिका के वाणिज्य विभाग की ओर से मैनेज किए जाने वाले एक्सपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन रेगुलेशन (“ईएआर”), (b) अमेरिका के ट्रेज़री डिपार्टमेंट के ऑफ़िस ऑफ़ फ़ॉरेन ऐसेट्स कंट्रोल की ओर से लागू किए जाने वाले व्यापारिक और आर्थिक प्रतिबंध, और (c) अमेरिका के राज्य विभाग की ओर से मैनेज किए जाने वाले इंटरनैशनल ट्रैफ़िक इन आर्म्स रेगुलेशन (“आईटीएआर”) भी शामिल हैं.

        • "फ़ीस" का मतलब (a) ग्राहक की ओर से इस्तेमाल या ऑर्डर की गई 'सेवाओं' की संख्या को उनकी कीमतों से गुणा करने पर मिलने वाली रकम या (b) TSS के लिए लागू फ़ीस से है. इसमें, सभी लागू टैक्स शामिल होते हैं.

        • “ज़्यादा जोखिम वाली गतिविधियां” का मतलब, ऐसी गतिविधियों से है जिनमें 'सेवाओं' के इस्तेमाल से या उनके काम करना बंद कर देने से मौत हो सकती है, शारीरिक चोट लग सकती है या पर्यावरण या प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंच सकता है. इनमें एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल, लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम, हथियार या परमाणु निर्माण इकाइयां बनाना या उनका संचालन करना जैसी गतिविधियां शामिल हैं.

        • “हिपा” का मतलब हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी ऐंड अकाउंटेबिलिटी ऐक्ट ऑफ़ 1996 है. इसे और इसके तहत जारी किसी भी कानून में, समय-समय पर बदलाव किया जा सकता है.

        • “इसमें शामिल हैं” का मतलब है कि इसमें इनके अलावा, और भी चीज़ें शामिल हो सकती हैं.

        • “नुकसान की भरपाई करने की कानूनी जवाबदेही” का मतलब (i) सेटलमेंट की उस रकम से है जिसे नुकसान की भरपाई करने वाले पक्ष की मंज़ूरी मिली हो और (ii) उस नुकसान और लागत से है जिसके लिए नुकसान की भरपाई पाने वाले पक्ष के मामले में, उसके अधिकार क्षेत्र के न्यायालय ने आखिरी देनदारी तय की हो.

        • “बौद्धिक संपत्ति के अधिकार” का मतलब, दुनिया भर में सभी पेटेंट अधिकार, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क के अधिकार, कारोबारी गोपनीयता के अधिकार (अगर कोई हो), डिज़ाइन के अधिकार, डेटाबेस के अधिकार, डोमेन नेम के अधिकार, नैतिक अधिकार, और बौद्धिक संपत्ति के अन्य अधिकार (रजिस्टर किए गए या रजिस्टर नहीं किए गए) से है.

        • “कानूनी प्रक्रिया” का मतलब, कानून, सरकारी नियम, अदालत के आदेश, पेश होने के आदेश, वारंट या दूसरे वैध कानूनी प्राधिकरण, कानूनी प्रक्रिया या इसी तरह की प्रक्रिया के तहत जानकारी देने से है.

        • “कानूनी जवाबदेही” का मतलब किसी भी कानूनी जवाबदेही से है, चाहे वह कानूनी समझौते, नुकसान (लापरवाही सहित) या किसी और तरह की हो. भले ही, पक्षों को उसके बारे में पहले से आशंका या उम्मीद हो या न हो.

        • “सूचना के लिए ईमेल पता” का मतलब, उन ईमेल पतों से है जिन्हें ग्राहक, Admin console में असाइन करता है.

        • "ऑर्डर फ़ॉर्म" का मतलब, ऐसे ऑर्डर फ़ॉर्म से है जिसमें ग्राहक ने अपने हिसाब से बदलाव किया हो या Google की वेबसाइट पर जाकर किसी तरह का ऑर्डर किया हो. दोनों स्थितियों में, कानूनी समझौते के तहत, इसमें वे 'सेवाएं' शामिल हैं जो Google उपलब्ध करवाता है.

        • "ऑर्डर की अवधि" का मतलब, 'सेवाओं' के शुरू होने की तारीख या रिन्यूअल (जो भी लागू हो) की तारीख से लेकर ऑर्डर फ़ॉर्म में बताई गई पूरी अवधि तक का समय होता है. यह अवधि तब तक जारी रहती है, जब तक कि समझौते के मुताबिक खत्म नहीं होती.

        • "अन्य सेवाएं" का मतलब किसी खास समय या मौजूदा समय की "अन्य सेवाओं" से है, जैसा कि 'सेवाओं' से जुड़ी जानकारी में बताया गया है. हालांकि, इसमें तीसरे पक्ष के ऑफ़र शामिल नहीं होते हैं.

        • "कीमतों" का मतलब किसी खास समय या मौजूदा समय की उन कीमतों से है जो 'सेवाओं' पर लागू होती हैं. इनके बारे में https://workspace.google.com/pricing.html पर बताया गया है, जिसे इस रेफ़रंस के साथ कानूनी समझौते में शामिल किया गया है. हालांकि, किसी शर्त या ऑर्डर फ़ॉर्म के ज़रिए दूसरी कीमतों पर सहमति बनाई जा सकती है. कीमतों में टैक्स शामिल नहीं हैं.

        • "दोबारा बेचने वाला (रीसेलर)" का मतलब, अगर लागू हो, तो तीसरे पक्ष के ऐसे गैर-सहयोगी रीसेलर से है जिसके पास ग्राहक को 'सेवाएं' बेचने की अनुमति होती है.

        • “रीसेलर कानूनी समझौता” का मतलब, अगर लागू हो, तो 'सेवाओं' के संबंध में ग्राहक और रीसेलर के बीच एक अलग कानूनी समझौते से है. दोबारा बेचने वाला (रीसेलर) कानूनी समझौता, इस कानूनी समझौते से अलग और इसके दायरे से बाहर है.

        • “रीसेलर फ़ीस” का मतलब, ग्राहक की ओर से इस्तेमाल या ऑर्डर की गई 'सेवाओं' के लिए फ़ीस (अगर लागू हो) से है, जैसा कि रीसेलर के कानूनी समझौते में सहमति दी गई है. इसमें, सभी लागू टैक्स शामिल होते हैं.

        • "रीसेलर ऑर्डर" का मतलब, अगर लागू हो, तो ऐसे ऑर्डर फ़ॉर्म ('सेवाएं' रिन्यू करने का ऑर्डर फ़ॉर्म भी शामिल) से है जिसे रीसेलर जारी करता है और ग्राहक अपने हिसाब से उसमें बदलाव करता है. इसमें उन 'सेवाओं' की जानकारी होती है जिनके लिए ग्राहक, रीसेलर से ऑर्डर करता है.

        • “सेवा की खास शर्तें” का मतलब, एक या ज़्यादा ‘सेवाओं’ से जुड़ी किसी खास समय या मौजूदा समय की उन खास शर्तों से है जिनके बारे में https://workspace.google.com/terms/service-terms/ पर बताया गया है.

        • “सेवाओं” का मतलब, किसी खास समय या मौजूदा समय की मुख्य सेवाओं और अन्य सेवाओं से है जिसकी बात हो रही हो.

        • “सेवाएं शुरू होने की तारीख” का मतलब, ऑर्डर फ़ॉर्म में बताई गई तारीख से है. अगर ऑर्डर फ़ॉर्म में कोई तारीख नहीं बताई गई है, तो Google की ओर से ग्राहक को सेवाएं उपलब्ध कराने की तारीख "सेवाएं शुरू होने की तारीख" होगी.

        • “सेवाओं की खास जानकारी” का मतलब, किसी खास समय या मौजूदा समय की सेवाओं की जानकारी से है, जिसके बारे में https://workspace.google.com/terms/user_features.html पर बताया गया है.

        • "सेवा स्तर समझौता (एसएलए)" का मतलब किसी खास समय या मौजूदा समय के उन सेवा स्तर समझौतों से है जिनके बारे में https://workspace.google.com/terms/sla.html पर बताया गया है.

        • “निलंबित” या “निलंबन” का मतलब, ‘सेवाओं’ या उनमें मिलने वाली सुविधाओं के ऐक्सेस या उनके इस्तेमाल पर रोक लगाने से है.

        • “टैक्स” का मतलब, उन सभी टैक्स से है जिन्हें सरकार ने लगाया है. इनमें Google की कुल आय, कुल संपत्ति, ऐसेट वैल्यू, प्रॉपर्टी वैल्यू या रोज़गार पर आधारित टैक्स शामिल नहीं हैं.

        • "अवधि" का मतलब, इस कानूनी समझौते के सेक्शन 8.1 (कानूनी समझौते की अवधि) में बताया गया है.

        • “तीसरे पक्ष की कानूनी कार्रवाई” का मतलब, किसी अदालत या सरकारी न्यायाधिकरण में, तीसरे पक्ष की गैर-सहयोगी कंपनी की दायर की गई किसी भी औपचारिक कानूनी कार्रवाई से है (इसमें अपील से जुड़ी कार्रवाइयां भी शामिल हैं).

        • “तीसरे पक्ष की सेवाएं” का मतलब, तीसरे पक्ष की ऐसी सेवाओं, सॉफ़्टवेयर, प्रॉडक्ट, और अन्य ऑफ़र से है जो ‘सेवाओं’ में शामिल नहीं हैं.

        • “ट्रेडमार्क दिशा-निर्देश” का मतलब, किसी खास समय या मौजूदा समय के उन दिशा-निर्देशों से है जिन्हें तीसरे पक्ष की Google ब्रैंड सुविधाएं इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है. इनके बारे में https://www.google.com/permissions/guidelines.html पर बताया गया है.

        • "TSS" का मतलब, किसी खास समय या मौजूदा समय की Google की तकनीकी सहायता सेवा से है.

        • “TSS दिशा-निर्देश” का मतलब, किसी खास समय या मौजूदा समय की Google की तकनीकी सहायता सेवाओं के लिए, उस समय के दिशा-निर्देशों से है. इनके बारे में https://workspace.google.com/terms/tssg.html पर बताया गया है.

        • “यूआरएल की शर्तें” का मतलब, सामूहिक तौर पर AUP, Cloud डेटा प्रोसेसिंग अडेंडम, सेवा की खास शर्तों, सेवा स्तर समझौता (एसएलए), और TSS दिशा-निर्देश से है.

    • 16. इलाके के हिसाब से सेवा की शर्तें. अगर ग्राहक का बिलिंग पता नीचे दिए गए इलाके में है, तो वह कानूनी समझौते के इन संशोधनों से सहमत होता है:

      • एशिया पैसिफ़िक - सभी इलाके

        • सेक्शन 2.3 (टैक्स) में ये बदलाव हुए हैं:

        • 2.3 टैक्स. Google ऐसे टैक्स को आइटम के तौर पर पेश करेगा जिसका इनवॉइस बना है. अगर Google को दिए जाने वाले किसी पेमेंट के लिए, टैक्स की रकम रोकना ज़रूरी है, तो ग्राहक Google को पेमेंट की रकम बढ़ाकर देगा. ऐसा इसलिए, ताकि Google को जो कुल रकम मिले वह इनवॉइस की कुल रकम के बराबर हो और उसमें टैक्स की रकम भी शामिल न हो.

        • सेक्शन 15.19 (परिभाषाएं) के तहत "टैक्स" की परिभाषा में यह बदलाव हुआ है:

        • 15.19 परिभाषाएं.

        • “टैक्स” का मतलब, सरकार के लगाए गए उन सभी टैक्स से है जो ‘सेवाओं’ की रेंडरिंग और परफ़ॉर्मेंस से जुड़े लागू कानून के मुताबिक होते हैं. इसमें ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, डायरेक्ट या इनडायरेक्ट टैक्स और इनसे संबंधित ब्याज या जुर्माने के अलावा, और भी चीज़ें शामिल हो सकती हैं. हालांकि, इसमें Google को मिलने वाले फ़ायदे पर आधारित टैक्स शामिल नहीं होते.

      • एशिया पैसिफ़िक (ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत, न्यूज़ीलैंड, सिंगापुर को छोड़कर सभी इलाके) और लैटिन अमेरिका (ब्राज़ील को छोड़कर सभी इलाके)

        • सेक्शन 15.12 (नियंत्रण करने वाला अमेरिकन कानून) में ये बदलाव हुए हैं:

        • 15.12 नियंत्रण करने वाला कानून, मध्यस्थता.

        • (a) इस कानूनी समझौते या इससे जुड़े, Google के किसी भी प्रॉडक्ट या ‘सेवा’ के लिए होने वाले दावों (इसमें इस कानूनी समझौते की व्याख्या या उसका पालन करने से जुड़े विवाद भी शामिल हैं) (“विवाद”) की समीक्षा, अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया राज्य के कानून के तहत होगी. इसमें, कैलिफ़ोर्निया के कन्फ़्लिक्ट ऑफ़ लॉ के नियम शामिल नहीं होंगे.

        • (b) सभी पक्ष अच्छी भावना रखते हुए, किसी विवाद के शुरू होने के 30 दिनों के अंदर उसे निपटाने की कोशिश करेंगे. अगर विवाद का हल 30 दिन में नहीं होता है, तो इसका समाधान इस अनुबंध ("नियम") की तारीख से लागू एक्सपीडिटेड कमर्शियल रूल्स के अनुपालन में अमेरिकन आर्बिट्रेशन असोसिएशन के इंटरनेशनल सेंटर फ़ॉर डिसप्यूट रिज़ॉल्यूशन की मध्यस्थता से होगा.

        • (c) सभी पक्ष आपसी सहमति से मध्यस्थता करने वाले को चुनेंगे. मध्यस्थता, अमेरिका के सांता क्लारा काउंटी में अंग्रेज़ी में होगी.

        • (d) अगर कोई पक्ष चाहे, तो मध्यस्थता से समाधान मिलने तक अपने अधिकार सुरक्षित रखने के लिए, रोक लगाने वाले कानूनी आदेश से राहत पा सकता है. इसके लिए, वह ऐसे मामले देखने वाली किसी भी अदालत में आवेदन कर सकता है. मध्यस्थता करने वाला कानूनी समझौते के तरीकों और सीमाओं के तहत, न्यायसंगत कार्रवाई या ‘रोक लगाने वाले कानूनी आदेश से राहत’ का आदेश दे सकता है.

        • (e) सब-सेक्शन (g) में दी गई, गोपनीयता के लिए ज़रूरी शर्तों के आधार पर, अगर किसी पक्ष को अपने अधिकारों या संपत्ति की सुरक्षा के लिए ज़रूरी आदेश पाना है, तो वह ऐसे मामले देखने वाली किसी भी अदालत में याचिका दायर कर सकता है. इस याचिका को, नियंत्रण करने वाले कानून और मध्यस्थता सेक्शन का उल्लंघन या दावा छोड़ने के तौर पर नहीं माना जाएगा. इससे, मध्यस्थता करने वाले के अधिकारों पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा, जिनमें अदालत के फ़ैसले की समीक्षा करने का अधिकार भी शामिल है. पक्ष यह तय करते हैं कि सांता क्लारा काउंटी, कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका की अदालतें इस सब-सेक्शन 15.12 (e) के तहत कोई भी आदेश दे सकती हैं.

        • (f) मध्यस्थता करने वाले का फ़ैसला आखिरी होगा और सभी पक्ष उसे मानने के लिए बाध्य होंगे. इसके पालन से जुड़ी कार्यवाही को, इस तरह के मामले देखने वाली किसी भी अदालत में पेश किया जा सकता है. इसमें, ऐसी कोई भी अदालत शामिल है जिसके अधिकार क्षेत्र में कोई पक्ष या उसकी संपत्ति आती हो.

        • (g) सेक्शन 15.12 (नियंत्रण करने वाला कानून; मध्यस्थता) के मुताबिक की गई मध्यस्थता की कोई भी कार्यवाही, सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी) के तहत गोपनीय जानकारी मानी जाएगी. इसमें यह जानकारी भी शामिल है: (i) इस कार्यवाही का होना, (ii) कार्यवाही के दौरान ज़ाहिर की गई कोई भी जानकारी, और (iii) मध्यस्थता की कार्यवाही से जुड़ी कोई भी मौखिक बातचीत या दस्तावेज़. सभी पक्षों के पास, सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी) के तहत जानकारी ज़ाहिर करने का अधिकार है. इसके अलावा, वे सब-सेक्शन 15.12 (g) में दी गई जानकारी को, ऐसे मामले देखने वाली अदालत में तब ज़ाहिर कर सकते हैं, जब सब-सेक्शन 15.12 (e) के तहत कोई भी आदेश दाखिल करना ज़रूरी हो या मध्यस्थता में हुए फ़ैसले के पालन से जुड़ा मामला हो. हालांकि, पक्षों को अनुरोध करना चाहिए कि ऐसी न्यायिक कार्यवाहियां कैमरे के सामने (बंद कमरे में गोपनीय तौर पर) हो.

        • (h) मध्यस्थता करने वाले का शुल्क, उसने जिन विशेषज्ञों को नियुक्त किया है उनका शुल्क और खर्च, और मध्यस्थता केंद्र के प्रशासनिक खर्चों को सभी पक्ष नियमों के मुताबिक चुकाएंगे. आखिरी फ़ैसले में, मध्यस्थता करने वाला इन शुल्क के लिए प्रमुख पक्ष की ऐडवांस में चुकाई गई रकम को लौटाने के लिए गैर-प्रमुख पक्ष की जवाबदेही तय करेगा.

        • (i) हर पक्ष अपने वकीलों और विशेषज्ञों के शुल्क और दूसरे खर्च खुद उठाएगा. भले ही, विवाद के बारे में मध्यस्थता करने वाले का आखिरी फ़ैसला कुछ भी हो.

      • एशिया पैसिफ़िक - भारत

        • Google Asia Pacific Pte. Ltd. (‘GAP’) ने Google India Private Limited को भारत में ‘सेवाओं’ के नॉन-इक्सक्लूसिव रीसेलर के रूप में नियुक्त किया है. इसकी जानकारी नीचे दी गई है. किसी भी संदेह से बचने के लिए, कानूनी समझौते में, दोनों इकाइयों को 'Google' के रूप में बताया गया है. हालांकि, यह साफ़ तौर पर बताया गया है कि प्रावधान जहां भी बिक्री या अधिकारों और जवाबदेही के संबंध में Google का हवाला देते हैं (इसमें सेवाओं की बिक्री के लिए इनवॉइसिंग, क्रेडिट लिमिट, इस कानूनी समझौते को खत्म करना वगैरह से जुड़ी कोई भी शर्त शामिल है) वहां ‘Google’ का मतलब, Google India Private Limited होगा. साथ ही, इस कानूनी समझौते में ये प्रावधान जहां भी ‘Google’ को, ‘सेवाएं’ देने वाले के तौर पर बताते हैं या इसके संबंध में अधिकारों और जवाबदेही को दिखाते हैं, वहां इसका मतलब ‘GAP’ होगा

        • Google India Private Limited, कानूनी समझौते के बारे में बताने वाले ऑर्डर फ़ॉर्म को एक्ज़ीक्यूट कर सकता है. हालांकि, ऑर्डर फ़ॉर्म की मदद से Google India और ग्राहक के बीच एक अलग कानूनी समझौता किया जाएगा. साथ ही, इस कानूनी समझौते की सभी शर्तों को उसमें शामिल किया जाएगा. Google India Private Limited, GAP से सेवाएं खरीदकर उन्हें ग्राहकों को रीसेलर के तौर पर बेचता है. इसलिए, कानूनी समझौते के हिसाब से ऐसी सेवाएं उपलब्ध कराने की पूरी जवाबदेही GAP की होगी. सेवाओं की परफ़ॉर्मेंस की कोई जवाबदेही Google India Private Limited की नहीं होगी.

        • सेक्शन 2 (पेमेंट की शर्तें) में ये बदलाव हुए हैं:

        • 2. पेमेंट की शर्तें.

        • 2.1 इस्तेमाल के मेज़रमेंट और बिलिंग के विकल्प. Google के मेज़रमेंट टूल का इस्तेमाल, यह तय करने लिए किया जाएगा कि ग्राहक, सेवाओं का कितना इस्तेमाल करता है. Google इसी के आधार पर अपनी सेवाओं के लिए शुल्क तय करेगा. सेवाओं के लिए अपना ऑर्डर देते समय, ग्राहक इनमें से कोई एक बिलिंग विकल्प चुन सकता है. इसके अलावा, वह Google के उपलब्ध कराए गए दूसरे विकल्पों में से कोई बिलिंग विकल्प चुन सकता है.

          • (a) महीने के हिसाब से प्लान. अगर ग्राहक यह विकल्प चुनता है, तो पहले से तय अवधि के लिए सेवाएं खरीदना उसके लिए ज़रूरी नहीं होगा. हालांकि, उसे सेवाओं के हर दिन के इस्तेमाल के हिसाब से पैसे चुकाने होंगे. इसे मासिक बिल में बकाया के तौर पर जोड़ा जाएगा. अगर सेवाओं का इस्तेमाल दिन के कुछ ही घंटे किया जाए, तो शुल्क का हिसाब लगाने के लिए उस दिन को पूरा दिन माना जाएगा.

          • (b) सालाना/तय समय वाला प्लान. अगर ग्राहक यह विकल्प चुनता है, तो उसे एक या उससे ज़्यादा, सालाना अवधि (जो ग्राहक ने चुनी हो) के लिए सेवाएं खरीदनी होंगी. Google, ग्राहक को ऑर्डर फ़ॉर्म पर उसकी चुनी हुई अवधि के मुताबिक बिल भेजेगा.

          • Google, ग्राहक को 30 दिन पहले सूचना देकर अपने बिलिंग विकल्प के ऑफ़र में बदलाव कर सकता है. इसमें, किसी भी बिलिंग विकल्प के ऑफ़र को सीमित करना या बंद करना शामिल है. ऐसा कोई भी बदलाव, ग्राहक के अगले ऑर्डर की अवधि की शुरुआत से लागू होगा. ऐसा हो सकता है कि बिलिंग के विकल्प सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध न हों. ग्राहक, सेक्शन 2.2 (पेमेंट) में बताए गए पैसे चुकाने के तरीकों का इस्तेमाल करके, सेवाओं के लिए पैसे चुका सकता है.

        • 2.2 पेमेंट. सभी पेमेंट, ऑर्डर फ़ॉर्म या इनवॉइस में बताई गई मुद्रा में करने होंगे.

          • (a) क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड. अगर ग्राहक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या बिना इनवॉइस वाले किसी अन्य तरीके से पेमेंट करता है, तो उसे उस महीने के आखिर में पेमेंट करने होंगे जिसमें उसने सेवाएं ली हैं. क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के लिए, जो भी लागू हो: (i) अगर कोई शुल्क बकाया है, तो Google उसके लिए इलेक्ट्रॉनिक बिल जारी करता है और (ii) अगर ग्राहक, सेवाएं मिलने वाले महीने के खत्म होने के 30 दिन बाद तक ये शुल्क नहीं चुकाता है, तो इन्हें बकाया माना जाता है.

          • (b) इनवॉइस. अगर ऑर्डर फ़ॉर्म पर कुछ और नहीं बताया गया है, तो इनवॉइस के पेमेंट, इनवॉइस की तारीख के बाद 60 दिनों के अंदर करने होते हैं. उस तारीख के बाद, इन्हें बकाया माना जाता है.

          • (c) पेमेंट के अन्य तरीके. ग्राहक, पेमेंट के तरीके को, Google की ओर से Admin console में उपलब्ध कराए गए, पेमेंट के किसी अन्य तरीके से बदल सकता है. इसके लिए ग्राहक को, पेमेंट के उस तरीके की अतिरिक्त शर्तों को स्वीकार करना होगा.

          • (d) क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी. वायर ट्रांसफ़र की सुविधा से किए गए पेमेंट में, Google की ओर से दी गई बैंक की जानकारी होनी चाहिए.

        • 2.3 टैक्स.

          • (a) सेवाओं के हिसाब से, ग्राहक ऊपर बताए गए शुल्क और लागू टैक्स, Google को देने के लिए सहमत होता है. अगर टैक्स को इकट्ठा करने या उनके पेमेंट के लिए Google बाध्य है, तो ग्राहक को टैक्स का इनवॉइस भेजा जाएगा. अगर ग्राहक सही टैक्सिंग अथॉरिटी से मिला मान्य टैक्स छूट सर्टिफ़िकेट तय समय पर Google को देता है, तो उसे टैक्स से छूट मिल जाएगी.

          • (b) लागू कानून के तहत ज़रूरी होने पर ग्राहक, Google को टैक्स की पहचान से जुड़ी ऐसी जानकारी (गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स आइडेंटिफ़िकेशन नंबर (“जीएसटीआईएन”), वह जगह जहां ग्राहक को ये सेवाएं मिलेंगी, टैक्स की स्थिति वगैरह) देगा जिसकी Google को ज़रूरत हो सकती है, ताकि भारत में लागू टैक्स नियमों का पालन करना पक्का किया जा सके. ग्राहक स्वीकार करता है कि दी गई सभी जानकारी सही है. जैसे, जीएसटीआईएन, वह जगह जहां ग्राहक को सेवाएं मिलेंगी, टैक्स की स्थिति वगैरह. दिया गया पता और जीएसटीआईएन उस जगह का है जहां ग्राहक को सेवाएं मिलेंगी. ग्राहक, किसी भी टैक्स, ब्याज, दंड या गलत एलान की वजह से लगने वाला जुर्माना भरने (या Google को लौटाने) के लिए ज़िम्मेदार होगा.

          • (c) अगर ग्राहक के लिए, Google को किए गए पेमेंट पर, आय पर लगने वाले टैक्स के लिए किसी भी रकम को रोकना कानूनी तौर पर ज़रूरी है, तो ग्राहक को लागू टैक्स कानूनों के अनुसार, इस तरह के विदहोल्डिंग में मदद करने के लिए Google को विदहोल्डिंग टैक्स सर्टिफ़िकेट या अन्य सही दस्तावेज़ देने चाहिए.

        • 2.4 पेमेंट से जुड़े विवाद. पेमेंट से जुड़े किसी भी विवाद के बारे में बिलिंग की तारीख से पहले ही जानकारी देना ज़रूरी है. अगर पार्टी यह तय करती हैं कि Google की वजह से बिलिंग में कुछ दिक्कतें हुई हैं, तो Google इनवॉइस को सही करने की जगह, क्रेडिट मेमो जारी करेगा. यह क्रेडिट मेमो, उतनी ही रकम के लिए जारी किया जाएगा जितने पर विवाद है. अगर विवाद वाले इनवॉइस के लिए अभी तक पेमेंट नहीं किए गए हैं, तो Google India इसमें से क्रेडिट मेमो की रकम अडजस्ट कर देगा. बकाया बिल के पेमेंट की ज़िम्मेदारी ग्राहक की होगी. समझौते के मुताबिक, Google India किसी का भी बकाया पैसा चुकाने के लिए बाध्य नहीं है.

        • 2.5 बकाया पेमेंट, निलंबन. तय तारीख तक पूरा पेमेंट न करने पर, हर महीने 1.5% के हिसाब से या अगर यह कम हो, तो कानून के मुताबिक सबसे ज़्यादा दर पर ब्याज लग सकता है. ऐसा तब तक होगा, जब तक पूरा पेमेंट नहीं किया जाता. ग्राहक, Google India को ऐसे सभी ज़रूरी खर्चों की भरपाई करेगा जो बकाया रकम इकट्ठा करने में Google ने खर्च किए हैं. इसमें वकील की फ़ीस भी शामिल है. इसके अलावा, अगर ग्राहक ने दी गई सेवाओं के लिए अभी तक पेमेंट नहीं किया है, तो Google India, Google के ज़रिए सेवाओं को निलंबित कर सकता है.

        • 2.6 परचेज़ ऑर्डर (पीओ) नंबर की ज़रूरत नहीं है. Google India, अपने इनवॉइस (या इसके अलावा) पर परचेज़ ऑर्डर (पीओ) नंबर दे सके, इसलिए ग्राहक को Google India के लिए, किसी भी ज़रूरत के बिना सभी लागू शुल्क का पेमेंट करना होगा.

        • 2.7 कीमत में बदलाव. Google India किसी भी समय अपनी कीमतों में बदलाव कर सकता है, जब तक कि बताई गई शर्तों या ऑर्डर फ़ॉर्म में साफ़ तौर पर किसी और बात पर सहमति न हो. कीमत में कोई भी बदलाव करने से पहले Google India, कम से कम 30 दिन पहले ग्राहक को इसकी जानकारी देगा. ये बदलाव ग्राहक के अगले ऑर्डर की अवधि शुरू होने के 30-दिन बाद ही लागू होंगे.

        • सेक्शन 15.12 (नियंत्रण करने वाला अमेरिकन कानून) में ये बदलाव हुए हैं:

        • 15.12 नियंत्रण करने वाला कानून. इस कानूनी समझौते या इससे जुड़े सभी दावे भारत के कानूनों से नियंत्रित होंगे. कोई विवाद होता है, तो वह नई दिल्ली के न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में आएगा. पिछली शर्तों में इसके उलट कोई बात होने पर भी समझौते के मुताबिक, ग्राहक Google से संबंधित सभी दावे, Google India Private Limited के ख़िलाफ़ कर सकता है.

        • सेक्शन 15.19 (परिभाषाएं) के तहत "टैक्स" की परिभाषा में यह बदलाव हुआ है:

        • 15.19 परिभाषाएं.

        • "टैक्स" का मतलब लागू कानून के अनुसार सभी टैक्स से है. इसमें शुल्क या टैक्स (आय पर लगने वाले टैक्स के अलावा) के अलावा और भी टैक्स शामिल हो सकते हैं. इसमें इनडायरेक्ट टैक्स, जैसे कि गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स ("जीएसटी") या 'सेवाओं' की खरीद से जुड़े इस तरह के अन्य टैक्स शामिल हैं.

      • एशिया पैसिफ़िक - इंडोनेशिया

        • एक नया सेक्शन 8.8 जोड़ा गया है:

        • 8.8 समझौता खत्म करने पर दावा छोड़ना. पक्ष किसी भी लागू कानूनों के तहत किसी भी प्रावधान को इस हद तक माफ़ करने के लिए सहमत हैं कि इस कानूनी समझौते को रद्द करने के लिए अदालत के फै़सले या आदेश की ज़रूरत है.

        • इस कानूनी समझौते का इंडोनेशियन वर्शन यहां उपलब्ध है. साथ ही, सेक्शन 15.18 (अलग-अलग भाषाओं में दी गई जानकारी का आपस में मेल न खाना) में यह बदलाव किया गया है:

        • 15.18 अलग-अलग भाषाओं में दी गई जानकारी का आपस में मेल न खाना. यह कानूनी समझौता इंडोनेशियन और अंग्रेज़ी भाषा में किया गया है. दोनों वर्शन समान रूप से प्रामाणिक हैं. इंडोनेशियन और अंग्रेज़ी वर्शन के बीच किसी भी अंतर या अलग व्याख्या की स्थिति में, समझौते में शामिल दोनों पक्ष इस बात से सहमत हैं कि इंडोनेशियन वर्शन का वह हिस्सा जो अंग्रेज़ी वर्शन से मेल नहीं खाता है उसे अंग्रेज़ी वर्शन के हिसाब से संशोधित किया जाएगा.

      • एशिया पैसिफ़िक - ऑस्ट्रेलिया

        • एक नया सेक्शन, 11A जोड़ा गया है:

        • 11A. सेक्शन 11A तभी लागू होता है, जब सेवाएं ऑस्ट्रेलियन कॉम्पटिशन ऐंड कंज़्यूमर ऐक्ट 2010 ("एसीसीए") के तहत, कानूनी गारंटी के अधीन हों. लागू कानूनों (एसीसीए भी शामिल है) के तहत, इस कानूनी समझौते में कुछ ऐसी राहत या अधिकार जोड़े जा सकते हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता. इन्हें समझौते में शामिल किया गया है. लागू कानूनों की अनुमति की सीमा तक, Google अपनी कार्रवाई सीमित करेगा. इन कानूनों के तहत, Google या इसके तहत काम करने वाली किसी भी कंपनी की जवाबदेही, फिर से सेवाएं देने या फिर से सेवाएं देने में आने वाली लागत का पेमेंट करने के इसके विकल्प तक सीमित होगी.

        • सेक्शन 12.2 (कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा) में ये संशोधन किए गए हैं:

        • 12.2 कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा. कानूनी समझौते की वजह से होने वाले या उससे जुड़े नुकसान के लिए, हर पक्ष की कुल देनदारी, (a) देनदारी की वजह बनने वाले इवेंट से 12 महीने पहले की अवधि के दौरान चुकाए गए शुल्क या (b) 1,000 ऑस्ट्रेलियन डॉलर (दोनों में से जो भी ज़्यादा हो) तक सीमित होती है.

        • सेक्शन 14.1(d) (कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा) में ये संशोधन किए गए हैं:

        • (d) सेक्शन 12.2 (कानूनी जवाबदेही की रकम की सीमा) में ये संशोधन किए गए हैं: "कानूनी समझौते में बताए गए या उससे जुड़े नुकसान के लिए हर पक्ष की कुल देनदारी, (a) देनदारी की वजह बनी घटना से 12 महीने पहले की अवधि में रीसेलर से सेवाएं खरीदने के लिए ग्राहक के चुकाए गए शुल्क (b) 1,000 ऑस्ट्रेलियन डॉलर (दोनों में से जो भी ज़्यादा हो) तक सीमित होती है."

        • सेक्शन 15.12(c) (नियंत्रण करने वाला अमेरिकन कानून) में किए गए संशोधन के तहत, उसके आखिरी हिस्से में ये शब्द जोड़े गए हैं: "अगर लागू कानून की वजह से किसी विवाद का हल कैलिफ़ोर्निया की अदालत में न हो पाए, तो ग्राहक इस विवाद से जुड़ा मुकदमा अपने स्थानीय क्षेत्र में मौजूद अदालत में दाखिल कर सकता है. अगर लागू कानून की वजह से, ग्राहक के स्थानीय क्षेत्र में मौजूद अदालत किसी विवाद को हल करने के लिए, कैलिफ़ोर्निया का कानून लागू नहीं कर पाती, तो उस विवाद को ग्राहक के देश, राज्य या रहने की जगह पर लागू स्थानीय कानून के हिसाब से हल किया जाएगा.”

        • सेक्शन 15.15 (पूरा कानूनी समझौता) में किए गए संशोधन के तहत, उसके आखिरी हिस्से में ये शब्द जोड़े गए हैं: "इस कानूनी समझौते में ऐसा कुछ नहीं है जो किसी भी पक्ष को समझौता होने से पहले, लिखित या मौखिक रूप में, गलत तरीके से पेश की गई बात की जवाबदेही से बचाता है."

      • यूरोप, मध्य-पूर्व, और अफ़्रीका - सभी इलाके

        • सेक्शन 2.2(d) (क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी) में ये बदलाव हुए हैं:

        • 2.2(d) क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी. वायर ट्रांसफ़र की सुविधा से किए गए पेमेंट में, Google की ओर से दी गई बैंक की जानकारी होनी चाहिए. अगर ग्राहक ने Google Commerce Limited के साथ कानूनी समझौता किया है, तो Google, ग्राहक से Google Payment Limited के ज़रिए पेमेंट ले सकता है. यह इंग्लैंड और वेल्स की एक कंपनी है. इसके ऑफ़िस Belgrave House, 76 Buckingham Palace Road, London, SW1W 9TQ, United Kingdom में हैं.

      • यूरोप, मध्य-पूर्व, और अफ़्रीका - यूरोपियन इकनॉमिक एरिया, यूनाइटेड किंगडम (यूके), और स्विट्ज़रलैंड

        • सेक्शन 15.19 (परिभाषाएं) को सेक्शन 15.20 (परिभाषाएं) में बदल दिया गया है.

        • एक नया सेक्शन 15.19 जोड़ा गया है:

        • 15.19 ईईसीसी के तहत मिले अधिकार छोड़ना.

        • (a) सेक्शन 15.19 (ईईसीसी के तहत मिले अधिकार छोड़ना) में बताए गए मकसद के लिए, "माइक्रो एंटरप्राइज़", "स्मॉल एंटरप्राइज़", और "गैर-लाभकारी संगठन" शब्दों का वही मतलब होगा जो ईईसीसी में दिया गया है. "EECC" का मतलब है यूरोपियन इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशंस कोड (जैसा कि यूरोपियन संसद के निर्देश (EU) 2018/1972 और 11 दिसंबर 2018 के काउंसिल ने बनाया है).

        • (b) सभी पक्ष मानते हैं कि ईईसीसी के तहत: (i) कुछ अधिकार माइक्रो एंटरप्राइज़, स्मॉल एंटरप्राइज़, और गैर-लाभकारी संगठनों को मिलते हैं. (ii) ऐसे ग्राहक जो (i) में दी गई किसी भी कैटगरी में आते हैं, वे साफ़ तौर पर कुछ अधिकार छोड़ने के लिए सहमत हो सकते हैं.

        • (c) अगर ग्राहक कोई माइक्रो एंटरप्राइज़, स्मॉल एंटरप्राइज़ या गैर-लाभकारी संगठन है, तो वह इन अनुच्छेदों के तहत मिलने वाला कोई भी अधिकार छोड़ने के लिए सहमत है:

          • (i) अनुच्छेद 102(1) ईईसीसी, जो ग्राहक को अनुबंध होने से पहले उसकी कुछ जानकारी पाने की अनुमति देता है,

          • (ii) अनुच्छेद 102(3) ईईसीसी, जो ग्राहक को किसी अनुबंध की जानकारी पाने की अनुमति देता है,

          • (iii) अनुच्छेद 105(1) ईईसीसी, जो कुछ सेवाओं के लिए अनुबंध की ज़्यादा से ज़्यादा अवधि को 24 महीने तक सीमित करता है, और

          • (iv) अनुच्छेद 107(1) ईईसीसी, जो Google Workspace कानूनी समझौते के तहत दी गई सभी सेवाओं के लिए, ईईसीसी के अन्य अधिकार भी देता है. इसमें अनुच्छेद 102(3) और 105(1) के अधिकार भी शामिल हैं, जिनकी जानकारी ऊपर दी गई है.

      • यूरोप, मध्य पूर्व, अफ़्रीका - अल्जीरिया, बहरीन, जॉर्डन, कुवैत, लीबिया, मॉरेटेनिया, मोरक्को, ओमान, फ़िलिस्तीन, कतर, ट्यूनीशिया, यमन, मिस्र, इज़रायल, संयुक्त अरब अमीरात, और लेबनान

        • एक नया सेक्शन 8.8 जोड़ा गया:

        • 8.8 अदालत के आदेश की ज़रूरत नहीं है. दोनों ही पक्ष इस बात को स्वीकार करते हैं और इससे सहमत हैं कि कानूनी समझौते के किसी हिस्से को खत्म करने, उसमें हुए संशोधन को लागू करने या किसी अन्य सेक्शन को लागू करने के लिए, अदालत के आदेश की ज़रूरत नहीं होगी.

        • सेक्शन 15.12 (नियंत्रण करने वाला अमेरिकन कानून) में ये बदलाव हुए हैं:

        • 15.12 नियंत्रण करने वाला कानून, मध्यस्थता.

          • (a) इस समझौते या इससे जुड़े Google के किसी भी प्रॉडक्ट या 'सेवा' के लिए होने वाले दावों (इसमें समझौते की व्याख्या या उसका पालन करने से जुड़े विवाद भी शामिल हैं) ("विवाद") की समीक्षा, अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया राज्य के कानून के तहत होगी. इसमें, कैलिफ़ोर्निया के कन्फ़्लिक्ट ऑफ़ लॉ के नियम शामिल नहीं होंगे.

          • (b) सभी पक्ष अच्छी भावना रखते हुए, किसी विवाद को उसके शुरू होने के 30 दिनों के अंदर निपटाने की कोशिश करेंगे. अगर विवाद का समाधान 30 दिनों में नहीं होता है, तो इसका समाधान लंदन कोर्ट ऑफ़ इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन (एलसीआईए) ("नियम") के मध्यस्थता नियमों के तहत होगा, जिन नियमों को इस सेक्शन के रेफ़रंस में शामिल माना जाता है.

          • (c) सभी पक्ष आपसी सहमति से मध्यस्थता करने वाले को चुनेंगे. मध्यस्थता की कार्यवाही अंग्रेज़ी में होगी और कानूनी तौर पर मध्यस्थता की जगह दुबई इंटरनैशनल फ़ाइनेंशियल सेंटर, डीआईएफ़सी, दुबई यूएई होगी.

          • (d) अगर कोई पक्ष चाहे, तो मध्यस्थता से समाधान मिलने तक अपने अधिकार सुरक्षित रखने के लिए, रोक लगाने वाले कानूनी आदेश से राहत पा सकता है. इसके लिए, वह ऐसे मामले देखने वाली किसी भी अदालत में आवेदन कर सकता है. मध्यस्थता करने वाला कानूनी समझौते के तरीकों और सीमाओं के तहत, न्यायसंगत कार्रवाई या ‘रोक लगाने वाले कानूनी आदेश से राहत’ का आदेश दे सकता है.

          • (e) मध्यस्थता करने वाले का फ़ैसला आखिरी होगा और सभी पक्ष उसे मानने के लिए बाध्य होंगे. इसके पालन से जुड़ी कार्यवाही को, इस तरह के मामले देखने वाली किसी भी अदालत में पेश किया जा सकता है. इसमें, ऐसी कोई भी अदालत शामिल है जिसके अधिकार क्षेत्र में कोई पक्ष या उसकी संपत्ति आती हो.

          • (f) सेक्शन 15.12 (नियंत्रण करने वाला कानून; मध्यस्थता) के मुताबिक की गई मध्यस्थता की कोई भी कार्यवाही, सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी) के तहत गोपनीय जानकारी मानी जाएगी. इसमें यह जानकारी भी शामिल है: (i) इस कार्यवाही का होना, (ii) कार्यवाही के दौरान ज़ाहिर की गई कोई भी जानकारी, और (iii) मध्यस्थता की कार्यवाही से जुड़ी कोई भी मौखिक बातचीत या दस्तावेज़. सभी पक्षों को, सेक्शन 7 (गोपनीय जानकारी) के तहत जानकारी ज़ाहिर करने के अधिकार मिले हैं. इसके अलावा, वे सब-सेक्शन 15.12 (f) में बताई गई जानकारी को ऐसे मामले देखने वाली अदालत में तब ज़ाहिर कर सकते हैं, जब मध्यस्थता में हुए फ़ैसले के पालन से जुड़ा मामला हो. हालांकि, पक्षों को अनुरोध करना चाहिए कि इनके लिए न्यायिक कार्यवाही बंद कमरे में (निजी तौर पर) हो.

          • (g) सभी पक्ष, मध्यस्थता करने वाले का शुल्क, उसने जिन विशेषज्ञों को नियुक्त किया है उनका शुल्क और खर्च, और मध्यस्थता केंद्र के प्रशासनिक खर्चों को नियमों के मुताबिक चुकाएंगे. आखिरी फ़ैसले में, मध्यस्थता करने वाला इन शुल्क के लिए प्रमुख पक्ष की ऐडवांस में चुकाई गई रकम को लौटाने के लिए गैर-प्रमुख पक्ष की बाध्यता तय करेगा.

          • (h) विवाद के बारे में मध्यस्थता करने वाले के आखिरी फ़ैसले की परवाह किए बिना, हर पक्ष अपने वकीलों और विशेषज्ञों की फ़ीस और खर्च की भरपाई करेगा.

      • उत्तरी अमेरिका - संयुक्त राज्य अमेरिका

        • सेक्शन 15.19 (परिभाषाएं) को सेक्शन 15.20 (परिभाषाएं) में बदल दिया गया है.

        • एक नया सेक्शन 15.19 जोड़ा गया है:

        • 15.19 अमेरिकन फ़ेडरल एजेंसी के उपयोगकर्ता. ये सेवाएं पूरी तरह से निजी खर्च पर बनाई गई थीं और लागू संघीय अधिग्रहण कानून और उनकी एजेंसी की चीज़ों में वाणिज्यिक कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर और संबंधित दस्तावेज़ हैं.

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